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पुरूलिया के ग्रामीण इलाकों में होगी शुद्व पेयजल की आपूर्ति

आसनसोल: पुरुलिया जिला में अब जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (जीका) की मदद से घर-घर

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 05:06 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 05:06 PM (IST)
पुरूलिया के ग्रामीण इलाकों में होगी शुद्व पेयजल की आपूर्ति
पुरूलिया के ग्रामीण इलाकों में होगी शुद्व पेयजल की आपूर्ति

आसनसोल: पुरुलिया जिला में अब जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (जीका) की मदद से घर-घर में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। सूखा के दौरान भी अब सुदूर ग्रामों में रहने वाले लोगों को पीने के पानी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। पाइप लाइन की मदद से अब नदी का पानी शुद्ध कर सीधे उनके घरों तक पहुंचेगा। इसके लिए जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी द्वारा वित्त पोषित योजना को अमली जामा पहनाने के लिए राज्य सरकार के पीएचई मंत्रालय ने कमर कस ली है। इसी माह 19 नवंबर को इससे संबंधित पहला निविदा जारी किया जाएगा।

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राज्य के पीएचई मंत्री मलय घटक ने बताया कि दिसंबर माह तक निविदा से संबंधित सभी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। घर-घर जल पहुंचाने के लिए कुल 2500 करोड़ की वृहत योजना बनाई गई है। इसके पहले चरण में पुरुलिया नगरपालिका और पांच प्रखंडों में रहने वाले करीब दस लाख लाभांवित होंगे। इसे लेकर गुरुवार की शाम राज्य के पीएचई मंत्री मलय घटक ने पुरुलिया के जिला शासक आलोकेश प्रसाद राय व अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस संबंध में मंत्री मलय घटक ने बताया कि जीका प्रोजेक्ट के तहत कुल ढाई हजार करोड़ का प्रोजेक्ट होगा। जिले के मुख्यालय समेत फिलहाल पांच प्रखंडों में अलग- अलग पांच प्रोजेक्ट बनेगा। नदी से पानी उठाकर उसकी सफाई कर नल के माध्यम से घर- घर आपूर्ति की जाएगी। मंत्री श्री घटक ने कहा कि 19 नवंबर को पहला टेंडर होगा। वहीं दिसंबर माह तक सभी टेंडर संपन्न हो जाएगा। मंत्री ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद जल्द ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। मालूम हो कि पुरुलिया जिला में पीने के शुद्ध पानी की काफी कमी है। यहां घर- घर जलापूर्ति होने से लोगों को काफी सुविधा होगी। सूत्रों के अनुसार, जीका के इस प्रोजेक्ट से जल्द ही जिले के अन्य प्रखंडों को भी जोड़ा जाएगा। फिलहाल रघुनाथपुर में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाएगा। यहां नदी से कच्चा पानी उठाकर पं¨पग स्टेशन ले जाया जाएगा। नदी तल पर 460 रिवरबेड टयूवबेल स्थापित किए जाएंगे। वहीं 150 से 500 वर्ग मीटर तक के 118 ओवरहेड रिजर्वायर बनाए जाएंगे, ताकि गांव- गांव तक पाइप लाइन से पानी की आपूर्ति की जाएगी।


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