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West Bengal: बंगाल में चालू वित्त वर्ष में नौ लाख लोगों ने स्वास्थ्य साथी का उठाया लाभ

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना को बंगाल में लागू करने से साफ मना कर चुकी ममता बनर्जी सरकार यहां 2016 से ही खुद की अपनी स्वास्थ्य साथी योजना चला रही है

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 09:57 AM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 10:12 AM (IST)
West Bengal: बंगाल में चालू वित्त वर्ष में नौ लाख लोगों ने स्वास्थ्य साथी का उठाया लाभ
West Bengal: बंगाल में चालू वित्त वर्ष में नौ लाख लोगों ने स्वास्थ्य साथी का उठाया लाभ

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना को बंगाल में लागू करने से साफ मना कर चुकी ममता बनर्जी सरकार यहां 2016 से ही खुद की अपनी स्वास्थ्य साथी योजना चला रही है। इस योजना के तहत भी बिना एक पैसे दिए पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा है। राज्य के करीब डेढ़ करोड़ परिवारों के लगभग साढ़े सात करोड़ लोग इस योजना के दायरे में हैं।

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राज्य सरकार का दावा है कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 में 31 दिसंबर तक राज्य के करीब 8.99 लाख मरीजों ने इस योजना के तहत मुफ्त इलाज का लाभ उठाया। राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने सोमवार को विधानसभा में बजट पेश करने के दौरान कहा कि चालू वित्त वर्ष में राज्य सरकार ने योजना पर 906.53 करोड़ रुपये खर्च किए। इससे पहले वित्त वर्ष 2018-19 में 5.2 लाख मरीजों ने इस योजना का लाभ उठाया था और इसपर 503.50 करोड़ रुपये खर्च किए थे।

पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में चालू वर्ष में लगभग दोगुना से ज्यादा लोगों ने योजना का लाभ उठाया और खर्च भी दोगुनी से ज्यादा राशि की गई। राज्य सरकार के अनुसार, स्वास्थ्य साथी योजना के कार्डधारकों को 1518 नेटवर्क अस्पतालों और नर्सिग होमों में इलाज की सुविधा है। इस योजना के दायरे में आने वाले लोग यहां जटिल से जटिल बीमारियों आदि का इलाज करा सकते हैं और अस्पताल के खर्चे के लिए पांच लाख रुपये तक का बीमा राज्य सरकार सुनिश्चित करती है।

एक और खासियत है कि इस योजना के तहत स्वास्थ्य साथी स्मार्ट कार्ड परिवार की महिला सदस्य के नाम पर ही जारी किया जाता है जिसमें अन्य सदस्यों का भी नाम अंकित रहता है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस महत्वाकांक्षी योजना को 2016 में लांच किया था और पिछले तीन वर्षो से यह सफलतापूर्वक जारी है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के बार-बार अनुरोध के बावजूद ममता सरकार प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना को लागू करने से साफ इन्कार कर चुकी है। बंगाल के अलावा दिल्ली, तेलंगाना और ओडिशा ने भी अभी तक इसे लागू नहीं किया है। बंगाल सरकार पहले ही कह चुकी है कि आयुष्मान योजना शुरू होने से पहले से उनकी सरकार राज्य में स्वास्थ्य साथी योजना चला रही है। आयुष्मान योजना के अंतर्गत देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों के 55 करोड़ लोगों को पांच लाख रुपये तक का नि:शुल्क इलाज (कैशलेस इलाज) की सुविधा है। 25 सितंबर 2018 को यह योजना पूरे देश में लागू की गई थी। अभी हाल में स्वास्थ्य मंत्री हर्षव‌र्द्धन ने दावा किया था कि बीते एक वर्ष में 82 लाख से ज्यादा लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है। 


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