ऑर्किड संरक्षण के उपाय खोजनेवाले शिक्षक आशीष दास अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पुरस्कृत
तराई-डुवार्स में विलुप्त होते जा रहे ऑर्किड के संरक्षण का उपाय खोजने वाले तराई के स्कूल शिक्षक आशीष दास को देहरादून में एक सेमिनार के दौरान सम्मानित किया गया।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 10:28 AM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 10:28 AM (IST)
नागराकाटा [संवादसूत्र]। तराई-डुवार्स में विलुप्त होते जा रहे ऑर्किड के संरक्षण का उपाय खोजने वाले तराई के स्कूल शिक्षक आशीष दास को विगत 14 फरवरी से 16 फरवरी तक अमेरिकन काउंसिल फॉर मेडिसिनली एक्टिव प्लांट्स के तत्वावधान में देहरादून में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सम्मानित किया गया। सम्मेलन में उनके 15 मिनट के भाषण के बाद अमेरिका के क्लैमशन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जेफ्रे एडेलबार्ग ने उन्हें पुरस्कार प्रदान किया।
नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजया पांत ऑर्किड विषय पर आधारित पुस्तक उन्हें उपहार स्वरूप प्रदान किया। नेपाल व थाइलैंड के विश्वविद्यालय से भी उनको बुलावा आया है। आशीष दास का कहना है कि वर्तमान में तराई-डुवार्स में सैंकड़ों प्रजाति के ऑर्किड हैं। इनमें से कई के नामोनिशान पेड़ों की अवैध कटाई के चलते मिटने के कगार पर हैं। डेंड्रोबियम फिमब्रिएटम व डेंड्रोबियाम नोबाइल नामक औषधीय गुणयुक्त दो ऑर्किड विलुप्ति के कगार पर है। वास्तुतंत्र में संतुलन बनाए रखने में इनकी अहम भूमिका है। खोरीबाड़ी स्कूल के शिक्षक आशीष दास विगत 18 वर्षों से ऑर्किड पर शोध कर रहे हैं। विलुप्त ऑर्किड को ढूंढ कर वे सड़क किनारे स्थित पेड़-पौधों के साथ बांध कर उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजया पांत ऑर्किड विषय पर आधारित पुस्तक उन्हें उपहार स्वरूप प्रदान किया। नेपाल व थाइलैंड के विश्वविद्यालय से भी उनको बुलावा आया है। आशीष दास का कहना है कि वर्तमान में तराई-डुवार्स में सैंकड़ों प्रजाति के ऑर्किड हैं। इनमें से कई के नामोनिशान पेड़ों की अवैध कटाई के चलते मिटने के कगार पर हैं। डेंड्रोबियम फिमब्रिएटम व डेंड्रोबियाम नोबाइल नामक औषधीय गुणयुक्त दो ऑर्किड विलुप्ति के कगार पर है। वास्तुतंत्र में संतुलन बनाए रखने में इनकी अहम भूमिका है। खोरीबाड़ी स्कूल के शिक्षक आशीष दास विगत 18 वर्षों से ऑर्किड पर शोध कर रहे हैं। विलुप्त ऑर्किड को ढूंढ कर वे सड़क किनारे स्थित पेड़-पौधों के साथ बांध कर उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
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