सिक्किम में बेटियों को पैतृक संपत्ति में अधिकार पूरी तरह स्पष्ट नहीं : एसकेएम
सिक्किम में बेटियों को पैतृक संपति में अधिकार पूरी तरह देनी चाहिए। इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से कोई स्पष्ट नीति व नियम नहीं है।
गंगटोक, जागरण संवाददाता। सिक्किम में बेटियों को पैतृक संपति में अधिकार पूरी तरह देनी चाहिए। इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से कोई स्पष्ट नीति व नियम नहीं है। मंगलवार को सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के प्रवक्ता जैकब खालिंग ने लगाया है।
उन्होंने कहा कि हालांकि बेटियों को पैतृक संपति पर अधिकार को लेकर हमारी पार्टी ने पिछले 2014 के आम चुनाव में मुद्दा उठाया था। जिसमें पूत्र की तरह बेटियों को भी पैतृक संपति पर अधिकार का मामला उठा था। यह वादा बकायदा घोषणा पत्र में उल्लेख है।
लेकिन पिछले साल सिक्किम हाई कोर्ट में दायर याचिका में लंबी सुनवाई के बाद फैसला हुई। जिसमें बेटियों को अधिकार समेत पैतृक संपति हस्तांतरण एवं वैसे बेटियों के संपति अपने बच्चे को हस्तांतरण एवं पंजीकरण को संभव बनाया गया था। जबकि राज्य सरकार ने इस तरह के अधिकार को रोकने के लिए अलग से नियम बनाया था। न्यायालय के हस्तक्षेप पर राज्य सरकार को इस पर दबाव मिला।
हालांकि इस संबंध में भी राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के अलावा अपने स्तर पर कोई नियम लागू नहीं किया है। जिसके लिए पार्टी खेद प्रकट करती है। उन्होंने कहा कि इसी तरह मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत ऋण लेने वाले युवाओं को माफी देने का मुख्यमंत्री के घोषणा का स्वागत किया है। लेकिन ऋण माफी के साथ गिरवी रखा हुआ जमीन का पर्चा व डिग्रियां भी वापस करने की मांग रखी गई है।
उन्होंने कहा कि एक परिवार एक रोजगार का नारा सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा का होने का दावा किया गया है। लेकिन इस नारा को मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने अपनाते हुए लागू करने का लगाया है। उन्होंने पार्टी के इस एजेंडा व कार्यक्रमों को मुख्यमंत्री पर हाइजैक करने का भी लगाया है।