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क्या फार्मा कंपनी में श्रम विभाग की एडवाइजरी का पालन हो रहा

-फार्मा कंपनी ने अपरोक्ष रूप से एडवाइजरी की जानकारी नहीं होने की दी जानकारी कंपनी में कर्मचाि

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 07:55 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 07:55 PM (IST)
क्या फार्मा कंपनी में श्रम विभाग की एडवाइजरी का पालन हो रहा
क्या फार्मा कंपनी में श्रम विभाग की एडवाइजरी का पालन हो रहा

-फार्मा कंपनी ने अपरोक्ष रूप से एडवाइजरी की जानकारी नहीं होने की दी जानकारी

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कंपनी में कर्मचारियों को कोविड जांच की व्यवस्था नहीं, खुद मणिपाल अस्पताल में करा रहे जांच

-कतिपय कंपनियां ही राज्य सरकार की एडवाइजरी के तहत काम कर रहीं : एसकेएम श्रमिक मोर्चा के मुख्य संयोजक

--राज्य सरकार की एडवाइजरी के तहत कंपनी के किसी कर्मचारी की कोरोना से मौत होने पर कंपनी को दो लाख मुआवजा देना चाहिए

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संसू.गंगटोक: सिक्किम श्रम विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी करने के बाद कंपनियों की कार्यनीति के संबंध में जानने के लिए रानीपुल के निकट स्थित एक फार्मा कंपनी में यहां से संवाददाता पहुंचे।

कंपनी के अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इंकार करते हुए अपने कर्मचारी के मार्फत जानकारी दी कि ऐसी कोई एडवाइजरी नहीं मिली है। इसकी सत्यता को जानने को पत्रकारों ने कंपनी से संबंधित कुछ लोगों से बात की। उन्होंने नाम ना लिखने के शर्त पर कहा कि सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के मुताबिक क्या काम हुआ है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। इसके साथ ही अब तक कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों की कोविड-19 जाच भी नहीं की गई है। यहा से जानकारी मिली है कि यदि किसी कर्मचारी में कोविड के लक्षण दिखे तो वह खुद जाकर मणिपाल अस्पताल में कोविड जाच करा रहे है। इसके साथ ही यहा शारीरिक दूरी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

पत्रकारों ने जब सत्तारूढ़ एसकेएम पार्टी के श्रमिक मोर्चा के मुख्य संयोजक प्रेम राज गुरुंग से उक्त संबंध में जानकारी करनी चाही तो उन्होंने कहा, कतिपय कंपनियों ने राज्य सरकार की एडवाइजरी के मुताबिक काम किया है। कहा कि उन्होंने श्रम विभाग के मंत्री एमएन शेर्पा, विभागीय सचिव नम्रता थापा और अन्य के साथ कंपनियों की भ्रमण की थी। भ्रमण अवधि में राज्य सरकार के श्रम विभाग द्वारा 28 मई को जारी एडवाइजरी को पूर्ण रूप से पालन करने का निर्देश दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के द्वारा जारी एडवाइजरी में कोविड-19 के समय कंपनी में निरंतर काम कर रहे कर्मचारियों को प्रतिदिन तीन सय रुपये अतिरिक्त देना चाहिए। इसी प्रकार यदि कंपनी के कोइ कर्मचारी कोविड संक्रमित पाए गए तो उनके लिए आइसोलेशन के लिए जगह तय करनी चाहिए। कोविड संक्रमित कर्मचारी के परिवार के सदस्य को राहत सामग्री प्रदान करने के साथ ही संक्रमित व्यक्ति को पूर्ण रूप से स्वस्थ ना होने तक कंपनी को ही सभी खर्च करने चाहिए। इसी प्रकार से किसी संक्रमित कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसे 2 लाख रुपये का मुआवजा कंपनी से मिलना चाहिए। इसके साथ ही कोविड विरुद्ध लड़ाई के लिए टास्क फोर्स गठन करने का भी निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही कंपनी को अपने कर्मचारियों के लिए वैक्सीनेशन की व्यवस्था करनी चाहिए।

चित्र परिचय:- फोटो 01- सन फार्मा यूनिट टू

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लाकडाउन में केशु अग्रवाल को सिलीगुड़ी जाने का पास किसने दिया: एसडीएफ

पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग के खिलाफ कुछ न कुछ बोलने की एसकेएम समर्थकों की आदत बन गई

लाकडाउन लगे एक माह हो गए पर पर नियंत्रित नहीं हुआ संक्रमण

संसू.गंगटोक: करीब 6 लाख जनसंख्या वाली राज्य में कोरोना संक्रमण के कारण 275 लोगों की जान जाना सिक्किम कि इतिहास में अब तक के काला अध्याय करार दिया है। यह राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) पार्टी का बयान है। एसडीएफ प्रचार-प्रसार मामिला के महासचिव कृष्ण खरेल ने बुधवार को प्रेस जारी करते हुए कहा है कि राज्य की जनता जिस परिस्थिति को झेल रहे है यह वर्तमान सरकार की लापरवाह के कारण है। आरोप लगाया गया है कि इस महामारी से लड़ने के लिए राज्य सरकार शुरुआती समय से ही गंभीर नहीं था। जिस समय राज्य कोरोना के चपेट में था उस समय एसकेएम सरकार डाडी मार्च, फिस मेला, साइकिल रैली, होली उत्सव, बैसाखी पर्व, पार्टी की जॉइनिंग सभा के माध्यम से राजनीतिक रोटी सेंकने और अपनी सत्ता बचाने की दौड़ में मस्त थी। इसके परिणाम स्वरूप अब राज्य में कोरोना संक्रमण अनियंत्रित है।

उल्लेखनीय है कि इस समय राज्य सरकार लाकडाउन कायम कर कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने की जिम्मेवारी पूरी करने के भ्रम में है। करीब एक माह हो गया पर लाकडाउन से भी कोई नियंत्रण नहीं दिखाई दे रहा है। राज्य में मृत्यु दर लगातार बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में एसकेएम पार्टी समर्थक सस्ते प्रचार में जुटे है। इस महामारी में भी एसडीएफ के कार्यकाल में कुछ नहीं हुआ ऐसे आलोचना कर रहे है। उन्होने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग को लेकर नकारात्मक बयान जारी करना एसकेएम पार्टी के एक नंबर नेता से लेकर कार्यकर्ताओं की खेती बन गई है, जो हास्यास्पद है।

उन्होंने उल्लेख किया है कि प्रति एक लाख आबादी में 294 बीमारियों को अस्पताल में रखने की क्षमता वाली राज्य सिक्किम है जो देश में दूसरे स्थान पर है। यह एसडीएफ सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में निर्माण किए गए पूर्वाधार की परिणाम है। उन्होंने उल्लेख किया है कि इस महामारी में एसडीएफ पार्टी के नेता और सहयोद्धा आम जनता को सेवाएं दे रहे है। हम मानवता के पक्ष में जब उतरते है तब कैमेरा, सोशल मीडिया और प्रचार प्रसार को बैसाखी के रूप में प्रयोग नहीं करते। उन्होंने एसकेएम पार्टी को सुझाव दिए है कि पूर्व सरकार की आलोचना को छोड़ कर राज्य की वर्तमान स्थिति पर ध्यान केंद्गित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस लॉकडाउन अवधी में भारी मात्रा में नशीली दवाइया मिलना सोचनीय विषय है।

प्रेस बयान में उल्लेख किया गया है कि राज्य में लॉकडाउन है। साधारण जनता दुख में रहकर भी सरकार द्वारा जारी निर्देश पालन कर रहे है। लेकिन एसकेएम पार्टी के कोषाध्यक्ष केशु अग्रवाल सिलगढी स्थित एक होटल से जुवा खेलते हुए पकडे गए है। कोविड प्रोटोकाल तोडने के आरोप में उनको पुलिस द्वारा पकडे जाने जनता माझ प्रश्न चिंह आई है। एसडीएफ ने प्रश्न किया है कि लॉकडाउन के समय केशु अग्रवाल को सिलगढी जाने के लिए कैसे पास मिला। सरकार को इसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने प्रश्न किया है कि कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले एसकेएम कोषाध्यक्ष केशु अग्रवाल की गैर कानूनी कार्य में एसकेएम पार्टी क्यों चुप्पी साधे बैठी है। फोटो 02- एसडीएफ पार्टी के प्रचार-प्रसार महासचिव कृष्ण खरेल


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