विमल गुरुंग मामले में सिब्बल का कानूनी पेंच
विमल गुरुंग के मामले में तब नया मोड़ आ गया जब बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कुछ नए तथ्य पेश करने का अवसर मांगा।
दार्जिलिंग, जेएनएन। विमल गुरुंग के मामले में तब नया मोड़ आ गया जब बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कुछ नए तथ्य पेश करने का अवसर मांगा। उन्होंने न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर मामले का फैसला सुरक्षित करने से पूर्व राज्य सरकार की ओर से कुछ और तथ्यों को सुनने की अपील की। इस पर गुरुंग के वकील पीएस पटवालिया ने सिब्बल के नए कानूनी पेंच का विरोध करते हुए शीघ्र निर्णय सुनाने की मांग की।
न्यायामूर्ति अशोक भूषण तथा न्यायामूर्ति एके सीकरी की पीठ ने पटवालिया के विरोध को दरकिनार करते हुए सिब्बल को अवसर प्रदान करते हुए 5 मार्च को मुकदमे की सुनवाई के लिए तिथि सुनिश्चित किया है। बताते चलें कि 22 फरवरी को ही न्यायालय में दोनों पक्षों की ओर से अपनी बहस पूरी कर ली गई थी। इस पर न्यायालय की खंडपीठ ने गुरुंग पर फैसले को सुरक्षित कर दिया था।
उधर, गुरुवार को गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया। गुरुंग की पैरवी कर रहे पीएस पटवालिया ने न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए विमल गुरुंग को निर्दोष बताते हुए बंगाल सरकार के आरोपों को सिरे से खारिज किया था। इस प्रकरण में दोनों ही पक्षों की ओर से जिरह का लंबा दौर चला था जिसमें बीती 19 फरवरी से सरकार और दार्जिलिंग पुलिस ने गुरुंग पर उग्रवादी संगठनों से तालमेल रखने के साथ ही अन्य संगीन आरोप लगाए थे। सरकार के आरोपों को गुरुंग के अधिवक्ता पीएस पटवालिया तथा उनकी टीम ने निराधार बताते हुए सभी आरोपों को गुरुंग के आंदोलन को दबाने की साजिश बताया था।