फुलवारी के इस गांव में पानी में रहने को मजबूर ग्रामीण, लोगों ने वोट बहिष्कार की दी धमकी
ग्रामीणों का कहना है कि कोई भी व्यक्ति पानी में लंबे समय तक नहीं रह सकता है। घरों के बेडरूम व किचन में सभी जगह पर पानी घुस आया है। इसी में आना-जाना खाना-पीना उठना बैठना सब कुछ करते हैं।
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। 'चुनाव के समय नेतागण वादों की झड़ी लगा देते हैं। मतदाता जो कहते हैं ,बिना देर लगाए वह उस पर हामी भर देते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद स्थितियां एकाएक बदल जाती है।' यह कहना है फुलवारी एक नंबर ग्राम पंचायत के पंचकूलगुड़ी क्षेत्र के लोगों का। वह कहते हैं कि जब से बारिश शुरू हुुई है तब से उनके घरों में पानी भरे हुए हैं। जल निकासी व्यवस्था नहीं होने के कारण वह पानी के बीच ही अपने जीवन का गुजर-बसर कर रहे हैं। आलम यह है कि बस्ती के हर घर में किसी न किसी व्यक्ति की तबीयत प्रदूषित नी के चलते खराब है ,क्योंकि हर वक्त उनके घर में पानी कम या ज्यादा रूप में मौजूद रहता है। इससे घरों में सीलन हो गई है। खासतौर से बच्चों और बड़ों को काफी स्वास्थ संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।
उन लोगों ने स्थानीय पंचायत व प्रधान से मिलकर कई बार समस्या के समाधान की बात कही, लेकिन पंचायत का जवाब होता है कि वह क्या करें वह तो खुद भी पानी में डूबे हुए हैं । प्रभावित लोगों का कहना है कि चुनाव के समय यही लोग काफी अच्छे-अच्छे वादे किए थे। कहा था कि उनकी सारी समस्याओं का समाधान होगा, लेकिन अब जब समस्या समाधान करने की बात है तो वह अपनी लाचारी बता रहे हैं। जबकि उनकी लाचारी से उन्हें कोई मतलब नहीं है ।वह उन्हें वोट दिए हैं इसलिए उन्हें सुविधा मिलनी चाहिए। यदि इस बार उनके इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो आने वाले पंचायत चुनाव में वह पूरी तरह से वोट का बहिष्कार करेंगे। वह किसी भी दल के उम्मीदवार को अपना वोट नहीं देंगे। उनका साफ तौर पर कहना है कि जब उन्हें कोई लाभ ही नहीं तो फिर किसी को अपना वोट क्यों देंगे।
ग्रामीणों का कहना है कि जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण ही सारी समस्या है। यह देखना और ठीक करना ग्राम पंचायत प्रधान का दायित्व है। यह कैसे ठीक होगा यह उन्हें तय करना है। कोई भी व्यक्ति पानी में लंबे समय तक नहीं रह सकता है। घरों के बेडरूम व किचन में सभी जगह पर पानी घुस आया है। इसी में आना-जाना खाना-पीना, उठना बैठना सब कुछ करते हैं। उनका कहना है कि अब या तो समस्या का समाधान होगा या फिर आने वाले समय में वोट का बहिष्कार होगा।