West Bengal: दार्जिलिंग मेें पिकनिक स्थलों पर कम होने लगी है सैलानियों की संख्या
पिकनिक का सीजन अब दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र में समाप्ति की ओर दिखने लगा है। विगत दिनों की तुलना में अब पिकनिक का लुत्फ़ उठाने वाले लोगों की संख्या में कमी दिखने लगी है।
कर्सियांग, जागरण संवाददाता। पिकनिक का सीजन अब दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र में समाप्ति की ओर दिखने लगा है। विगत दिनों की तुलना में इस क्षेत्र के पिकनिक स्थलों में अब पिकनिक का लुत्फ़ उठाने वाले लोगों की संख्या में कमी दिखने लगी है। इसी क्रम में रविवार को कर्सियांग महकमा क्षेत्र के प्रमुख पिकनिक स्थल दूधिया बाजार क्षेत्र स्थित बालासन नदी के किनारे डम्फेटार में पिकनिक मनाने वाले लोगों के जमघट में काफी कमी दिखाई पड़ने लगी है।
स्थानीय लोगों ने इस बारे में बताया कि प्रत्येक वर्ष ठंड का मौसम शुरू होते ही दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र में पिकनिक का सीजन आरंभ हो जाता है। तकरीबन दो से ढाई महीने तक पिकनिक का सीजन चलता है। फरवरी महीने के दूसरे सप्ताह तक प्राय: पिकनिक का लुत्फ़ उठाने के लिए आने वाले लोगों का आगमन बंद हो जाता है। अब इसका सीजन समाप्ति की ओर होने के कारण अब पिकनिक मनाने वाले लोगों के जमघट कम दिखी।
गौरतलब है, दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र में ठंड का मौसम आरंभ होते ही क्षेत्र के लोग पिकनिक का लुत्फ़ उठाने के लिए क्षेत्र के विविध इलाकों के पिकनिक स्थलों में जाना आरंभ कर देते हैं। विशेषकर दीपावली के बाद अक्षयनवमी से अधिकतर लोगों की जमात पिकनिक का लुत्फ़ उठाने के लिए दुधिया स्थित बालासन नदी के किनारे डम्फेटार ,शिवखोला, रोहिणी आदि इलाकों में जाने का कार्य करते हैं।
जानकारी अनुसार दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र में पिकनिक का सीजन प्रत्येक वर्ष दीपावली के बाद यानि अक्षय नवमी से आरंभ करने को लोग शुभ मुहूर्त मानते हैं। फलस्वरूप इस दिन से लोग पिकनिक मनाना आरंभ कर देते हैं। पिकनिक मनाने का अक्सर जनवरी महीने के अंत तक जमकर चलता है। इसके बाद इसका सीजन समाप्ति की ओर खिसकने लगता है। अधिकतर लोगों की जमात पिकनिक मनाने के लिए रविवार के दिन जाना पसंद करते हैं। अन्य दिनों में पिकनिक मनानेवाले लोगों की भीड़ कम ही रहता है।
प्रति वर्ष पिकनिक मनानेवालों की सबसे अधिक जमावड़ा क्षेत्र के विविध पिकनिक स्थलों में एक जनवरी व 26 जनवरी के दिन होता है। पिकनिक के सीजन में पिकनिक स्थलों के आसपास क्षेत्र के दुकानदार काफी लाभान्वित होते हैं। उनकी खुदरा दुकानदारी संतोषजनक हो जाती है।