Move to Jagran APP

सिक्किम में आंदोलनरत शिक्षकों को सरकारी अधिसूचना मान्य नहीं

अस्थायी शिक्षकों को स्थायी करने की मांग पर अड़े एक माह से आंदोलनरत अखिल सिक्किम एडहॉक टीचर्स एंड टेंप्रोरी एम्प्लाइज एसोसिएशन ने सोमवार को राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवरोध किया।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 07:56 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 07:56 PM (IST)
सिक्किम में आंदोलनरत शिक्षकों को सरकारी अधिसूचना मान्य नहीं
सिक्किम में आंदोलनरत शिक्षकों को सरकारी अधिसूचना मान्य नहीं
गंगटोक [जागरण संवाददाता]। अस्थायी शिक्षकों को स्थायी करने की मांग पर अड़े पिछले एक माह से आंदोलनरत अखिल सिक्किम एडहॉक टीचर्स एंड टेंप्रोरी एम्प्लाइज एसोसिएशन ने सोमवार को ढाई घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग-10 पर अवरोध किया। आखिरकार राज्य के मानव संसाधन विकास विभाग ने इस मांग के मद्देनजर त्वरित अधिसूचना जारी की।
   इसके अनुसार एनसीटीई (नेशनल काउंसिल आफ टीचर्स एजूकेशन) राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद के मापदंडों को पूरा करने वाले तथा पांच साल से अधिक एडहॉक में काम करने वाले शिक्षकों को स्थायी किया जाएगा। दूसरी ओर इस अधिसूचना में अगले दो वर्ष तक एडहॉक में कार्यरत शिक्षकों को निरंतर सेवा में रखने का भी उल्लेख किया गया है। हालांकि इस अधिसूचना जारी होने के बावजूद आंदोलनकारियों ने शहर के शिशा गोलाई में एकत्रित होकर राजमार्ग को बंद कर दिया।
   इस दौरान जिलाधिकारी कपिल मीना ने अधिसूचना को पढ़कर भी सुनाया। इसके बाद एकत्रित भीड़ को गैर कानूनी घोषित भी किया। इस बीच हाइवे से भीड़ को हटने का अनुरोध किया। नहीं हटने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई। अंत में हाइवे से ढाई घंटे के बाद भीड़ को सड़क किनारे किया गया। इसके बाद वाहनों की आवाजाही को स्वाभाविक किया गया।
   आल सिक्किम एडहॉक टीचर्स एंड टेंप्रोरी इम्प्लाइज एसोसिएशन के संयोजक योगेश शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि वे इस अधिसूचना से संतुष्ट नहीं है। इसी कारण हमारा आंदोलन लगातार चलेगा, क्योंकि अधिसूचना में पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। इसमें विषयों के कार्यरत शिक्षकों का उल्लेख नहीं है। इसी तरह सर्वशिक्षा अभियान के शिक्षकों को स्थायी करने का भी उल्लेख नहीं है। दूसरी ओर नॉन-टीचिंग स्टाफ के स्थायी के मांग पर भी अधिसूचना में स्पष्ट नहीं किया गया है। फिजिकल एजूकेशन के शिक्षकों के स्थायीकरण का मामला अटका पड़ा है। इस वजह से हम अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगे।
   मालूम हो की हाइवे जाम के दौरान भीड़ से बातचीत के लिए मानव संसाधन विकास विभाग के निदेशक भीम ठटाल व अन्य अधिकारी मौके पर उपस्थित हुए थे। लंबी बातचीत के बाद आंदोलनकारी शिक्षकों के प्रतिनिधियों को मानव संसाधन विकास विभाग के सचिवालय में आने का आग्रह किया था, ताकि अधिसूचना की प्रतिलिपि हस्तांतरण किया जा सके। लेकिन आंदोलनकारी सड़क पर ही डटे रहे। अंत में लगातार बारिश के कारण भीड़ पूरी तरह सड़क किनारे हुई। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.