विजयदशमी के साथ पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े उत्सव दुर्गा पूजा का समापन, खास आकर्षण या थीम रही नदारद
राज्य के साथ सिलीगुड़ी में भी सोमवार शाम से देवी की प्रतिमा का विसर्जन शुरू हो गया। सरकारी निर्देशानुसार अगले चार दिनों में समस्त दुर्गा पूजा आयोजकों को प्रतिमा विसर्जन सम्पन्न करना होगा। कोरोना के इस माहौल में भी पूरे राज्य के साथ सिलीगुड़ी में दुर्गा पूजा की धूम रही।
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : विजयदशमी के साथ पश्चिम बंगाल के सबसे बड़ा उत्सव दुर्गा पूजा का समापन हो गया। राज्य के साथ सिलीगुड़ी में भी सोमवार शाम से देवी की प्रतिमा का विसर्जन शुरू हो गया। सरकारी निर्देशानुसार अगले चार दिनों में समस्त दुर्गा पूजा आयोजकों को प्रतिमा विसर्जन सम्पन्न करना होगा।
सिलीगुड़ी में दुर्गा पूजा की धूम रही है
कोरोना के इस माहौल में भी पूरे राज्य के साथ सिलीगुड़ी में दुर्गा पूजा की धूम रही। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार पूजा पंडाल के निर्माण में खास आकर्षण या थीम नजर नहीं आई।
महानंदा घाट को विशेष रूप से सजाया
सोमवार की शाम से सिलीगुड़ी शहर के महानंदा, बलासन और नौकाघाट सहित आस-पास के नदी घाटों पर देवी की प्रतिमा विसर्जन कार्यक्रम शुरू हो गया है। विसर्जन के लिए सिलीगुड़ी शहर के बीचों-बीच चीरती हुई बहने वाली महानंदा घाट को नगर निगम की ओर से विशेष रूप से सजाया गया है।
सुरक्षा और ट्रॉफिक नियंत्रण के इंतजाम
वहीं प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा और ट्रॉफिक नियंत्रण के इंतजामात किये गए है। विसर्जन कार्यक्रम में प्रत्येक पूजा आयोजकों के 15 लोगों को शामिल होने के निर्देश दिया गया है। महानंदा घाट पर पिछले वर्ष की तुलना में भीड़ उमड़ी नही है।
कई पूजा आयोजकों ने किया विसर्जन
कोरोना की वजह से लोगों ने काफी धैर्य का परिचय दिया है। दार्जिलिंग जिले में सर्वश्रेष्ठ मण्डप सज्जा के पुरस्कार प्राप्त करने वाली जातीय शक्ति संघ सहित सिलीगुड़ी के कई बड़े पूजा आयोजकों ने दुर्गा देवी की प्रतिमा का विसर्जन किया।