हिल्स में तृणमूल कांग्रेस ने धिक्कार जुलूस निकाला
असम के सिलचर में तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार के विरोध में राज्य के अधिकांश जिलों में तृणमूल कार्यकर्ता सड़क पर उतरक
कर्सियांग/मिरिक, जेएनएन। असम के सिलचर में तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार के विरोध में राज्य के अधिकांश जिलों में तृणमूल कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर काला दिवस मनाया।
इसी क्रम में रविवार को असम में सांसदों व विधायकों से पुलिस द्वारा बदसलूकी किए जाने के विरोध में कर्सियांग में तृणमूल कांग्रेस की ओर से धिक्कार जुलूस निकाला। कर्सियांग के टुरिष्ट लाज से निकाली गई जुलूस शहर की परिक्रमा करने के बाद कर्सियांग मोटर स्टैंड में पहुंचकर पथसभा में तब्दील हो गया।
जुलूस में शामिल तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने हाथों में काला पट्टी बांधकर मौन धारण किये हुए इस कांड के विरोध में पोस्टर व प्ले कार्ड प्रदर्शित करते हुए धिक्कार जुलूस निकाला। पथसभा को मंग्पू से आये तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किरण ब्लोन, यूथ कमेटी के अध्यक्ष विष्णु गोले व तृणमूल कांग्रेस कर्सियांग महकमा कमेटी अध्यक्ष मिंग्मा भोटिया (आजी) ने संबोधित किया।
वक्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पालिसी का जमकर विरोध किया। वक्ताओं ने कहा कि असम में मानवाधिकार का घोर हनन हो रहा है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। बांग्लादेशी घुसपैठ का बहाना बनाकर असम की भाजपा सरकार व केन्द्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यक लोगों पर अत्याचार करने का अभियोग भी वक्ताओं ने लगाया।
दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र के संपूर्ण राजनैतिक पार्टी के नेताओं व अराजनैतिक संघ-संस्थाओं के प्रतिनिधियों से एकबद्ध होकर एनआरसी के मुद्दे पर कार्य करने का आह्वान भी वक्ताओं ने किया। जुलूस में शामिल तृणमूल कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधियों में कर्सियांग नगरपालिका वार्ड नंवर -15 के कमिश्नर संतोष पटवारी, तृणमूल कांग्रेस कर्सियांग प्रखंड कमेटी के अध्यक्ष समृत छेत्री, संजय सुब्बा, आरिफ खान, दीपक प्रधान, राजेंद्र राजपूत, सिलू मोक्तान, रेजिना सुब्बा आदि थे।
वही दूसरी ओर मिरिक में एनआरसी मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ तृणमूल मिरिक महकमा समिति की ओर से विरोध जुलूस निकालकर काला दिवस मनाया। यह रैली शहर की परिक्रमा करते हुए कृष्णनगर पहुंचकर वहां पर पथसभा में तब्दील हो गई।
जहां हिल्स तृणमूल अध्यक्ष एल बी राई ने भाजपा सरकार के इस नीति से देश में रह रहे देश वासियों को सूची में अलग किए जाने को लेकर आपत्ति जताई। उन्होंने सरकार के इस नीति के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के किसी भी हद तक जा सकने का विचार व्यक्त किया। साथ ही पहाड़ के किसी भी स्थानों पर क्रमिक रूप से केंद्र सरकार के खिलाफ धर्ना प्रदर्शन किए जाने की जानकारी दी।