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डेंगू वाले वार्ड के रूप में मिली पहचान

-साफ-सफाई की नहीं है कोई उचित व्यवस्था -पानी की समस्या भी जस की तस बनी हुई है वार्ड

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Jan 2022 07:24 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jan 2022 07:24 PM (IST)
डेंगू वाले वार्ड के रूप में मिली पहचान
डेंगू वाले वार्ड के रूप में मिली पहचान

-साफ-सफाई की नहीं है कोई उचित व्यवस्था

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-पानी की समस्या भी जस की तस बनी हुई है वार्ड परिक्रमा

वार्ड नंबर:04

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव के 15 दिनों से भी कम समय रह गए हैं। उम्मीदवार अपने-अपने वार्डो में चुनाव प्रचार जोर-शोर से कर रहे हैं। नगर निगम मलीन बस्तियों वाले वार्डो की बात की जाए तो उन वार्डो में आज भी तमाम समस्याएं बरकरार है। शहर के नजदीक रहते हुए भी वार्डवासियों को लगता है कि वे किसी सुदूर ग्रामीण इलाके में हैं। वार्ड नंबर चार में शायद ही कोई ऐसा गली व मोहल्ला होगा, जिस घर में डेंगू का प्रकोप नहीं रहा होगा। इसे डेंगू वाला वार्ड कहा जाता है। यहां सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। नालियों की ऐसी स्थिति है, जिसे देखने पर लगता है कि वर्षो से उसकी सफाई ही नहीं हुई है। वहीं जलापूर्ति व्यवस्था भी बाधित हो जाती है। इसे दुरूस्त कराने की जरूरत है।

वार्ड वासियों का कहना है कि वार्ड के हमंत बसु कालोनी, विवेकानंद हाईस्कूल रोड समेत अन्य कई ऐसे इलाके हैं, जिसमें सफाई का बुरा हाल है। गंदगी व कचरे से नाले पूरी तरह से जाम पड़े हैं। पार्षद कभी-कभी आते हैं तथा हालचाल लेकर चले जाते हैं। हम लोगों को खुद सफाई करनी पड़ती है। नालियों में मच्छर के मारने के तेल का छिड़काव नहीं होता है।

वार्ड की स्थिति क्या है इस बारे में वार्ड के कुछ वार्डवासियों से उनकी राय जानने की कोशिश की गई, तो उनके द्वारा तरह-तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त की गई। सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर चार में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। नालियों में कचरे जाम होने से दिन व रात मच्छरों का प्रकोप बना रहता है। इससे मच्छरजनित तरह-तरह की बीमारी फैलने की डर बनी रहती है। सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में इस बार ऐसे उम्मीदवार को यहां जितना चाहिए, जो इन सब समस्याओं पर ध्यान दे तथा वार्डवासियों समस्याओं पर ध्यान दें।

-दिलीप राय इस वार्ड में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल सबसे बड़ा मुद्दा है। वार्ड के महीने में एक-दो बार सफाई हो जाती है। मच्छरों का प्रकोप कितना रहता होगा, इसकी जानकारी नालों में जाम गंदे पानी से देखकर हो जाएगा। नालियों की स्थिति देखने से ऐसा लगता है कि इसकी कभी सफाई हुई ही नहीं हैं। वार्ड में सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। -अनिल प्रसाद

सफाई व्यवस्था का इतना बुरा हाल है कि वर्ष 2020-21 में वार्ड में काफी संख्या में डेंगू से पीडि़त थे। नाले की सफाई ठीक से नहीं होती है। इससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। नालों की स्थिति देखने के बाद इस वर्ष भी बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ गई है। वार्ड में यदि सफाई व्यवस्था दुरूस्त रहेगी, तो कई ऐसी बीमारियां हैं, जिससे निजात पाया जा सकता है।

-कलावती महतो वार्ड में सफाई व्यवस्था ठीक नहीं है। नालों की सफाई नहीं होने से बारिश के मौसम में नाले का गंदे पानी सड़कों पर बहते रहते है। सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया, तो पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी डेंगू समेत अन्य बीमारियां फैल सकती हैं।

-अनिता प्रसाद

वार्ड में सफाई व्यवस्था पर पूरा ध्यान दिया जाता है। वार्ड काफी बड़ा है। लगभग 40 हजार की आबादी है। 14 हजार से ज्यादा मतदाता है। सफाई के मच्छर मारने के तेल व फॉगिंग का छिड़काव किया जाता है।

- परिमल मित्र, निवर्तमान वार्ड पार्षद


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