मोयरा कोलियरी को बंद करने का निर्णय टला
उखड़ा : उखड़ा-ईसीएल के बंकोला क्षेत्रांतर्गत मोयरा कोलियरी को बंद करने का निर्णय फिलहाल
उखड़ा : उखड़ा-ईसीएल के बंकोला क्षेत्रांतर्गत मोयरा कोलियरी को बंद करने का निर्णय फिलहाल टल गया है। जिससे वहां के श्रमिकों में खुशी व्याप्त है। बंकोला क्षेत्र के अंतर्गत मोयर कोलियरी अंडर ग्राउंड खदान है। जहां तकरीबन दो सौ श्रमिक काम करते है। प्रबंधन की ओर से दिसंबर के पहले सप्ताह में कोलियरी को बंद कर श्रमिकों का तबादला अन्य कोलियरी में करने का पत्र जारी किया गया। जिसकी जानकारी मिलने के साथ ही श्रमिकों में आक्रोश देखा एवं श्रमिक संगठनों ने कोलियरी बंद करने की साजिश प्रबंधन पर लगाई थी। पंद्रह दिसंबर को श्रमिकों ने विरोध प्रदर्शन के साथ रोड जाम भी किया था। जिसमें जिला परिषद के कर्माध्यक्ष रूपेश यादव के अलावा एटक नेता सह पूर्व सांसद आरसी ¨सह शामिल हुए थे। उसके बाद एचएमएस की ओर से भी कोलियरी को बंद करने की साजिश को लेकर आंदोलन किया गया था। यहां तक की जेबीसीसीआइ में भी एचएमएस ने इस बात को उठाया था। जिसके बाद सेफ्टी बोर्ड की टीम ने कोलियरी का दौरा किया। फिलहाल वहां काम सुरक्षा का काम किया जाएगा। इसके मार्च तक काम के बाद फिर से श्रमिकों को वापस लाने पर प्रबंधन तैयार हुआ है। एचएमएस के महामंत्री एसके पांडेय ने कहा कि प्रबंधन ने 31 मार्च के बाद फिर सभी श्रमिकों को वापस लाने की बात कही है। हमलोगों ने जेबीसीसीआइ में इस मुद्दे को उठाया था। क्षेत्र के महाप्रबंधक मनोज कुमार ने कहा कि कोलियरी में सब कुछ रहेगा सिर्फ उत्पादन संबंधी कार्य बंद रहेगा। पानी बिजली की व्यवस्था पूरी रहेगी कुछ श्रमिकों को छोड़ अन्य को रोल के तहत 31 मार्च तक अन्य कोलियरियों में भेजा जाएगा। कोलियरी चालू होने पर सब को बुला लिया जाएगा। हालांकि यही बात प्रबंधन की ओर से आरंभी से कही जा रही थी।
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मोयरा में एचएमएस की सभा
उखड़ा : मोयरा कोलियरी में एचएमएएस की सभा हुई। जिसमें महामंत्री एसके पांडेय, अध्यक्ष अध्यक्ष मुनाजिर हुसैन, बीडी नोनिया आदि मौजूद थे। एसके पांडे ने कहा कि 28 तारीख को कॉरपोरेट जेबीसीसीआइ की बैठक में कोयलरी को बंद करने की बात को उठाई गई थी, जहां चर्चा हुआ था कि ईसीएल सेफ्टी बोर्ड द्वारा दौरा करके निरीक्षण करने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। 30 तारीख को ईसीएल सेफ्टी बोर्ड की टीम ने दौरा कर कोलियरी को चालू करने पर मुहर लगाई। फिलहाल वहां कुछ काम होना है, तब तक श्रमिक दूसरे कोलियरी में जाएंगे। काम पूरा होने के बाद वापस यहां आ जाएंगे। श्रमिकों की एकजुटता के कारण प्रबंधन अपने फैसले से पीछे हटी है।