West Bengal: दो महीने से बंद के बाद आज से अब बस परिसेवा शुरू कर रही एनबीएसटीसी है
दो महीने बाद एनबीएसटीसी ने शुरू की नियमित बस सेवा तीन निजी बस भी बिहार के लिए रवाना -आज से होगी और भी कई बस सेवा की शुरूआत
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। करीब दो महीने के बाद उत्तर बंगाल राष्ट्रीय परिवहन निगम (एनबीएसटीसी) की सेवा स्वाभाविक हो रही है। बुधवार से कोलकाता सहित राज्य के विभिन्न जिलों के लिए बस परिसेवा शुरू की जा रही है। बल्कि इंटर डिस्ट्रिक्ट बसे परिसेवा भी शुरू होगी। बुधवार से यह सेवा शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली गई है।
कोरोना की वजह से जारी लॉकडाउन के दौरान करीब दो महीने तक आवाजाही पूरी तरह से ठप थी। प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन के बाद अब यात्री ट्रेन को चलाने की तैयारी रेल मंत्रालय कर रही है। इसी बीच पूरे एहतियात के साथ घरेलू विमान सेवा भी शुरू की गई है। दो महीने से बंद के बाद अब एनबीएसटीसी भी बस परिसेवा शुरू कर रही है।
हालांकि देश के विभिन्न भागों से आए मजदूरों को राज्य के दूसरे हिस्सों मे उनके घर तक पहुंचाने के लिए बीते 9 मई से ही एनबीएसटीससी बस परिसेवा दे रही है। एनबीएसटीसी से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार से बस परिसेवा स्वाभाविक हो रही है। सभी बसों को एक साथ सड़क पर नहीं उतारा जा रहा है। लेकिन हर रूट पर एक-दो बसों को दौड़ाने का निर्णय राज्य परिवहन मंत्रालय ने लिया है। बल्कि 27 मई से एनबीएसटीसी की बस परिसेवा शुरू करने के लिए सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किया है।
कोरोना से बचाव के सभी मानको और सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए बुधवार से दाíजलिंग, कालिमपोंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, अलीपुरदुआर, रायगंज, मालदा, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर, सहित कोलकाता और बहरमपुर रूट पर बसों का संचालन शुरू किया जाएगा। उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों के लिए सुबह से दिनभर अलग-अलग रूट के लिए समय सारणी के अनुसार बसों का संचालन किया जाएगा।
वहीं कोलकाता, बहरमपुर व अन्य दूरस्थ इलाको के लिए नाइट सुपर बसों का संचालन किया जाएगा। इसके साथ ही कुछ निजी बसों ने भी अपना परिचालन शुरू कर दिया है। मंगलवार को बिहार के मोतीहारी तथा सिवान के लिए तीन बसें शुरू हुई। बसों को पहले सैनिटाइज किया गया। मिली जानकारी के अनुसार इस संबंध मे एनबीएसटीसी के डिवी?नल मैनेजर दीपाकर दत्ता ने बताया की सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए बस परिसेवा शुरू किया जा रहा है।
थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही यात्रियों को बस मे चढ़ने दिया जाएगा। बस मे पचास प्रतिशत से भी कम यात्रियों को लेकर बस सड़क पर दौड़ेगी। बल्कि रेलवे के साथ सामंजस्य रखकर बसों का परिचालन किया जाएगा। ताकि दूर-दराज से आने वाले श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाया जा सके।