बांदापानी चाय बागान के श्रमिक चुनाव को ले दो खेमों में बंटे
- अधिग्रहण के सात साल बीत जाने के बावजूद नहीं खुला बागान फिर भी श्रमिकों के एक गुट को
- अधिग्रहण के सात साल बीत जाने के बावजूद नहीं खुला बागान, फिर भी श्रमिकों के एक गुट को ममता बनर्जी पर भरोसा संवाद सूत्र, वीरपाड़ा: वर्ष 2014 में जमीन अधिग्रहण होने के बावजूद अब तक बागान नहीं खुला है। इसलिये बांदापानी चाय बागान के श्रमिक विधानसभा चुनाव को लेकर दो हिस्सों में बंट गए हैं। श्रमिकों को एक गुट ने बताया कि अगर तृणमूल कांग्रेस तीसरी बार अपनी सरकार बनाती है तो बागान खोलने की व्यवस्था की जाएगी। तृणमूल सरकार ही राज्य और श्रमिक का विकास कर सकती है। वहीं दूसरे गुट के श्रमिकों का कहना है कि भाजपा की सरकार राज्य का संपूर्ण विकास कर सकती है।
बांदापानी चाय बागान के संगम सेल्फ हेल्प ग्रुप के संयोजक राजमूनी किंडो ने कहा कि वे लोग ममता बनर्जी को तीसरी बार के लिए मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं। सरकार ने लड़कियों के लिए कन्याश्री, सबुजश्री समेत कई योजनाएं समेत राज्य में भरपूर विकास कार्य किया है। अगर ममता बनर्जी तीसरी बार मुख्यमंत्री बनकर आती है तो बांदापानी चाय बागान जरूर खुलेगा। दूसरी ओर बागान के कर्मचारी बबलू मिंज ने कहा कि 2014 में ही बागान का सरकारी तौर पर अधिग्रहण किया गया था। उनलोगों को लगा था कि अब बागान खुल जाएगा। लेकिन सात वर्ष बीत जाने के बावजूद बागान नहीं खोला गया है। इसे लेकर जिलाधिकारी, श्रम विभाग, जिला परिषद समेत विभिन्न सरकारी विभागों में कई बार आवेदन किया गया, परंतु बागान नहीं खुला। बागान बंद होने के कारण युवक बाहर जाने को मजबूर हो रहे हैं। कई लोग नदियों में पत्थर तोड़ने और निकालने का काम करने अपना गुजारा कर रहे हैं। बबलू की माने तो यहां भाजपा की सरकार आने पर ही बागान खुलने और विकास होने की संभावना है। उक्त बातों ने राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ा दी है।