छात्रएं हुईं सरहद की जिंदगी से रू-ब-रू
सरहद की जिंदगी से रू-ब-रू होनेका सपना किसका नहीं होता। इन्हीं सपनों को साकार करने की दिशा में दैनिक जागरण की ओर से शुक्रवार को विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। सरहद की जिंदगी से रू-ब-रू होनेका सपना किसका नहीं होता। इन्हीं सपनों को साकार करने की दिशा में दैनिक जागरण की ओर से शुक्रवार को विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके तहत सिलीगुड़ी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल (गुरुंग बस्ती) की छात्रओं को इस दिन एसएसबी मुख्यालय (रानीडांगा) ले जाया गया। जहां, खुद इंसपेक्टर जनरल (आइजी) श्रीकुमार बंद्योपाध्याय ने स्वयं छात्रओं को सशस्त्र सीमा बल के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
भारत-नेपाल व भारत-भूटान सीमा पर तैनात एसएसबी की विभिन्न गतिविधियों से अवगत कराया। वहीं सीमावर्ती क्षेत्रों में मानव तस्करी समेत होने वाले अन्य अपराधों व गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम के प्रयासों व उपायों के विविध पहलुओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रिश्ते दोस्ताना होने के चलते भारत-नेपाल व भारत-भूटान की खुली सीमा है।
खुली सीमा होने के चलते ही तस्करों व अराजक तत्वों द्वारा सीमा क्षेत्र से हाथियार व विस्फोटक, ड्रग्स तस्करी, मानव तस्करी व जाली नोटों की तस्करी की कोशिश की जाती है। इन गैर कानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए एसएसबी के अधिकारी व जवान हर समय चौकस रहते हैं। इस अवसर पर उन्होंने छात्रओं की विविध जिज्ञासाओं का भी समाधान किया।
क्या है एसएसबी में शामिल होने की पात्रता:
एक छात्र ने आइजी से सवाल किया कि एसएसबी में शामिल होने के लिए आयु क्या होती है। उन्होंने बताया कि जहां कांस्टेबल के लिए 18 से 21 वर्ष की आयु व न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास है। वहीं, अधिकारी बनने के लिए आयु सीमा 21 से 27 वर्ष व शैक्षणिक योग्यता स्नातक पास है। एक छात्र ने पूछा कि एसएसबी की ट्रेनिंग कितने दिनों की होती है? तो आइजी ने बताया कि एसएसबी के जवान से लेकर अधिकारी तक हर दिन ट्रेनिंग में ही होते हैं। अपने दायित्वों के प्रति सजग रहते हैं।
कैसे रोकते हैं मानव तस्करी :
एक छात्र के इस सवाल पर आइजी ने बताया कि मानव तस्करी समेत अन्य अपराधों को रोकने के लिए खुफिया सूत्रों के अलावा गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम किया जाता है। वहीं नेपाल पुलिस के साथ भी एसएसबी संयुक्त रूप से ताल-मेल बिठा कर काम किया जाता है। उन्होंने छात्रओं से आह्वान किया कि उन्हें भी कहीं लगे कि कोई मानव तस्करी से जुड़ा है या किसी को नौकरी का लालच देकर अपने जाल में फंसा रहा है, तो उसके खिलाफ एसएसबी के टोल-फ्री नंबर 1903 पर फोन कर इसकी सूचना दे सकती हैं।
सकारात्मक हो आगे बढ़ें :
आइजी बंदोपाध्याय ने विद्यार्थियों को हमेशा सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की सलाह दी। वहीं,यह पैगाम भी दिया कि वे एसएसबी में अधिकारी बन कर भी देश की सेवा कर सकती हैं। इस विशेष कार्यक्रम में दैनिक जागरण (सिलीगुड़ी) के वरिष्ठ समाचार संपादक गोपाल ओझा ने छात्रओं को मानव तस्करी के खिलाफ दैनिक जागरण द्वारा चलाई जा रही मुहिम के बारे में विस्तार से बताया व इससे सीख लेते हुए अपने जीवन में अमल करने एवं दूसरों की सहायता करने के प्रति प्रेरित किया।
मानव तस्करी पर छात्रओं ने देखी शॉर्ट फिल्म :
इस अवसर पर एसएसबी द्वारा तैयार शॉर्ट फिल्म को दिखा कर भी छात्रओं को सजग किया गया कि तस्कर किस तरह से युवतियों व कम उम्र के बच्चों को अपने जाल में फंसा कर दलदल में छोड़ आते हैं। जहां से निकलना काफी मुश्किल भरा होता है। इससे बचने के लिए शिक्षा के साथ जागरूकता व सतर्कता जरूरी है।
अर्धसैनिक बल के हथियारों से रू-ब-रू हुईं छात्रएं :
एसएसबी के द्वारा हथियारों की प्रदर्शनी लगा कर पैरा मिलिट्री फोर्स द्वारा उपयोग किए जाने वाले हथियारों के बारे में भी छात्रओं को जानकारी दी गई। एसएसबी की 41वीं वाहिनी के कमांडेंट राजीव राणा व डिप्टी कमांडेंट तथा खेल अधिकारी अचिंत्य मित्र ने छात्रओं को आवश्यक जानकारी दी।
फ्रेंडली फुटबॉल मैच आयोजित :
इस उपलक्ष्य में महिला फुटबॉल मैच का भी आयोजन किया गया। एसएसबी बनाम गुलमा एकादश इस मैच में एसएसबी की टीम ने 8-0 से जीत हासिल की। इस मौके पर एसएसबी सिलीगुड़ी फ्रंटियर के डीआइजी थॉमस चाको, डीआइजी अमित कुमार, एसएसबी सिलीगुड़ी फ्रंटियर के सहायक प्रचार निदेशक अमिताभ भट्टाचार्य, सिलीगुड़ी मॉडल हाईस्कूल की रेक्टर व प्रधानाध्यापिका आर बिंदू अग्रवाल व उप प्राचार्या शिखा बणिक, गुलमा एकादश महिला टीम के कोच विनोद लोहार, दैनिक जागरण के ब्रांड विभाग के अवधेश दीक्षित, दैनिक जागरण परिवार के शिवानंद पांडेय व संजय साह समेत अन्य लोग उपस्थित थे।