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मछली के थोक मार्केट बनाने की योजना स्थगित

- आर्थिक संकट व कोरोना महामारी को ध्यान में रखकर लिया गया फैसला जागरण संवाददाता जल

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 07:30 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 07:30 PM (IST)
मछली के थोक मार्केट बनाने की योजना स्थगित
मछली के थोक मार्केट बनाने की योजना स्थगित

- आर्थिक संकट व कोरोना महामारी को ध्यान में रखकर लिया गया फैसला जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: एक तरफ आर्थिक संकट तो दूसरी तरफ कोरोना महामारी के कारण जलपाईगुड़ी बाल पाड़ा में मछली के थोक मार्केट बनाने की योजना को उत्तर बंगाल विभाग ने फिलहाल स्थगित रखा है। वहीं फीस मर्चेट एसोसिएशन की माने तो वर्तमान समय में दिनबाजार मछली बाजार की अवस्था व परिवेश काफी खराब है। व्यवसायियों की माने तो थोक व खुदरा मछली व्यवसाय एक ही जगह पर आ गया है। पहले से ही जगह कम है। अब लॉकडाउन की वजह से यहां नए-नए दुकान लगने से हालत और खराब हो गई है। संगठन के सचिव विश्वजीत मित्र ने कहा कि दिनबाजार में भीड़ बढ़ने से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। इसलिये थोक व्यवसायियों के लिए विकल्प मार्केट व खुदरा व्यवसायियों को दुकान देने की मांग की गई है। दिनबाजार में कुल 20 थोक व्यवसायी हैं। वहीं 100 से 150 खुदरा मछली व्यवसायियों की दुकान लगती है। मछली बाजार के सामने ही थोक सब्जी बाजार और खुदरा सब्जी के दुकान भी लगते हैं। इनकी संख्या में सैकड़ों में है। उक्त कारणों से ही मर्चेट एसोसिएशन की ओर से उत्तर बंगाल उन्नयन विभाग को विकल्प मार्केट बनाने की मांग की है। इस प्रस्ताव के बाद विभाग की ओर से मार्केट के लिए जगह भी तलाशी की जाने लगी। गोशाला मोड़ ट्रक टर्मिनर्स के स्थान पर और खड़िया ग्राम पंचायत के बाल पाड़ा इलाके को मार्केट के लिए तलाशा गया। फिर अंत में बाल पाड़ा को मार्केट के लिए चिन्हित किया गया। शुरू में जमीन अधिग्रहण को लेकर समस्या हुई, लेकिन बाद में सब ठीक हो गया। इसके बाद फीस मार्केट के लिए करीब 30 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की गई। लेकिन फिलहाल ये प्रोजेक्ट अधड़ में अटक गया है। मछली मार्केट निर्माण कार्य को फिलहाल स्थगित रखा गया है। इस बारे में मंत्री रवींद्रनाथ घोष ने कहा कि एक तरफ कोरोना महामारी तो दूसरी तरफ आर्थिक संकट है। इस कारण किसी बड़े प्रोजेक्ट में हाथ नहीं लगाया जा रहा है। उक्त काम के अचानक स्थगित होने से फीस मार्केट के व्यवसायी जरूर निराश हैं।

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