जहां पड़े बापू के पांव वही स्टेशन उपेक्षित
- लगातार मांग के बाद भी कोई सुध लेने वाला नहीं -सिलीगुड़ी टाउन बना नशेड़ियों का अड्डा -
- लगातार मांग के बाद भी कोई सुध लेने वाला नहीं
-सिलीगुड़ी टाउन बना नशेड़ियों का अड्डा
-कभी भी भरभरा कर गिर सकती है मुख्य बिल्डिंग
-रेलवे ने कार्य संचालन के लिए अलग बनाया ठिकाना दीपेंद्र सिंह, सिलीगुड़ी: देश की आजादी के 75 साल होने को है। इसे लेकर आजादी का अमृत महोत्सव जोर-शोर से मनाने का दौर चल रहा है। इसमें हर उस स्थान का जिक्र हो रहा है, जहां स्वतंत्रता संग्राम की बुनियाद पड़ी थी। जहां आजादी के परवानों के पांव पड़े थे। लेकिन जश्न के इस आलम में बहुत सी ऐसी बातें पीछे छूट गई हैं जिसकी चर्चा तो दूर किसी की नजर तक इस तरफ नहीं है। इसी में ऐतिहासिक सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन शामिल है। इस स्टेशन को हेरिटेज स्टेशन का दर्जा नहीं मिला है।
सिलीगुड़ी में टाउन स्टेशन सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है। इसका इतिहास से गहरा नाता रहा है। यह वही स्टेशन है जहा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी आए थे।
इतना महत्वपूर्ण होने के बाद भी सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन आज बदहाली के दौर से गुजर रहा है। हालत यह है कि यह स्टेशन उजाड़ बन चुका है। सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन के आसपास तथा स्टेशन की हालत देखने से दुख होता है। ऐसा लगता है जैसे यह शासन प्रशासन और रेलवे की उपेक्षा की मार बरसों से सहता आ रहा है । वर्तमान में यह स्टेशन चोर उचक्कों व नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है। शाम होते ही यहां नशे खाने- पीने का दौर शुरू हो जाता है। मुख्य बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर है। इसके कभी भी भराभरा कर गिर जाने की संभावना है। पास ही रेलवे ने एक छोटा से स्टेशन बना लिया है और वहीं से रेलवे के कार्यो का संचालन हो रहा है।
सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन की बदहाली को लेकर रेल मंत्री का ध्यान इस तरफ आकर्षित किया गया है। डीएचआर की तरह इसे भी विश्व विरासत की सूची में शामिल करने की माग की गई है। सिलीगुड़ी के भाजपा विधायक डाक्टर शकर घोष ने हाल ही में भारत के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का ध्यान आकर्षित करते हुए पत्र लिखा है। भाजपा विधायक शकर घोष ने अपने पत्र में लिखा है कि आज जब देश की आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है,ऐसे समय में देश की स्वतंत्रता की लड़ाई का केंद्र सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन इतना उपेक्षित क्यों है। क्यों नहीं इसके ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए हेरिटेज स्टेशन का दर्जा मिले। सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन को देश के वीर स्वतंत्रता सेनानी बाघाजतिन अथवा जतिंद्रनाथ मुखर्जी के नाम पर रखा जाना चाहिए। सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन को आधुनिक बनाते हुए इसके आसपास सौंदर्यीकरण का काम किया जाना चाहिए। यहा एक म्यूजियम भी होना चाहिए, ताकि सिलीगुड़ी आने वाले पर्यटक यहा आकर गर्व की अनुभूति कर सकें। इससे पहले टाउन स्टेशन को हेरिटेज टाउन स्टेशन के रूप में संरक्षित करने का कार्य नगर निगम द्वारा किए जाने की घोषणा की गई थी। इसके लिए नगर निगम ने रेलवे से सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन को निगम को सौंपने की माग की थी। सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देव ने कहा था कि सिलीगुड़ी नगर निगम वार्ड नंबर 18 तथा वार्ड नंबर 28 में पड़ने वाले सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन सिर्फ सिलीगुड़ी ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए विशेष ऐतिहासिक महत्व रखता है। टाउन स्टेशन के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात कर आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
वर्ष 2009-10 में यूपीए सरकार में रेलमंत्री रहीं ममता बनर्जी सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन को हेरिटेज का दर्जा देने की घोषणा भी की थी, लेकिन परवर्ती समय में इस दिशा में कार्य नहीं हुआ। हेरिटेज का दर्जा देने पर न तो विचार हुआ और न ही इसके कायाकल्प पर कोई ध्यान दिया गया। जनवरी 2016 में सिलीगुड़ी के तत्कालीन मेयर अशोक भट्टाचार्य ने तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभु को ज्ञापन देकर सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन को हेरिटेज स्टेशन के रूप में विकसित करने की माग की थी। उस दौरान भारतीय जनता पार्टी द्वारा भी तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभु से सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन को हेरिटेज का दर्जा देने की माग की गई थी। उस दौरान रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने भी तुरंत एनएफ रेलवे के अधिकारियों से इस मामले को देखने व इसका रिपोर्ट रेलवे मंत्रालय को सौंपने का निर्देश दिया था तथा इस मामले में हर संभव प्रयास करने की बात कही थी।
बार-बार उठती रही है कायाकल्प की मांग
टाउन स्टेशन को हेरिटेज स्टेशन का दर्जा देने की माग सामाजिक संगठनों की ओर से भी उठती रही है। हिमालयन नेचर एंड एडवेंचर फाउंडेशन आफ नार्थ बंगाल के संयोजक अनिमेष बोस ने कहते हैं कि टाउन स्टेशन का गौरवमयी इतिहास रहा है। अब उसकी लोकप्रियता गुम होती जा रही है। स्टेशन के आस-पास की जमीन अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई है। इसके संरक्षण के लिए राज्य सरकार व केंद्र सरकार को जिस तरह से प्रयास किया जाना चाहिए था,उस तरह से नहीं हो पाया। बाघाजतिन ने अंग्रेजों के खिलाफ यहीं से छेड़ी जंग
इसके अलावा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जतिंद्रनाथ मुखर्जी उर्फ बाघाजतिन, रवींद्र नाथ टैगोर, आशुतोष मुखोपाध्याय के कदम भी सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन पर पड़ चुके हैं। यह वही स्टेशन है जहा ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ बाघाजतिन ने हुंकार भरी थी। वीर स्वतंत्रता सेनानी बाघाजतिन ने अंग्रेजी फौज की टुकड़ी को नाकों चने चबवा दिए थे। उन्होंने यहीं से जंग छेड़ी थी। इस मामले को लेकर पू सी रेलवे के जीएम अंशुल गुप्ता से बात हुई है। उन्होंने बताया है कि सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन को हेरीटेज का दर्जा देने की मांग संबंधी पत्र को रेलवे बोर्ड को भेज दिया है। इस पर साकारात्मक पहल का भरोसा मिला है।
-शंकर घोष,भाजपा विधायक