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मुथूट फाइनेंस लूट कांड के आरोपित पुलिस रिमांड पर

-सभी तकनीकी सहायता के है भागीदार अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए बिहार झारखंड व आ

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 07:42 PM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 06:41 AM (IST)
मुथूट फाइनेंस लूट कांड के आरोपित पुलिस रिमांड पर
मुथूट फाइनेंस लूट कांड के आरोपित पुलिस रिमांड पर

-सभी तकनीकी सहायता के है भागीदार

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अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए बिहार, झारखंड व ओडि़शा का दौरा

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : मुथूट फाइनेंस डकैती कांड के 25 दिन बाद सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपितों को रविवार सिलीगुड़ी एसीजेएम अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपियों को 14 दिनों की रिमांड पर सिलीगुड़ी थाना पुलिस को सौंपा है। गहन पूछताछ के बाद सभी को दोबारा छह अक्टूबर को कोर्ट में पेश किया गया जाएगा। पकड़े गये आरोपितों में अशोक मांझी (40), सनातन केरी (27), आलोक चंद्र मेहर (28), दिलेश्वर मेहर (31) व क्षिरोत चंद्र बल (46) शामिल हैं। दिलेश्वर मेहर और आलोक चंद्र मेहर आपस में सगे भाई हैं। ये दोनों पड़ोसी राज्य ओड़िसा के संबलपुर जिला अंतर्गत रैड़ाखोल थाना के शलेस सिंह इलाका के निवासी हैं। दोनों को इनके घर से ही गिरफ्तार किया है। इसके अतिरिक्त क्षिरोत चंद्र बल ओडिसा के जयपुर जिला अंतर्गत बिन्झरपुर थाना के कल्याणपुर और सनातन केरी सुंदरगढ़ जिले के हातीबोई थाना अंतर्गत केन्देगा इलाके का निवासी है। वहीं अशोक माझी सम्बलपुर जिला अंतर्गत ईहरमल थाना के अडोलपाली इलाके का निवासी बताया गया है। जबकि अशोक को रैड़ाखोल थाना के देहारी शाही व क्षिरोत चंद्र बल को ऐचापाली थाना अंतर्गत ओंगालिया पाड़ा इलाके से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने गिरफ्तार पांचों आरोपियों के खिलाफ जानलेवा हमले के साथ करोड़ों की लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए भारतीय दंड विधान की धारा 395, 397, 427 और डकैती में आग्नेयास्त्र का उपयोग करने के लिए आ‌र्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 के तहत कार्रवाई की है। रविवार आरोपियों को अदालत में पेश कर सिलीगुड़ी थाना पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी व 45 किलो सोना व डेढ़ लाख नगद बरामद करने का हवाला देकर 14 दिन के रिमांड की अपील की। मिले सुराग के आधार पर लूट का माल व मुख्य आरोपियों की तलाश में पुलिस आरोपियों के साथ पड़ोसी राज्य बिहार, झारखंड व ओडि़शा के कई हिस्सों में छापामारी करने की बात बताई। बीते 24 अगस्त को शहर के वर्धमान रोड स्थित मुथूट फाइनेंस कार्यालय में 45 किलो सोना और डेढ़ लाख नगद की लूट हुई थी। दो मोटर साइकिल पर आए चार लोगों ने डकैती की इस वारदात को अंजाम दिया। वारदात के बाद सिलीगुड़ी पुलिस ने मोबाइल टावर से लिया गया डाटा खंगालना शुरू किया। इससे पुलिस को तीन संदिग्ध मोबाइल नंबर प्राप्त हुआ। जिसका लोकेशन 15 दिनो से लगातार घटना स्थल और बागडोगरा का मिला। उन तीनों नंबर के कॉल डिटेल से पुलिस ओडिसा तक पहुंची। सिलीगुड़ी थाना पुलिस ने अदालत को बताया कि घटना से करीब 15 दिन पहले शहर से सटे खोरीबाड़ी ब्लॉक के दुलालजोत इलाके में यह तीनों नंबर एक्टिवेट किया गया। और वारदात के बाद तीनों नंबर एक साथ बंद हो गया। तीन दिन के बाद तीनों नंबर ओडिसा के विभिन्न इलाकों में चालू पाया गया। इसके बाद ओडिसा पुलिस से वारदात की जानकारी साझा कर सहायता से पांचों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने पहले मेहर ब्रदर्स को गिरफ्तार किया। इन दोनों के मार्फत पुलिस अशोक माझी और उसके द्वारा सनातन केरी और क्षिरोत चंद्र बल को गिरफ्त में लिया।

इसके खिलाफ मिले कई सबूत

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार इन पांचों आरोपियों में शहर के सबसे बड़े डकैती कांड को अंजाम देने दो मोटर साइकिल पर आए चारों में से कोई नहीं है। बल्कि वारदात की योजना में इन पांचों की भागीदारी के प्रमाण मिले हैं। जानकारी के मुताबिक ओडि़शा के रौड़ाखोल इलाके में आलोक चंद्र मेहर और दिलेश्वर मेहर का मोबाइल की दुकान है। अशोक माझी ने दो लाख रूपए के एवज में फर्जी दस्तावेज पर आलोक चंद्र मेहर से तीन सीम कार्ड खरीदा। बाद में तीनों सिम कार्ड पांच लाख रुपए लेकर क्षिरोत चंद्र बल और सनातन केरी को दे दिया। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षिरोत चंद्र बल हिस्ट्री सीटर है। इसके खिलाफ ओडिसा के विभिन्न थानों में चोरी-छिनताई के साथ कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। बचाव पक्ष के वकील संतोष साहा ने बताया कि गिरफ्तार पांचों में से कोई भी डकैती कांड में शामिल नहीं है। बल्कि दो भाई का मोबाइल दुकान है। और बांकी को सीम कार्ड आदान-प्रदान की बिना पर पुलिस ने गिरफ्तार किया। इनके पास से पुलिस को जूता, चप्पल, पानी का बोतल के अलावा लूट का सोना व नगद बरामद नहीं हुआ है। लूट को पूरी योजना के साथ अंजाम दिया गया है। गिरफ्तार आरोपियों ने योजना के तकनीकि दिशा को अंजाम दिया और दूसरी ग्रुप ने फाइनेंस कार्यालय से सोना व नगद उड़ाया।

सरकारी पक्ष के वकील सुदीप राय बसुनिया ने बताया कि गिरफ्तार पांचों आरोपियों के पास से लूट का सोना, नगद व वारदात में उपयोग किए गए हथियार भले ही बरामद नहीं हुआ है। लेकिन कांड को अंजाम तक पहुंचाने में इनकी अहम भागीदारी है। ये सभी इस कांड से जुड़े हुए है।


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