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कोरोना संकट ने ली अवैध कारोबारियों की खबर

-कोई दस्तावेज नहीं होने से पुलिस पास पाना मुश्किल -बाजार में प्रवेश का संकटकई स्टॉलों

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Apr 2020 06:38 PM (IST)Updated: Thu, 23 Apr 2020 06:38 PM (IST)
कोरोना संकट ने ली अवैध कारोबारियों की खबर
कोरोना संकट ने ली अवैध कारोबारियों की खबर

-कोई दस्तावेज नहीं होने से पुलिस पास पाना मुश्किल

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-बाजार में प्रवेश का संकट,कई स्टॉलों का शटर डाउन

सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट

-अवैध रूप से स्टॉल किराये पर लगाने का खेल काफी दिनों से जारी

-सरकार को काफी कम रकम देकर किराये से कमा रहे हैं मोटी रकम

-सबसे बड़े बाजार में घोटाले भी काफी बड़े-बड़े जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट जितना बड़ा बाजार है, घोटाले और उगाही के कारनामे भी यहां उतने ही बड़े-बड़े होते हैं। स्टेट मार्केटिंग बोर्ड के नियमों को तो जैसे यहां ताख पर रख दिया गया है। इस बाज़ार मे अवैध कारोबारियों की संख्या भी कम नहीं है। लेकिन अब कोरोना संकट के कारण जारी लॉकडाउन से इन अवैध कारोबारियों के लिए आफत खड़ा हो गया है।

सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में स्टॉल के आवंटन मे धाधली और इस धाधली मे मार्केट कमेटी के चेयरमैन सह दार्जिलिंग जिला शासक के हस्ताक्षर का दुरुपयोग का मामला पहले ही सामने आ चुका है। शहर के मल्लागुड़ी इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग 31 के किनारे सरकारी जमीन पर बने उत्तर बंगाल में कच्चे माल का सबसे बड़ा थोक बाजार सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट का स्टाल व्यापारियों को किराए पर आवंटित किया गया है। इस दौर में भी स्टाल के प्रति वर्ग फीट का किराया डेढ़ से दो रुपया ही निर्धारित है। स्टेट मार्केटिंग बोर्ड के नियमानुसार स्टाल का आवंटन किया जाता है। लेकिन अब बोर्ड के नियमों को ताख पर रख दिया गया है। डेढ़ से दो रूपए प्रति वर्ग फीट पर सरकार से स्टाल किराए पर लेकर कुछ व्यापारी डेढ़ से दो सौ गुना मुनाफे पर स्टाल को किराए पर लगा दिया है। जबकि यह स्टेट मार्केट बोर्ड के नियमों के खिलाफ है। नियमानुसार व्यापार नहीं कर पाने की स्थिति मे व्यापारी को स्टॉल बोर्ड के हवाले करना होगा। उस स्टॉल को का फिर से किसी अन्य व्यापारी के साथ एग्रीमेंट कर किराए पर दिया जाएगा। बोर्ड से एग्रीमेंट के बजाए व्यापारी से स्टॉल किराए पर लेने वाले व्यापारी सरकार की नजर मे अवैध हैं। लेकिन सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट मे यह अवैध प्रक्रिया वर्षो से चली आ रही है। रेगुलेटेड मार्केट मे पांच सौ से अधिक स्टॉल है। जिसमे से करीब आधे स्टॉल इसी तरह अवैध व्यापारियों का कब्जा है। 25 से 50 हज़ार की सलामी और महीने में दो सौ से पांच सौ रुपये किराया देकर बोर्ड से एग्रीमेंट कर स्टॉल लेने वाले काफी व्यापारी महीने का 25 से 30 हज़ार रुपया किराया कमा रहे हैं। लेकिन कोरोना की वजह से जारी लॉकडाउन की स्थिति मे व्यापार करना इन अवैध व्यापारियों के लिए मुश्किल हो गया है। लॉकडाउन मे कच्चा माल फल-सब्जी, आलू-प्याज, लहसुन और मछली को आवश्यक सामग्री मे रखा गया है। कोरोना के प्रकोप से बचने के लिए पुलिस लॉकडाउन का पालन कराने के लिए सख्ती बरत रही है। आवश्यक कारोबार जैसे किराना,राशन व्यापारी, कच्चे माल के व्यापारी, दवाई और अस्पताल से जुड़े लोगो को पुलिस प्रशासन की ओर से पास मुहैया कराया गया है। पास के बिना सड़क पर पकड़े गए लोगो को गिरफ्तार और गाड़ियों को पुलिस जब्त कर रही है। सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट के व्यापारी, लेबर, कर्मचारी, वैन,रिक्शा व अन्य वाहनों को प्रशासन ने पास उपलब्ध कराया है। लेकिन वहीं रेगुलेटेड मार्केट के इन अवैध व्यापारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन अवैध कारोबारियों को पास प्रदान करने के लिए ना ही रेगुलेटेड मार्केट कमेटी और ना ही व्यापारी संगठन ने सिफ़ारिश की है। जिसकी वजह से इन अवैध व्यापारियों को रेगुलेटेड मार्केट तक पहुंचना भी दुश्वार हो गया है। कई ने तो व्यापार भी बंद कर रखा है। अवैध व्यापारियों का कहना है कि व्यापारी संगठन अन्य अवसरों पर उन्ही से चंदा वगैरह वसूलती है। लेकिन इस समय पास के लिए सिफ़ारिश नहीं कर रही रही है। वहीं मछली मंडी व्यापारी संगठन के सचिव बापी चौधरी ने बताया कि हम अवैध को वैध नहीं बना सकते हैं। जिन व्यापारी का नाम रेगुलेटेड मार्केट कमेटी के खाते मे दर्ज ही नहीं है, उसके लिए पास कि सिफ़ारिश हम प्रशासन से कैसे कर सकते हैं।


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