सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव: कोविड के बढ़ते खतरे के बीच डिजिटल तकनीक प्रत्याशियों का बना सहारा
कोरोना के बढ़ते खतरे ने सिलीगुड़ी नगर निगम के चुनाव प्रचार पर पूर्ण ब्रेक लगा दिया है । पिछले एक सप्ताह में प्रत्याशियों के कोरोना संक्रमित होने का मामला बढ़ा है। ऐसे में प्रत्याशी डिजिटल प्रचार के माध्यम से मतदाताओं तक पहुंच रहे हैं।
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। कोविड के बढ़ते खतरे ने सिलीगुड़ी नगर निगम के चुनाव प्रचार पर पूर्ण ब्रेक लगा दिया है । पहले कोविड गाइडलाइन के पालन और कुछ पाबंदियों के साथ चुनाव प्रचार की अनुमति थी, लेकिन कोरोना के बढ़ते खतरे ने मतदाताओं व प्रत्याशी के बीच शारीरिक दूरी बढ़ा दी है। पिछले एक सप्ताह में प्रत्याशियों के कोरोना संक्रमित होने का मामला बढ़ा है। अब तक चार प्रत्याशी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। विपरीत हालात में प्रत्याशी डिजिटल प्रचार के माध्यम से मतदाताओं तक या कहें कि उनके घरों तक अपनी पहुंच बना रहे हैं। बकायदा फेसबुक ,व्हाट्सएप तथा पर्सनल मैसेज देकर उनसे अपने पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे हैं।
बता दें कि कोरोना के खतरे को देखते हुए रैली, जनसभा जैसे कार्यक्रम पहले ही बंद हो चुके हैं। ऐसे में डिजिटल के सिवाय दूसरा कोई चारा नहीं बच जाता है। डिजीटल तकनीकी के इस दौर में प्रत्याशियों के लिए एक नए विकल्प की भी राह खुल गई है। डिजिटल प्रचार से कहीं न कहीं जो सबसे बड़ा लाभ हुआ है वह यह है कि प्रत्याशियों के समय व पैसे दोनों की बचत हो रही है । क्योंकि जब वे प्रचार अभियान के तहत रैली व सभा करते हैं तो निश्चित रूप से इसके लिए भारी भरकम धनराशि का खर्च आता है। आने वाले समय में डिजीटल माध्यम मतदाताओं तक पहुंचने का बड़ा माध्यम बन जाएगा। एक समय वह भी था जब चुनाव में बड़ी बड़ी रैलियां होती थी। सड़कों पर चुनाव प्रचार सामग्री से लैस लोगों की भीड़ चलती थी। जो अब बदलते समय में अतीत की बात होने लगी है । एक बात तो कहा जा सकता है कि कोरोना ने नुकसान तो बहुत किया है, लेकिन उसने डिजिटल की दुनिया में जो एक नई राह भी खोली है आने वाले समय में उसकी उपयोगिता बढ़ेगी। हालांकि डिजिटल प्रचार से उन लोगों को बेहद नुकसान हुआ है ,जो बैनर पोस्टर, झंडा बनाने का कार्य करते हैं। यह बात भी उतना ही सही है कि बदलते समय में कुछ चीजें अवसर देती हैं तो कुछ को नुकसान होता है।