सिक्किम यूनाइटेड ऑर्गेनाइजेशन ने किया एनआरसी का विरोध, सौंपा ज्ञापन
सिक्किम यूनाइटेड ऑर्गेनाइजेशन ने एनआरसी का विरोध किया है। इसके लिए बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर तर्क भी दिए गए।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 11:02 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 11:02 PM (IST)
गंगटोक [जागरण संवाददाता]। सिक्किम में नेशनल रेजिस्टर आफ सिटिजंस (एनआरसी) की मांग का नेशनालिस्ट सिक्किम यूनाइटेड ऑर्गेनाइजेशन ने विरोध किया है। एनआरसी का मांग का विरोध भुटिया-लेप्चा प्रोटेक्शन फोर्स ने लिखित तौर पर किया था। इसे लेकर केंद्र सरकार को भी मांग पत्र सौंपा गया है।सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए नेशनलिस्ट सिक्किम यूनाइटेड आर्गेनाइजेशन के संयोजक देव कुमार प्रधान ने बताया कि सिक्किम के नागरिकों की पहचान राज्य को प्राप्त विशेष संवैधानिक प्रावधान 371 (एफ) के तहत है, क्योंकि इस प्रावधान के तहत सिक्किम का भारत में विलयपूर्व तत्कालीन नागरिकों के पहचान के लिए 1941 को आधार वर्ष बनाया था।
हालांकि उक्त नागरिक पहचान पत्र सिक्किम सबजेक्ट 1961 में जारी हुआ। विलय के बाद भी तत्कालीन राजशासन द्वारा जारी सिक्किम के असली नागरिकों के पहचान उक्त सिक्किम सबजेक्ट के आधार पर ही होता आ रहा है। इस पहचान पत्र की सुरक्षा भारतीय संविधान 371 (एफ) के तहत हुई है। एनआरसी लागू होने से उक्त संविधान की धारा एवं सिक्किम सब्जेक्ट का उल्लंघन होगा, जो पूरी तरह से स्वतः अपना अस्तित्व खो देंगे। इसी वजह से हम इसका विरोध कर रहे है। भविष्य में इससे आवश्यक पड़ी तो न्यायालय तक पहुंचाया जाएगा।
हालांकि उक्त नागरिक पहचान पत्र सिक्किम सबजेक्ट 1961 में जारी हुआ। विलय के बाद भी तत्कालीन राजशासन द्वारा जारी सिक्किम के असली नागरिकों के पहचान उक्त सिक्किम सबजेक्ट के आधार पर ही होता आ रहा है। इस पहचान पत्र की सुरक्षा भारतीय संविधान 371 (एफ) के तहत हुई है। एनआरसी लागू होने से उक्त संविधान की धारा एवं सिक्किम सब्जेक्ट का उल्लंघन होगा, जो पूरी तरह से स्वतः अपना अस्तित्व खो देंगे। इसी वजह से हम इसका विरोध कर रहे है। भविष्य में इससे आवश्यक पड़ी तो न्यायालय तक पहुंचाया जाएगा।
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