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सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का एक अप्रैल से शुरू हो जाएगा उनके गृह जिलों में तबादला

बंगाल में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का आगामी एक अप्रैल से उनके गृह जिलों में तबादला शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरस्वती पूजा के समय इसकी घोषणा की थी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 12:20 PM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 12:20 PM (IST)
सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का एक अप्रैल से शुरू हो जाएगा उनके गृह जिलों में तबादला
सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का एक अप्रैल से शुरू हो जाएगा उनके गृह जिलों में तबादला

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का आगामी एक अप्रैल से उनके गृह जिलों में तबादला शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरस्वती पूजा के समय इसकी घोषणा की थी। इसके बाद तबादले के लिए 30 से 40 हजार अर्जियां जमा पड़ी थीं।

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राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने बुधवार को विधानसभा स्थित अपने कक्ष में मीडिया से बातचीत में कहा कि उन सभी अर्जियों को मंजूर कर लिया गया है और आगामी एक अप्रैल से तबादले की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को तोहफा देते हुए घोषणा की थी कि अब से वे अपने गृह जिले में पढ़ा सकेंगे। इससे वे अपने घर-परिवार को भी ज्यादा समय दे पाएंगे। इसके बाद से ही तबादले के लिए आवेदनों की झड़ी लग गई थी।

ममता ने कहा था- 'हम अपने शिक्षकों व छात्रों को लेकर गर्वित हैं। शिक्षक अभिभावक की तरह हैं। छात्रों को भविष्य के नेतृत्वकर्ता के रूप में तैयार करने व समाज व देश के गठन में उनका अतुलनीय योगदान है इसलिए सरस्वती पूजा पर हमने यह निर्णय लिया है।' पता चला है कि शुरु में प्राथमिक स्तर पर बदली की जाएगी। उसके बाद माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्तर पर विचार किया जाएगा।

इस्कॉन के अन्नामृता कार्यक्रम का देशभर में 12 लाख वंचित बच्चों को मिलता है लाभ

इस्कॉन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि यस बैंक संकट का असर उन लाखों वंचित बच्चों के मिड डे मील (मध्याह्न भोजन) कार्यक्रम पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है जिन्हें संगठन के अन्नामृत विंग के माध्यम से चलाया जाता है। इस्कॉन कोलकाता के वाइस प्रेसिडेंट राधारमण दास ने कहा कि इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस और अन्नामृता के यस बैंक में देशभर में कम से कम 38 बैंक खाते हैं। उन्होंने कहा कि पांच मार्च को रिजर्व बैंक द्वारा यस बैंक के खाते से प्रतिमाह 50 हजार रुपये तक की ही राशि की निकासी का नियम लागू किए जाने के बाद से परेशानी खड़ी हो गई है।

दास ने कहा कि अकेले कोलकाता के लगभग 12,500 वंचित बच्चों को इस्कॉन द्वारा प्रबंधित अन्नामृता योजना से लाभ होता है, जबकि देशभर में यह आंकड़ा लगभग 12 लाख है। उन्होंने कहा कि यस बैंक संकट के बाद हम इसको लेकर चिंतित हैं।

उन्होंने बताया कि संगठन की कोलकाता इकाई के यस बैंक में दो खाते हैं- एक मंदिर के लिए और दूसरा अन्नामृता का। वहीं, इस्कॉन के एक अधिकारी ने कहा कि कोलकाता में अन्नामृता से जुड़े खाते में दो करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा हैं। उन्होंने कहा कि यदि समस्या का जल्द समाधान नहीं किया जाता है तो नकदी की कमी के कारण अन्नमृता कार्यक्रम पर गंभीर असर पड़ सकता है। दास ने यह भी कहा कि हम अब अन्य स्त्रोतों से भी धन का प्रबंधन कर रहे हैं क्योंकि यह एक प्रमुख कार्यक्रम है और इसे रोका नहीं जा सकता है। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर जल्द समस्या का समाधान नहीं किया गया तो हमें सरकारी हस्तक्षेप लेना होगा। 


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