गोरूमारा जंगल में 50 गैंडों के होने की संभावना, शीघ्र जारी होगी गणना की रिपोर्ट
जलपाईगुड़ी जिले के गोरूमारा व चापरामारी जंगल में करीब 50 गैंडों के होने की संभावना है। मंगलवार-बुधवार को इनकी गणना हुई।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 07:34 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 07:34 PM (IST)
मालबाजार [संवादसूत्र]। जलपाईगुड़ी जिले के गोरूमारा व चापरामारी जंगल में करीब 50 गैंडों के होने की संभावना है। मंगलवार-बुधवार को इनकी गणना हुई। 24 स्वयंसेवी संस्थाओं के कर्मी व वनकर्मी मिलाकर सौ लोग इस काम में लगे हुए थे।
गैंडों की संख्या के विषय में वन विभाग की ओर अभी तक अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है। एक-दो दिन में वन विभाग द्वारा गोरूमारा संख्या के बारे में खुलासा किया जाएगा। गैंडों के मल को जांच के लिए लैब भेजा गया है। जांच रिपोर्ट के बाद ही वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी। गणना में शामिल होने वाले पर्यावरण प्रेमियों के अनुसार, गोरूमारा में गैंडों की स्थिति व नर-मादा गैंडों का अनुपात चिंता का विषय बना हुआ है।
गणना में शामिल रहे लाटागुड़ी के प्रख्यात पर्यावरणप्रेमी अनिर्वाण मजूमदार ने कहा कि गोरूमारा जंगल सुरक्षित होने के कारण गैंडों की संख्या बहुत ज्यादा कम नहीं हुई है। तस्करों के हमले में गैंडों की मौत व स्वाभाविक मौत के बाद भी गोरूमारा में 42 गैंडे होने की संभावना जताई जा रही है। संख्या इससे ज्यादा भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि इलाके में गेंडों के लिए पर्याप्त पेयजल व तृणभूमि का अभाव है। मादा गैंडों की तुलना में नर की संख्या ज्यादा है। चालसा के पर्यावरण प्रेमी मानवेंद्र दे सरकार ने कहा कि गोरूमारा में गेंडों की संख्या 50 के आसपास होगी।
गैंडों की संख्या के विषय में वन विभाग की ओर अभी तक अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है। एक-दो दिन में वन विभाग द्वारा गोरूमारा संख्या के बारे में खुलासा किया जाएगा। गैंडों के मल को जांच के लिए लैब भेजा गया है। जांच रिपोर्ट के बाद ही वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी। गणना में शामिल होने वाले पर्यावरण प्रेमियों के अनुसार, गोरूमारा में गैंडों की स्थिति व नर-मादा गैंडों का अनुपात चिंता का विषय बना हुआ है।
गणना में शामिल रहे लाटागुड़ी के प्रख्यात पर्यावरणप्रेमी अनिर्वाण मजूमदार ने कहा कि गोरूमारा जंगल सुरक्षित होने के कारण गैंडों की संख्या बहुत ज्यादा कम नहीं हुई है। तस्करों के हमले में गैंडों की मौत व स्वाभाविक मौत के बाद भी गोरूमारा में 42 गैंडे होने की संभावना जताई जा रही है। संख्या इससे ज्यादा भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि इलाके में गेंडों के लिए पर्याप्त पेयजल व तृणभूमि का अभाव है। मादा गैंडों की तुलना में नर की संख्या ज्यादा है। चालसा के पर्यावरण प्रेमी मानवेंद्र दे सरकार ने कहा कि गोरूमारा में गेंडों की संख्या 50 के आसपास होगी।
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