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डीएमसी चुनाव के पहले कांग्रेस को बड़ा झटका

डीएमसी चुनाव के पहले कांग्रेस को बड़ा झटका

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 04:02 AM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2022 04:02 AM (IST)
डीएमसी चुनाव के पहले कांग्रेस को बड़ा झटका
डीएमसी चुनाव के पहले कांग्रेस को बड़ा झटका

डीएमसी चुनाव के पहले कांग्रेस को बड़ा झटका

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- कई दिग्गज कांग्रेसी मंत्री मलय घटक का हाथ पकड़कर टीएमसी में शामिल

-टीएमसी लीगल सेल की सभा में हुआ दल परिवर्तन

-डीएमसी चुनाव के पहले विरोधियों को कमजोर करने में जुटी टीएमसी

जागरण संवाददाता, दुर्गापुर : दुर्गापुर नगर निगम (डीएमसी) बोर्ड का कार्यकाल छह सितंबर को समाप्त हो रहा है। अनुमान है कि अगस्त तक डीएमसी का चुनाव हो सकता है। इसके लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) रणनीति बनाने में जुट गई है। चुनाव के पहले विरोधी दलों को कमजोर करने की कोशिश के अंतर्गत टीएमी ने शनिवार को कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। उसके कई दिग्गज नेताओं को अपने पाले में कर लिया है। शनिवार को दुर्गापुर कोर्ट के समीप टीएमसी लीगल सेल की ओर से 21 जुलाई शहीद सभा को लेकर हुए सभा में कई दिग्गज कांग्रेसी नेता टीएमसी में शामिल हुए। यही नहीं दुर्गापुर कोर्ट में अन्य दलों के विचारधारा से प्रेरित कई वकीलों ने भी टीएमसी लीगल सेल की सदस्यता ली। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सह तृणमूल लीगल सेल के अध्यक्ष देवव्रत साईं के नेतृत्व में आयोजित सभा में मंत्री मलय घटक, विधायक नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती, अभिजीत घटक, जितेन चटर्जी, रंजीत राय, मनोज चांद, कल्लोल घोष, मेयर परिषद सदस्य प्रभात चटर्जी, उपमेयर अमिताभ बनर्जी, दीपंकर लाहा समेत काफी संख्या में वकील मौजूद थे।

विधायक नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री आम जनता के लिए काम कर रही हैं। वहीं केंद्र सरकार देश को बेचने में लगी हुई है। केंद्रीय संस्थानों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। ईसीएल के भी कई खदानों को निजी हाथों में देने की योजना बनी है। केवल ईडी, सीबीआइ का इस्तेमाल कर विरोधियों को डराने एवं सरकार गिराने की कोशिश में लगी है। जल्द ही जनता उन्हें जवाब देगी। भाजपा की एक नेत्री के बयान को सुप्रीम कोर्ट तक ने आलोचना की। महंगाई आसमान छूती जा रही है। लेकिन केंद्र का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।

जल्द दुर्गापुर के नए कोर्ट में शुरू होगा काम : मंत्री मलय घटक ने कहा कि मतदाता पहचान पत्र की मांग पर ममता बनर्जी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री सचिवालय अभियान हुआ था। उस समय वाममोर्चा सरकार के इशारे पर पुलिस ने गोली फायरिंग कर दी थी, जिसमें 13 लोगों की जान गई थी। तब से मुख्यमंत्री इस दिन शहीद सभा का आयोजन करती है। दो वर्ष कोरोना के कारण शहीद सभा नहीं हो सकी थी। इस बार वृहद पैमाने पर यह सभा होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद भी वकील है एवं उनकी सरकार में 15 मंत्री ऐसे है, जो वकील हैं। इस कारण वे वकीलों की समस्या को जानती है। वकीलों के साथ खड़ा रहने के लिए कई तरह से सहायता प्रदान की जा रही है। उनके लिए फंड की व्यवस्था की जा रही है। दुर्गापुर कोर्ट किराया के भवन पर चलता आ रहा है। अब दुर्गापुर कोर्ट का अपना भवन होगा। उम्मीद है जल्द ही नए कोर्ट का निर्माण कार्य पूरा होगा। जहां वकीलों के बैठने से लेकर वाहन पार्किंग आदि की सुविधा रहेगी। ऐसा कोर्ट भवन राज्य में कहीं नहीं है।


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