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सेल की कोलियरियों में उत्पादन बंद होने पर सीटू ने जताई चिंता

सीटू ने गुरुवार को सेल के रामनगर कोलियरी स्थित सीटू कार्यालय में बैठक कर मजदूरों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Jul 2022 04:04 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jul 2022 04:04 AM (IST)
सेल की कोलियरियों में उत्पादन बंद होने पर सीटू ने जताई चिंता
सेल की कोलियरियों में उत्पादन बंद होने पर सीटू ने जताई चिंता

सेल की कोलियरियों में उत्पादन बंद होने पर सीटू ने जताई चिंता

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- सीटू से संबद्ध बिकोकायू की बैठक में श्रमिक समस्याओं पर हुई चर्चा

-सेल प्रबंधन पर लगाया मजदूर विरोधी नीति अपनाने का आरोप

संवाद सहयोगी, बराकर : बिहार कोलियरी कामगार यूनियन ने गुरुवार को सेल के रामनगर कोलियरी स्थित सीटू कार्यालय में बैठक कर मजदूरों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की। इसमें ठेका श्रमिकों की बुरी स्थिति पर भी विचार किया गया।

चासनाला शाखा के संयुक्त सचिव कार्तिक ओझा ने कहा कि चासनाला में बेस क्वारी, डीप माइंस कई महीनों से बंद हैं। जीतपुर कोलियरी 20 अगस्त 2000 से बंद है। रामनगर कोलियरी के सालानपुर, लाइकडीह में भी कई माह से उत्पादन ठप है। पूर्व में उत्पादित कोयला का डिस्पैच कर कोलियरी को चालू दिखाया जा रहा है, जबकि वास्तविकता यह नहीं है। मंत्री कहते हैं कोयला उत्पादन कम हो रहा हैं। कोयला की कमी पर कई पावर प्लांट बंद कर दिया गया था। इसके लिए जिम्मेदार कौन है। प्रबंधन मजदूर विरोधी नीतियों पर चल रहा हैं। वेतनवृद्धि का लाभ एक जनवरी 2017 से मिलना चाहिए था, लेकिन इसे एक अप्रैल 2020 से लागू किया गया। प्रमोशन नियम में भी बदलाव नहीं किया गया। डिप्लोमा होल्डर इंजीनियर को जूनियर इंजीनियर को मान्यता नहीं दी गई। इसके विरुद्ध नीतियां बनाकर धरना प्रदर्शन के माध्यम से प्रबंधन पर दबाव डाला जाएगा। जिससे मजदूरों को उसका हक मिल सके।

इस अवसर पर सीटू के वरिष्ठ नेता सुजीत भट्टाचार्य, बिहार कोलियरी कामगार यूनियन के महासचिव सुंदरलाल महतो, जोगेंद्र महतो, कार्तिक ओझा, सोमित मंडल, सुरेंद्र कुमार, अखिलेश साव, अमरजीत पासवान, आशीष घोष, दिनेश मंडल, मलय पाल, सुशीतल मंडल, विश्वनाथ बाउरी, राजेंद्रनाथ पाल, मकर बाउरी समेत अन्य श्रमिक उपस्थित थे।

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विस्थापितों के विरोध के कारण नहीं आ रहे ठेकेदार

उधर कोलियरी प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण कोलियरी में उत्पादन नहीं हो पा रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर की कोई कमी नहीं है। प्रबंधन सूत्रों के अनुसार विस्थापितों के विरोध के कारण ठेकेदार टेंडर डालने ही नहीं आते हैं। हालांकि प्रबंधन को उम्मीद है कि रामनगर कोलियरी का जल्द ही टेंडर हो जाएगा।


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