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West Bengal Coronavirus Effect: पीपीई किट लगाकर काम रहे हैं सैलून वाले, फिर भी ग्राहक नदारद

लॉकडाउन के दौरान भले ही शहर में दुकानें खोल दी गई हैं किंतु ग्राहक ना आने के वजह से दुकानदार परेशान हैं। लोगों के मन में कोरोना वायरस का भारी डर ब्यूटी पार्लर अभी भी बंद।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 08:40 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 08:40 AM (IST)
West Bengal Coronavirus Effect: पीपीई किट लगाकर काम रहे हैं सैलून वाले, फिर भी ग्राहक नदारद
West Bengal Coronavirus Effect: पीपीई किट लगाकर काम रहे हैं सैलून वाले, फिर भी ग्राहक नदारद

सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। लॉकडाउन के दौरान भले ही शहर में दुकानें खोल दी गई हैं, किंतु ग्राहक ना आने के वजह से दुकानदार परेशान हैं। इसी तरह की परेशानी शहर के सैलून वाले भी झेल रहे हैं। सुबह से ही दुकानें खोल दी जाती है,किंतु दिन भर आखें ग्राहक के इंतजार में टकटकी लगाए रहती है। जबकि शहर में ब्यूटी पार्लर अभी भी बंद ही है। मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी शहर में ब्यूटी पार्लर नहीं खुले हैं, पुरूषों के लिए सैलून खोल दी गई है। जबकि ग्राहक नहीं है।

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सैलून वालों का कहना है कि लगता है की अब हमारा बोरिया बिस्तर समेटने का समय आ गया है। दिन भर बाट जोहने के बावजूद इक्का-दुक्का ग्राहक ही पहुंच पाते हैं। ऐसे में किस तरह से खर्चा चल पाएगा, यह सोचने वाली बात है। साथ ही साथ प्रयोग में लाई जाने वाली वस्तुएं या तो मिल नहीं रही है या फिर उन्हें ऊंची कीमत देकर खरीदना पड़ रहा है। जबकि बाल और दाढ़ी काटने के लिए ऊंची कीमत ग्राहक किसी भी हाल में देना नहीं चाहते हैं। वे पहले के दाम पर ही अपनी खूबसूरती को निखारना चाहते हैं। ऐसे में बेहद परेशान है। भविष्य में पता नहीं क्या होगा।

एक सैलून चलाने वाले विशेश्वर ठाकुर ने बताया कि कोरोना महामारी के समय पूरी सावधानी बरत रहे हैं। सर्वप्रथम पूरी दुकान को सैनिटाइज करते हैं। ग्राहकों को आने पर उन्हें भी सैनिटाइज कराया जाता है। पीपीई किट,फेस शिल्ड, मास्क आदि का प्रयोग कर अपनी सेवा देते हैं। इस समय दाढ़ी बनाने के लिए ब्रश का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, फोम का इस्तेमाल करते हैं। इससे ग्राहक और दुकानदार दोनों सुरक्षित रहेंगे। इतनी व्यवस्था के बाद भी ग्राहक नहीं के बराबर आ रहे हैं। दिन भर में दो से तीन ग्राहक ही दर्शन देते हैं। अब तो पहले से अधिक खर्च बढ़ गया है। जबकि कमाई नहीं के बराबर है।

इसी कड़ी में संतोष ठाकुर ने बताया कि दिन भर में 4 से 5 कस्टमर आते हैं। पहले जिनको दाढ़ी नहीं बनानी आती थी, उन्होंने भी लॉकडाउन में दाढ़ी बनाना सीख लिया है। बहुत जरूरत पड़ने पर ही ग्राहक आ रहे हैं। कोरोना को देखते हुए सुरक्षा का ख्याल रखा जाता है, किंतु ग्राहक नहीं आ रहे हैं। ऐसे में हम बहुत परेशान हैं। वहीं एक अन्य नाई निमाई ने बताया कि सुबह से ही दुकान खोलकर बैठ जाते हैं। सारा दिन ग्राहकों का इंतजार कर थक जाते हैं। दो-चार ग्राहक ही पहुंचते हैं। वही अभी तक कई ब्यूटी पार्लर नहीं खुले हैं।

इस बारे में ब्यूटीशियन पूनम जायसवाल का कहना है कि जब तक यह बीमारी कम नहीं हो जाती तब तक वह अपना पार्लर नहीं खोलेंगी। इस समय खोलने का मतलब अपनी जान जोखिम में डालना है। साथ ही कई वस्तुओं की कीमत भी बढ़ गई है। इसका असर सेवा लेने वालों पर पड़ेगा। ग्राहक बढ़ी हुई कीमत देना नहीं चाहेंगे। हा कोई ऑनलाइन क्लास इत्यादि लेना चाहे तो जरूर देंगी। जरूरत पड़ी तो निशुल्क तौर पर भी यह सेवा कर सकती हैं।

एक अन्य पार्लर संचालक ने बताया कि अभी उनका पार्लर नहीं खुला है। भविष्य में इस बीमारी के कम होने पर ही पार्लर खोला जाएगा। इसी तरह से सीमा विश्वकर्मा ने बताया कि उन्होंने अपना पार्लर खोल तो लिया है किंतु इक्का-दुक्का महिला ग्राहक ही पहुंच पाती हैं। एक समय में एक ही ग्राहक की एंट्री अपने पार्लर में करवाती है। मास्क, हाथों के दस्ताने और सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी करती हैं। वहीं सुनीता जयसवाल ने बताया कि लॉकडाउन में कस्टमर बहुत ही कम है। पहले के मुकाबले अब बीस प्रतिशत भी काम नहीं है। पता नहीं कब कोरोना की बीमारी दूर होगी और हमारा काम धड़ल्ले से चल पाएगा। 


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