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हम नई सोच व नए विचार से अग्रसर हैं: आलोक कांत मणि थुलूंग

-मुझे दुख इस बात का है अभी तक नेतृत्व सिद्धांतविहीन के पास रहा -मैं सिद्धांतवादी हूं इसलिए सिद्धांतव

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Aug 2021 08:49 PM (IST)Updated: Thu, 12 Aug 2021 08:49 PM (IST)
हम नई सोच व नए विचार से अग्रसर हैं: आलोक कांत मणि थुलूंग
हम नई सोच व नए विचार से अग्रसर हैं: आलोक कांत मणि थुलूंग

-मुझे दुख इस बात का है अभी तक नेतृत्व सिद्धांतविहीन के पास रहा,

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-मैं सिद्धांतवादी हूं इसलिए सिद्धांतवादी का समर्थन करूंगा

-अगर रावण गोरखालैंड लाएगा तो सीता का हरण होगा, राम लाएंगे तो ऐसा नहीं होगा

- गांधीवादी आंदोलन की बात करने वालों ने सुभाष घीसिंग की पत्नी का शव नहीं आने दिया

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संवाद सूत्र.दार्जिलिंग: हम नयी सोच और नए विचार के साथ संगठित होकर आगे बढ़ेंगे। यह मंतव्य आलोककांत मणि थुलूंग ने विगत दिवस गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष विमल गुरुंग व विनय तामाग के बीच हुई गुप्त मंत्रणा पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मुझे दुख इस बात का है कि अभी तक नेतृत्व ऐसे व्यक्ति के हाथ में जिसका कोई सिद्धांत ही नहीं है जब कि मैं सिद्धांतवादी हूं और सिद्धांतवादी को ही पसंद करता हूं। यहा के नेतृत्व करने वाले कई लोगों का मत है कि रावण या कंस जो भी गोरखालैंड लाएगा हम उसका समर्थन करेंगे। मगर मेरे विचार इन सबसे भिन्न हैं क्योंकि रावण द्वारा लाए गये गोरखालैंड में रोज सीता का हरण होगा ऐसे राक्षसी प्रवृत्ति वालों के हाथों गोरखालैंड लाना नहीं चाहेंगे जिसका कोई सिद्धात ना हो। इसलिए हमने सिद्धात वादी राम का साथ दिया उन्होंने कहा कि विनय तामाग ने झडा सौंपकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा टू को खत्म करने का कोशिश की परंतु हम थोड़ा सा भी नहीं डगमगाए और ज्यादा संगठित हुए शायद यह अच्छा ही हुआ हमारा और उनका रास्ता अलग हो गया कुछ नेता हमें तोड़ना चाहते थे थोड़ा बहुत सफल हुए मगर इससे हमें कुछ नहीं होगा हमारे साथ नयी सोच और नए विचार हैं और बहुत ही जल्दी नयी पार्टी और नया झडा लाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2007 में यह झडा का उदय झूठ से हुआ है विमल गुरुंग ने गाधीवादी आदोलन करने की बात की, मगर फिर ऐसा क्या हुआ सुभाष घीसिंग को पहाड़ छोड़ना पड़ा सुभाष घीसिंग की पत्नी के शव को यहा नहीं लाने दिया गया, इसी तरह 2008 में गोरखालैंड के अलावा दूसरे किसी चीज पर समझौता नहीं होगा यह कसम खाई गई मगर उन्होंने एमएलए भी बनाया एमपी भी बनाया और जीटीए की कुर्सी में भी बैठे यह झडा झूठ के बुनियाद पर बना है यह तो अच्छा हुआ इसे सौंप दिया गया।

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(फोटो- आलोक कांतमणि थुलूंग)


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