शहर को कब मिलेगी जाम और अतिक्रमण से मुक्ति
-विधानसभा का मुख्य मुद्दा बनेगी यह समस्या सरकार व नगर निगम में तालमेल का अभाव -खामियाजा भु
-विधानसभा का मुख्य मुद्दा बनेगी यह समस्या, सरकार व नगर निगम में तालमेल का अभाव
-खामियाजा भुगत रहे देश विदेश से आने वाले लोग
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार। यहां आने वाले विधानसभा चुनाव में शहर में अतिक्रमण और उसको लेकर जाम की बड़ी समस्या बड़ा मुद्दा बनने वाला है। युवा कांग्रेस की ओर से इसको लेकर आंदोलन की शुरूआत भी की गयी है। हमेशा इसके समाधान के लिए कई प्रकार की घोषणाएं तो होती है परंतु इसपर अमल नहंी किया जाता। ऐसा ही नजारा प्रतिदिन देखने को शहर का प्रमुख चौरास्ता माने जाने वाले स्टेडियम व महकमा परिषद मोड़ पर देखने को मिलता है। एक ओर जहां एडीसीपी, एसडीओ,एएसपी और कई नर्सिग होम अवस्थित हैं वहीं,दूसरी ओर महकमा परिषद, कॉलेज और स्कूल जाने का मार्ग। जाम इतनी की मानो यहां वाहनों का संगम लगा हो। हर कोई जल्दबाजी में एक दूसरे पर आरोप लगा रहे थे। जाम को हटाने के लिए यातायात पुलिस को आधा घंटा से ज्यादा परेशान होना पड़ा। अतिक्रमण व जाम के निरीक्षण पर निकले प्रशासनिक अधिकारियों ने भी स्वीकार किया कि शहर की प्रमुख सड़कों व चौराहों पर अतिक्रमण है। उन्होंने दुकानदारों को अतिक्रमण हटाने की चेतावनी भी दी थी। लेकिन इसका असर कुछ ही देर रहा। फिर स्थिति जस की तस हो गई। शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान नहीं चला है। हिलकार्ट रोड, सेवक रोड और बर्दमान रोड के सड़क के दोनों ओर फुटपाथ है। इन पर लोगों ने स्थायी व अस्थायी अतिक्रमण कर लिया है। इससे पैदल व साइकिल सवार लोगों को भी सड़क पर ही चलना पड़ता है। दुकान के आगे बने फुटपाथ पर दुकानदार ठेली लगाते हैं। शहर में कुछ जगह तो ऐसी हैं, जहा पर ठेला लगवाने के लिए वकौल प्रतिमाह वसूले जा रहे हैं। इसे किसी न किसी सफेदपोश नेताओं का संरक्षण प्राप्त होता है। जब अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जाता है तो यह दुकानदार अपनी ठेला लेकर चले जाते हैं। शहर के विधायक व मेयर के गृह वार्ड सर्वाधिक भीड़भाड़ वाला सुभाष चौक है। यहा पर चारों ओर दुकानदार अतिक्रमण किए हुए हैं। ऐसे में कोई वाहन इनसे टकरा जाता है तो यह दुकानदार लड़ने पर आमादा हो जाते हैं। इसके अलावा इसके अलावा चौराहे पर लगने वाली रोडवेज बसों व आटो की वजह से भी जाम की स्थिति बनी रहती है। इससे आम आदमी परेशान होता रहता है। सोमवार को चेकपोस्ट से सालुगाड़ा का कमोवेश यही स्थिति होती है। इसको लेकर राजनीतिक दल हो या प्रशासन सभी जानते हुए भी अंजान है।
शहर में पिछले कई वर्षो से नगर निगम में अतिक्रमण हटाओ अभियान नहीं चलाया है। दैनिक जागरण के मुहिम के बाद सेवक रोड़ सालुगाड़ा से टाउन क्लब तक अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया था उसके बाद फिर से अतिक्रमण जारी है। इससे अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों को खौफ नहीं है। प्रशासनिक दबाव के चलते पिछले पांच वषरें में एक दो बार अभियान तो चलाया गया, लेकिन मात्र औपचारिकता भर पूरी की गई है। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारी भी दोषी बताए जाते हैं। नगर निगम की ओर से आरोप लगाया जाता है कि पुलिस प्रशासन की ओर से फोर्स मागने पर उपलब्ध नहीं कराया जाता है। इससे अभियान नहीं चल पा रहा है। इस संबंध में विधायक सह नगर निगम के प्रशासनिक चेयरमैन अशोक नारायण भट्टाचार्य का कहना है कि शहर में अभियान चलाकर अतिक्रमण हटवाया जरुरी है परंतु इसके लिए सभी का सहयोग चाहिए।