मुहर्रम आज, तैयारियों को दिया गया अंतिम रूप
फोटो राजेश 12 -गुरुंग बस्ती में अफगानिस्तान की मस्जिद की तर्ज पर बना ताजिया -बर्दवान रोड
फोटो : राजेश 12 -गुरुंग बस्ती में अफगानिस्तान की मस्जिद की तर्ज पर बना ताजिया
-बर्दवान रोड स्थित कर्बला मैदान में आज शाम ताजिया मिलन जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :
मुहर्रम का यौम-ए-आशुरा मंगलवार 10 सितंबर को मनाया जाएगा। इसे लेकर शहर व आसपास के मुस्लिम बहुल इलाकों में मुहर्रम की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस कड़ी में शहर के तीन नंबर वार्ड अंतर्गत गुरुंग बस्ती में भी मुहर्रम की तैयारी की गई है। इस कमेटी के लिए अशरफ नगर में जाने-माने ताजिया कारीगर हैदर अली व उनकी टीम ने ताजिया बनाया है। इस बार पड़ोसी देश अफगानिस्तान की एक मस्जिद की तर्ज पर गुरुंग बस्ती मुहर्रम कमेटी का ताजिया बनाया गया है। इस कमेटी के अध्यक्ष मेंहदी हसन (मीडिया) अध्यक्ष ने बताया कि मुहर्रम की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंगलवार को यौम-ए-आशुरा के उपलक्ष्य में ताजिया अखाड़ा निकाला जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम-उल-हराम गत एक सितंबर से शुरू हो चुका है। 10 सितंबर को यौम-ए-आशुरा होगा। मुहर्रम की पहली तारीख से ही इस्लामी नववर्ष शुरू हो जाता है। वर्तमान वर्ष इस्लामी कैलेंडर के तहत 1441 हिजरी है। मुहर्रम के महीने का इस्लाम धर्मावलंबियों में बड़ा ही महत्व है। इस महीने से अनेक इस्लामी इतिहास संबद्ध है। उनमें सर्वोपरि पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब के नाती हजरत इमाम हुसैन की शहादत है। उनकी शहादत की याद में मुहर्रम को विशेष रूप में मनाया जाता है। शिया समुदाय सामूहिक रूप में मातम मनाता है तो सबसे बड़ा सुन्नी समुदाय भी हजरत हुसैन की याद में अनेक आयोजन करता है। घरों में लोग अल्लाह पाक की इबादत करते हैं। नमाज, पवित्र कुरआन का पाठ, दान-पुण्य, उपवास, फातेहा आदि करते हैं। वहीं, बरेलवी संप्रदाय की ओर से मुहर्रम में ताजिया-अखाड़ा जुलूस निकालने की परंपरा भी निभाई जाती है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शहर में यौम-ए-आशुरा यानी मुहर्रम की 10वीं तारीख यानी 10 सिंतबर को ताजिया-अखाड़ा निकाला जाएगा। शहर व आसप-पास के तमाम ताजिया-अखाड़ों का बर्दवान रोड स्थित कर्बला मैदान में मिलन होगा। इसे लेकर विभिन्न मुहर्रम कमेटियों की ओर से तैयारियों को पूरी तेजी से अंतिम रूप दिया जा रहा है।