तस्लीमा की किताब ‘द्विखंडितो’ का अंग्रेजी में हुआ अनुवाद
बांग्लादेश से निर्वासित लेखिक तस्लीमा नसरीन की किताब ‘द्विखंडितो’ (दो भागों में बंटे) अब अंग्रेजी भाषा में भी उपलब्ध है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। बांग्लादेश से निर्वासित लेखिक तस्लीमा नसरीन की किताब ‘द्विखंडितो’ (दो भागों में बंटे) अब अंग्रेजी भाषा में भी उपलब्ध है। खास बात यह है कि इसी किताब को लेकर साल 2003 में काफी विवाद हुआ था और तत्कालीन वाममोर्चा नित पश्चिम बंगाल सरकार ने कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय की भावनाएं आहत करने के मामले में किताब को प्रतिबंधित कर दिया था।
बांग्ला में लिखे उक्त किताब को बांग्लादेश में भी प्रतिबंधित कर दिया गया था। बता दें कि तस्लीमा को महिला अधिकारों और धार्मिक कट्टरता की आलोचनाओं पर अपने लेखन के लिए जाना जाता है। हालांकि कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2005 में प्रतिबंध को हटा दिया था। 1 जिसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने भी पाबंदी हटा दी थी। जब विवाद अधिक बढ़ा तो तस्लीमा को आखिरकार कोलकाता से जाना पड़ा और किताब के अध्यायों को हटाना पड़ा। उन पर 40 लाख डॉलर का मानहानि का मामला भी दर्ज किया गया।
अंग्रेजी भाषा में पुस्तक का अनुवाद माहाघ्र्य चक्रवर्ती ने किया है। किताब का प्रकाशन पेंग्विन रैंडम हाउस इंडिया ने ‘स्प्लिट ए लाइफ’ नाम से किया है। इसमें तस्लीमा के अनुभव और कामकाज, डॉक्टर के रूप में उनके कार्यकाल का विवरण है। किताब में बताया गया है कि लेखिका कट्टरपंथियों के निशाने पर कैसे आ गईं, ‘लज्जा’ कैसे प्रतिबंधित की गई और भारत में निर्वासन में उनका जीवन कैसा रहा है। किताब में तस्लीमा ने लिखा है कि मेरे देश में कट्टरपंथ चरम पर था और उन लोगों के पक्ष में बयार बह रही थी। सामान्य तौर पर देशभर के कई गांवों में फतवा वाले मौलानों के फतवों का शिकार पहले महिलाएं होती थीं।