छापेमारी के नाम पर अधिकारी करते थे उगाही
-दस लाख रुपये में सुरक्षित निकालने की हुई थी डील -सिलीगुड़ी से लेकर कोलकाता कस्टम कार्यालय
-दस लाख रुपये में सुरक्षित निकालने की हुई थी डील
-सिलीगुड़ी से लेकर कोलकाता कस्टम कार्यालय तक हड़कंप
एक्सक्लूसिव जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी: लकड़ी तस्करी के आरोप में पकड़े गए दो कथित सरकारी अधिकारियों के बारे में सनसनीखेज जानकारी जाच एजेंसियों को मिल रही है। हांलाकि भले ही आला अधिकारी मामले की जांच की बात कर रहे हैं,लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह छापामारी के नाम पर तस्करों से उगाही का मामला है। 53 वर्षीय अभिमन्यु मांझी सिलीगुड़ी कस्टम डीपीयू में सुपरिटेंडेंट और सुकातपल्ली गेट बाजार निवासी जीएसटी के बर्खास्त सुपरिटेंडेंट देवाशीष धर और उनके सहयोगी दरअसल छापामारी के नाम पर तस्करों से उगाही का धंधा करते थे। वन विभाग के द्वारा लाखों रुपए मूल्य के सागवान की लकड़ी के साथ ट्रक के आगे पीछे नीली बत्ती लगी दो वाहनों गाड़ियों को भी जब्त किया गया है। प्राथमिक जाच में पता चला है कि जीएसटी से भ्रष्टाचार मामले में बर्खास्त देवाशीष धर, कस्टम अधिकारी अभिमन्यु मांझी अन्य लोगों के साथ उत्तरायण के पीछे हिमाचल विहार में एक फ्लैट किराए पर लेकर इस प्रकार की घटना को अंजाम देने के लिए ताना-बाना बुनते रहते थे। वहीं इनके लिए मौज मस्ती की व्यवस्था भी रहती थी। जो चौंकाने वाल जानकारी मिली है उसके अनुसार नीली बत्ती लगी वाहनों से यह सब देर रात फूलबाड़ी टोल प्लाजा के पास पहुंचते थे। आरोप है कि वहा जीएसटी सिंडिकेट से मिलने वाली सूचना के आधार पर कोयला ,सुपारी, लकड़ी तथा लोंग इलाइची लदे ट्रकों को पकड़ते थे। 2से पाच और 10 लाख तक में सौदा करने के बाद दो-चार दिनों बाद ट्रकों को छोड़ दिया करते थे। इसी लत के मारे इन दोनों अधिकारियों ने सागवान लकड़ी लदे ट्रक को पकड़ा। उसे कई दिनों तक अपने कब्जे में रखा और वहा वाहन का नंबर प्लेट बदल कर अपने देखरेख में जब लकड़ी को लेकर जा रहे थे तभी वन विभाग की टीम ने इन्हें दबोच लिया।
कैसे हुआ सरकारी बोर्ड का इस्तेमाल
वन विभाग और जीएसटी कस्टम के आला अधिकारी इस बात की जाच में लगे हैं कि जब उन्हें जीएसटी से बर्खास्त कर दिया गया है तो यह कैसे वर्दी का और गवर्नमेंट ऑफ इंडिया लगे बोर्ड का इस्तेमाल करते थे। विभाग इस बात की भी जाच कर रही है कि देवाशीष धर के साथ सिर्फ माझी ही था या कस्टम और जीएसटी के कुछ और अधिकारी मिले हुए थे। वन विभाग को ट्रक चालक और खलासी के द्वारा दिए गए बयान से कई जानकारी मिली है। बताया जा रहा है कि ट्रक को छोड़ने और सुरक्षित पार कराने के लिए दस लाख रुपये में डील हुई थी। हालाकि वन विभाग को कस्टम के अधिकारी ने बताया कि वह लकड़ी को पकड़ने के बाद फूलबाड़ी कस्टम कार्यालय की ओर ले जा रहे थे तभी वन विभाग ने इस ट्रक को जब्त किया है।
वन विभाग के एडीएफओ जयंत मंडल इस बात से आहत हैं कि जिनके कंधे पर तस्करी रोकने की जिम्मेदारी दी गई है वही पैसे की लालच में तस्करों से उगाही करने लगें तो कैसे तस्करी पर लगाम लगाया जा सकता है। इस प्रकार नीली बत्ती और पद का दुरुपयोग करने वाले पर कार्रवाई की जानी चाहिए । देवाशीष धर और अभिमन्यु माझी के पकड़े जाने के बाद कस्टम और जीएसटी विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सिलीगुड़ी यूनिट से लेकर कमिश्नरेट कोलकाता तक इस मामले की गूंज सुनाई पड़ रही है।