अनुब्रत की बंगाल में 45 संपत्ति, पत्नी व बेटी के नाम पर खरीदी गई
बीरभूम के तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता अनुब्रत मंडल से मवेशी तस्करी मामले का तार सीधा जुड़ता चला जा रहा है।
अनुब्रत की बंगाल में 45 संपत्ति, पत्नी व बेटी के नाम पर खरीदी गई
जागरण संवाददाता, आसनसोल : बीरभूम के तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता अनुब्रत मंडल से मवेशी तस्करी मामले का तार सीधा जुड़ता चला जा रहा है। सीबीआइ की जांच में इस संबंध में कई राज उजागर हुए हैं। अनुब्रत के अंगरक्षक सहगल हुसैन के पास मिली अकूत संपत्तियों की जांच में सीबीआइ को पता चला है कि वर्ष 2014 से 2020 के बीच अनुब्रत मंडल, उनकी पत्नी व उनकी बेटी के नाम से पूरे राज्य में 45 संपत्ति खरीदी गई थी। इस संबंध में सबूत भी सीबीआइ ने शुक्रवार को अदालत को उपलब्ध कराया है। इसमें इन जमीनों की दलीलें भी शामिल हैं। सीबीआइ ने कोर्ट को बताया कि अनुब्रत मंडल ने अपने बाडीगार्ड सहगल हुसैन के साथ मिलकर मवेशी तस्करी में एनामुल हक के साथ मिल कर खूब पैसा कमाया। इन पैसों से इन्होंने अकूत संपत्ति खड़ी कर ली। यह भी दावा किया गया है कि अनुब्रत मंडल के पास बीरभूम और मुर्शिदाबाद में कई पत्थर खदान हैं। अंगरक्षक सहगल हुसैन के पास मुर्शिदाबाद में तीन एकड़ जमीन के सात डीड मिले हैं। साथ ही कई ट्रक व हाइवा सहित कई पेट्रोल पंप भी सहगल ने कम समय में खड़े कर लिए हैं। इन सभी के सबूत सीबीआइ को मिले हैं। सहगल हुसैन फिलहाल सीबीआइ की हिरासत में है।
सहगल को नहीं मिली जमानत, 22 को अगली पेशी
शुक्रवार को आसनसोल स्थित सीबीआइ की अदालत ने सहगल हुसैन की जमानत अर्जी खारिज कर दी। सीबीआइ के जज राजेश चक्रवर्ती ने 22 जुलाई को सुनवाई की अगली तारीख तय की है। बचाव पक्ष के वकील ने अदालत से कहा कि सीबीआइ सहगल हुसैन पर झूठा आरोप लगा रही है। वह 28 दिन से जेल में है, इसलिए उसे जमानत दी जाए।
दूसरी ओर सीबीआइ के अधिवक्ता राकेश कुमार ने जांच जारी रहने का हवाला देते हुए जमानत का विरोध किया। कहा कि सीबीआइ की जांच टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल एवं उनके बाडीगार्ड सहगल हुसैन के पास करीब 200 करोड़ की चल अचल संपत्ति का पता चला है। इसके कागजात भी अदालत को उपलब्ध कराए गए हैं। शक है कि यह संपत्ति गोतस्करी से अर्जित की गई है। इस मामले में अनुब्रत मंडल व अन्य गवाहों से पूछताछ होना बाकी है। सहगल को जमानत देने पर जांच के प्रभावित होने की आशंका है। इसके बाद अदालत ने सहगल हुसैन की जमानत याचिका निरस्त कर दी।
फारेंसिंक जांच के लिए हैदराबाद भेजा मोबाइल : सीबीआइ ने अदालत से सहगल हुसैन के जब्त मोबाइल को फारेंसिक जांच के लिए हैदराबाद भेजे जाने की अनुमति मांगी। अदालत ने इसे मंजूर कर लिया है। बचाव पक्ष को उसकी प्रति भी उपलब्ध करा दी गई। सीबीआइ का कहना है कि सहगल हुसैन के मोबाइल से बहुत बड़े खुलासे होंगे। इसमें कई बड़े नाम की संलिप्तता उजागर हो सकती है।