सिनर्जी तय करेगी शिल्पांचल में औद्योगिक विकास की दिशा
. दुर्गापुर के सृजनी हाल में होगी सिनर्जी की बैठक . औद्योगिक विकास को लेकर तीन जिला के डीएम व उद्
. दुर्गापुर के सृजनी हाल में होगी सिनर्जी की बैठक
. औद्योगिक विकास को लेकर तीन जिला के डीएम व उद्योगपति होंगे बैठक में शामिल जागरण संवाददाता,
आसनसोल: कभी भारत का रूर कहलाने वाले शिल्पांचल को औद्योगिक मानचित्र में पुर्नस्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है।
15 नवंबर को पश्चिम बर्दमान जिले के दुर्गापुर में सिनर्जी की बैठक इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। दुर्गापुर के सृजनी हॉल में प्रस्तावित इस बैठक में पश्चिम बर्दमान के साथ- साथ पूर्वी बर्दमान और वीरभूम जिला के जिला शासकों को भी बुलाया गया है, जिसकी अध्यक्षता राज्य के लघु व मध्यम उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अलापन बनर्जी करेंगे। इस बैठक में तीनों जिला के विभिन्न चैंबर आफ कामर्स, व्यवसायी व उद्योगपतियों को भी बुलाया गया है। दरअसल पिछले कुछ वर्षों में राज्य सरकार के अथक प्रयास के बावजूद नये उद्योगों को स्थापित करने की दिशा में कुछ खास प्रगति नहीं हो पाई है। लघु व सुक्ष्म उद्योग को बढ़ावा देकर ग्रामीण औद्योगिक ढांचा को मजबूत करने का भी प्रयास अभी रंग नहीं ला पाया है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, औद्योगिक ढांचा को मजबूत करने के लिए इस बैठक में प्रशासनिक समन्वय सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा होगा। दरअसल नये उद्योग लगाने में आने वाली अड़चन को दूर करने के लिए उद्योगपति व अधिकारी में समन्वय काफी जरूरी है। इसे बेहतर बनाने के मुद्े पर उद्योगपतियों से भी राय ली जाएगी। दूसरा मुद्दा ग्रामीण उद्योग का है, गांव क्षेत्र में सुक्ष्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए किये जा रहे प्रयासों को कैसे और बेहतर बनाया जाए इस पर सुझाव मांगे जाएंगे। विशेषकर शाल पत्ता की थाली, बनावटी गहना आदि के निर्माण पर चर्चा होगी।
वहीं जमीन की समस्या और उद्योग स्थापित करने में आड़े आ रही धन की कमी दूर करने को भी वार्ता में शामिल किया जाएगा।
वैसे भी राज्य सरकार आसनसोल के कल्याणेश्वरी, जामुड़िया समेत विभिन्न अंचलों में औद्योगिक कलस्टर स्थापित करने के लिए उद्योगपतियों को आगे लाना चाहती है। इस बैठक में बिजली की समस्या पर चर्चा होने की संभावना है। वहीं इस बैठक को लेकर शिल्पांचल के उद्योगपतियों में उत्साह है। सभी को आशा है कि सिनर्जी शिल्पांचल के औद्योगिक विकास को निश्चित रूप से नई दिशा देगी। पश्चिम बर्दमान के एडीएम सामान्य अ¨रदम दत्ता का कहना है कि सिनर्जी के माध्यम से उद्योगपतियों की समस्याओं को सुलझाने के साथ- साथ नये उद्योगों की संभावनाएं भी तलाशी जाएगी। नये उद्योग लगाने में आ रही अड़चनों का दूर करने का प्रयास किया जाएगा। वहीं सबसे अधिक जोर ग्रामीण औद्योगिक संरचना का निर्माण करने पर होगा, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साथ- साथ राजस्व भी प्राप्त हो।