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साधारण जुकाम से लेकर खतरनाक कैंसर तक में फायदेमंद है तेजपत्ता

हमारी रसोई दवाओं का भंडार है। दादी-नानी के बताए नुस्खों को यदि अपनाएं तो चिकित्सक के पास कम ही जाना पड़ेगा। तेजपत्ता को ही लें तो यह साधारण जुकाम से लेकर खतरनाक कैंसर तक की दवा है।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Tue, 04 Dec 2018 10:07 AM (IST)Updated: Tue, 04 Dec 2018 10:07 AM (IST)
साधारण जुकाम से लेकर खतरनाक कैंसर तक में फायदेमंद है तेजपत्ता
साधारण जुकाम से लेकर खतरनाक कैंसर तक में फायदेमंद है तेजपत्ता
जागरण संवाददाता [जागरण स्पेशल]। रसोई में रखे खाने के मसाले के रूप में प्रयोग होने वाला तेजपत्ता साधारण जुकाम से लेकर खतरनाक कैंसर, किडनी से लेकर दिल तक की बीमारी में फायदेमंद है। दादी-नानी द्वारा बताए नुस्खों को यदि याद करें तो पाएंगे कि रसोई दवाओं का भंडार है।
तेजपत्ता की बात करें तो यह त्वचा को निखार कर अपने नाम के ही अनुरूप तेज भी लाता है। जाहिर सी बात है, जब चेहरे पर तेज होगा तो आप सुंदर भी लगेंगे या लगेंगी। तेजपत्ते के तेल में कई प्रकार के औषधीय गुण होते हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए काफी लाभप्रद होते हैं। इस तेल से कई प्रकार के ऑयनमेंट बनते हैं और इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगस गुण होते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में होता है। इसमें कॉपर, पौटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम और आयरन की मात्रा काफी ज्यादा होती है। लेकिन हममें से बहुत कम लोगों को इसके गुणों के बारे में पता होता है। आइए जाने इसके प्रयोग से हमें क्या-क्या लाभ मिलते हैं।
पाचन में सहायक
यह पाचन में सहायक होता है और इसके सेवन से कई प्रकार के पाचन संबंधी विकार सही हो जाते हैं। अगर आपको कब्ज, एसिड और ऐंठन की शिकायत रहती है तो तेजपत्ता आपके लिए रामबाण साबित हो सकता है। डायबिटीज में लाभदायक
टाइप टू प्रकार की डायबिटीज होने पर तेजपत्ता आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है और दिल को स्वस्थ बनाए रखता है। इसलिए, अगर आप डायबिटीज के शिकार हैं तो तेजपत्ता का इस्तेमाल खाने में जरूर करें।
आलस्य भगाए
आलस्य के कारण नींद ज्यादा आने पर तेजपत्ते को पानी में कम से कम छह घंटे तक भिगो दें और उठने के बाद उस पानी को पी लें। इससे आपको काफी राहत मिलेगी और नींद वाला हैंगओवर उतर जाएगा।
 किडनी की समस्या दूर करे
यह किडनी में होने वाली समस्या को दूर करने में सहायक होता है। इसके लिए तेजपत्ता डालकर पानी उबालें और उस पानी को पिएं।
एंटी-कैंसर तत्व
तेजपत्ता में कैंसर से लड़ने के गुण होते हैं। इसमें कैफीक एसिड, क्वेरसेटिन और इयूगिनेल नामक तत्व होते हैं, जो मेटाबोल्जिम को कैंसर जैसी घातक बीमारी को होने से रोक लेता है।
दर्द में राहत
तेजपत्ते के तेल को दर्द होने वाली जगह पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है। आप चाहें तो दर्द होने वाली जगह पर इससे मसाज करें, काफी फायदा मिलेगा।
दिल के दौरे का खतरा कम करता
दिल संबंधी कई समस्याओं में तेजपत्ता लाभप्रद होता है। इसके सेवन से दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम होता है और दिल स्वस्थ रहता है। 
अन्य फायदे
इसको सदैव जीभ के नीचे रखने से तोतलापन दूर होता है। पीसकर सुरमा की भांति आंख में लगाने से धुंध व जाला दूर होता है। पीसकर मंजन की तरह प्रयोग करने से दांत मजबूत होते हैं तथा कीड़े नहीं लगते। वस्त्रों को सुगंधित करने तथा कीड़ों से सुरक्षा के लिए कपड़ों में तेजपत्ता रखना चाहिए। तेजपत्ता का काढ़ा बनाकर पीने से पसीना आता है और आंतों की खराबी से पेट फूलना, दस्त लगना आदि में आराम मिलता है। तेजपत्ता की छाल का चूर्ण खिलाने से सांप का जहर उतरने लगता है। जुकाम हो तो इसके पत्तों का काढ़ा लाभकारी है। यदि पेट में कीड़े हैं तो तेजपत्ता और जैतून के तेल को मिलाकर गुदा द्वार पर लगाने से कीड़े मरकर बाहर निकल जाते हैं। सिर में जुएं हैं तो इसके पांच-छह पत्तों को एक गिलास पानी में इतना उबालें कि पानी आधा रह जाए। फिर इस पानी से प्रतिदिन सिर में मालिश करने के बाद स्नान करना चाहिए। इससे जुएं मर कर बाहर निकल जाती हैं। नाक से खून आना, दमा, खांसी, पीलिया, पथरी, जोड़ों में दर्द, सिर के दर्द, बांझपन, निमोनिया सहित कई रोगों में यह काफी फायदा पहुंचाता है।

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