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वनकर्मियों की कमी से बिन्नागुड़ी रेंज में काम करने में हो रही परेशानी

- वनकर्मियों के रिटायर्ड होने के बाद नहीं हुई नई नियुक्ति, गाडि़यों का भी अभाव - उच्च

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 04:53 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 04:53 PM (IST)
वनकर्मियों की कमी से बिन्नागुड़ी रेंज में काम करने में हो रही परेशानी
वनकर्मियों की कमी से बिन्नागुड़ी रेंज में काम करने में हो रही परेशानी

- वनकर्मियों के रिटायर्ड होने के बाद नहीं हुई नई नियुक्ति, गाडि़यों का भी अभाव

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- उच्च अधिकारियों से कई बार की गई शिकायत, नहीं हुआ लाभ: रेंजर

- वनमंत्री ने समस्या का जल्द समाधान करने का दिया आश्वासन गोपाल मंडल, बानरहाट: करीब 1200 वर्ग किलोमीटर इलाके में वन्य प्राणियों को संभालने में बिन्नागुड़ी रेंज के वनकर्मियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रातों रात वन्य प्राणियों को नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त सामग्री की भी कमी है। इसके अलावा वनकर्मियों की कमी और बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है। उक्त कारणों से रेंज के वनकर्मियों को काम करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बिन्नागुड़ी रेंज से मिली जानकारी के अनुसार यहां एक रेंजर ऑफिसर, दो बीट ऑफिसर, एक स्थायी गार्ड व दो वनकर्मी, चार अस्थायी वनकर्मी और तीन ऑफिस स्टाफ है। इन्हीं लोगों को लेकर बिन्नागुड़ी रेंज के विस्तृत इलाके का कामकाज किया जा रहा है। सभी का उम्र भी 50 से ज्यादा है। इसी रेंज में कभी 21 वनकर्मी हुआ करते थे। लेकिन उनके रिटायर्ड होने के बाद नए वनकर्मियों की नियुक्ति नहीं की गई। फलस्वरूप कम वनकर्मियों को लेकर ही रेंज चलाना पड़ रहा है।

एकमात्र गाड़ी से धुपगुड़ी, नागराकाटा, मदारीहाट ब्लॉक के कुछ अंश, बानरहाट थाना के अंर्तगत 27 चाय बागान, वीरपाड़ा थाने के कुछ क्षेत्रों के अलावा नाथुआ, कलाबाड़ी, बड़घरिया इलाकों में भी बिन्नागुड़ी रेंज के वनकर्मियों को गश्त लगाना पड़ता है। किसी रात को एक साथ दो तीन जगहों पर हाथी हमले की सूचना आने पर वनकर्मी व गाड़ी के अभाव में मौके पर पहुंचना संभव नहीं हो पाता है। इसलिये कई बार वनकर्मियों को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ता है। अगर बिन्नागुड़ी रेंज के गाड़ी का तेल खत्म हो जाता है तो स्थानीय पेट्रोल पंप से पेट्रोल भरने की अनुमति नहीं है। पेट्रोल भरने के लिए गाड़ी को 62 किलोमीटर दूर जलपाईगुड़ी जाना पड़ता है। इसी बीच अगर कहीं हाथियों का हमला होता है तो वनकर्मी मौके पर नहीं पहुंच पाते हैं। वनकर्मियों की माने तो उनलोगों को सबसे ज्यादा परेशानी धान उत्पादन के समय में होता है। इस समय जंगल इलाके से हमेशा ही हाथी निकलता रहता है।

बिन्नागुड़ी रेंज के रेंजर जलधर राय ने कहा के रेंज के वनकर्मियों को कई समस्याओं के बीच काम करना पड़ रहा है। उच्च अधिकारियों से भी कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। फलस्वरूप वनकर्मियों में भी नाराजगी है। वर्तमान समय में करीब प्रतिदिन ही हाथियों का हमला हो रहा है। इस कारण वनकर्मियों को दिर रात एक करके व परिवार को छोड़कर हमेशा जंगल में ही रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जब तक नए वनकर्मियों की नियुक्ति नहीं होती है समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। वनकर्मी के अलावा उपयुक्त सामग्री भी रेंज को मिलना चाहिए।

जलपाईगुड़ी अनाड़ी वाईल्ड लाइफ की वार्डन सीमा चौधरी ने कहा कि बिन्नागुड़ी रेंज में वनकर्मियों के अभाव में काम करने में परेशानी हो रही है। इस बारे में वनकर्मी को जानकारी दी जा चुकी है। इस बात को स्वीकार करते हुए वनकर्मी विनय कृष्ण बर्मन ने कहा कि वनकर्मी नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही समस्या का कोई हल निकल जाएगा।


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