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Snowfall In Darjeeling: दार्जिलिंग में बारिश और बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त

Snowfall In Darjeeling. मौसम का मिजाज बदलते ही दार्जिलिंग में बारिश और बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 01:41 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 01:41 PM (IST)
Snowfall In Darjeeling: दार्जिलिंग में बारिश और बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त
Snowfall In Darjeeling: दार्जिलिंग में बारिश और बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी। Snowfall In Darjeeling उत्तर बंगाल के दार्जिलिंग हिल में मंगलवार से बदले मौसम में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है मंगलवार को दार्जिलिंग के टाइगर हिल, संदकफू, कलिंगपोंग ,घूम मिरिक आदि क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी ने लोगों को परेशान किया था। बुधवार की भोर से लगातार हो रही बर्फबारी से सुबह सात बजे तक एक फिट तक बर्फबारी हुई।

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घर के बारह रखे वाहन ओर पेड़-पौधे पूरी तरह सफेद चादर में ढक गए हैं। इसको लेकर यहां आए देश-विदेश के पर्यटकों को उत्साहित किया है। बर्फबारी के कारण समतल क्षेत्र में रह रहे पर्यटकों नेवी दार्जिलिंग की ओर जाना प्रारंभ कर दिया है। हिल्स में जाने वाली वाहनों को लेकर यातायात पुलिस के साथ विभिन्न थाना के पुलिस को सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है कहा गया है कि बर्फबारी के कारण दार्जिलिंग टाइगर हिल्स व अन्य क्षेत्रों में जा रहे पर्यटकों पर पैनी नजर रखी जाए पर्यटकों को किसी प्रकार की कोई असुविधा ना हो, इसके लिए भी जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि लगातार लोगों से संपर्क में हैं।

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता विनय तमांग ने दार्जिलिंग हिल्स में हो रही बर्फबारी को पर्यटन उद्योग के लिए शुभ संकेत बताया है। दार्जिलिंग के संसद राजू बिष्ट ने कहा है कि दार्जिलिंग पहाड़ों की रानी के नाम से पूरे विश्व में विख्यात है। इसकी प्राकृतिक खूबसूरती देखने के लिए देश-विदेश के पर्यटक जहाँ आना चाहते हैं पर्यटकों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष व्यवस्था नहीं होने के कारण पर्यटकों को मायूसी का सामना करना पड़ता है। वह सांसद होने के कारण चाहते हैं कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विश्व पर्यटन के मानचित्र पर दार्जिलिंग को इस प्रकार विकसित किया जाए, जिससे यहां पर्यटन उद्योग के साथ स्थानीय लोगों को रोजी रोजगार मिल सके इसके लिए वे लगातार प्रयासरत भी है लेकिन इसके लिए राज्य सरकार और जीटीए को उन्हें सहयोग देना पड़ेगा।

वही दूसरी ओर, उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों में मंगलवार को रुक रुक कर और बुधवार को तेज बारिश हो रही है। अचानक बारिश के कारण क्षेत्र में होने वाले सब्जियों की खेती और आम की पैदावार को नुकसान होने की आशंका है यह के किसान चिंता में है।

किसानों का कहना है कि इस बार आम की मंजिरियां कुछ देर से आनी शुरू हुई। इस बीच, असमय बारिश के चलते मंजरियों में कीड़े-मकोड़ों से रोगग्रस्त होने की आशंका जताई जा रही है। बागवानी विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस तरह की बेमौसम बारिश से मंजरियों को क्षति पहुंचने की आशंका है लेकिन आज दोपहर से धूप खिलने के बाद से नुकसान की आशंका कम हो गई है।

विशेषज्ञों के अनुसार, अनुकूल मौसम होने से इसकी संभावना काम रहेगी। जलपाईगुड़ी जिले के धूपगुड़ी, मालबाजार, मैनागुड़ी, कूचविहार, रंगापानी विधान नगर आदि क्षेत्रों में अचानक आई बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचेगा इस बारिश से और ओलावृष्टि से फसलों को कितना हम पहुंचाा है। इसका कोई आंकलन नहीं लगाया जा सका है। 

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