उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ लोक आस्था के छठ महापर्व का समापन
बुधवार को उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ चार दिनों तक चले लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी व आसपास के इलाकों में हो गया।
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]।पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी व आसपास के इलाकों में बुधवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिनों तक चले छठ महापर्व का समापन हो गया। महानंदा व तीस्ता नदी समेत अन्य तालाबों तथा पोखर में इसके लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा था। लाखों महिला और पुरुष व्रतधारियों ने उगते हुए सूर्य को नदियों और तालाबों में खड़ा होकर अर्घ्य अर्पित किया। इसके बाद प्रसाद खाकर व्रत का पारण किया गया। फिर प्रसाद वितरण का सिलसिला शुरू हुआ।
शिशुडांगी में अर्घ्य अर्पित करते लोग।
छठ के मद्देनजर सिलीगुड़ी में संतोषी नगर घाट, गुरुंग बस्ती, शिशुडांगी आदि इलाकों में घाटों को आकर्षक तरीके से सजाया गया था। कहीं-कहीं पूरी रात भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया गया। इसके पहले मंगलवार की शाम को अर्घ्य अर्पित करने के बाद कोसी भरी गई। घाटों पर श्रद्धालुओं की सेवा में विभिन्न संस्थाओं के लोग तत्पर थे।
संतोषीनगर घाट पर अर्घ्य अर्पित करने की तैयारी में श्रद्धालु।
दैनिक जागरण की ओर से भी संतोषी नगर घाट पर कैंप लगाया गया था। इसके माध्यम से अपील की गई कि एक अर्घ्य बाल यौन शोषण के खिलाफ अर्पित किया जाए। मारवाड़ी युवा मंच सहित अन्य सामाजिक संस्थाओं की ओर से श्रद्धालुओं के बीच दूध, पेयजल आदि का वितरण किया गया। लाल गुंजन घाट पर कंबल का भी वितरण हुआ।