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एसबीआइ अफसरों ने केंद्र सरकार की बैंकिंग नीति का किया विरोध, 21 को बैंकों में रहेगी हड़ताल

एसबीआइ ऑफिसर्स एसोसिएशन बंगाल सर्किल की 35 वीं वार्षिक आम सभा सिलीगुड़ी में आयोजित की गई। इसमें केंद्र की नीति का विरोध किया। 21 दिसंबर को बैंक बंद रखने का आह्वान किया गया।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 08:17 PM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 08:17 PM (IST)
एसबीआइ अफसरों ने केंद्र सरकार की बैंकिंग नीति का किया विरोध, 21 को बैंकों में रहेगी हड़ताल
एसबीआइ अफसरों ने केंद्र सरकार की बैंकिंग नीति का किया विरोध, 21 को बैंकों में रहेगी हड़ताल
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स एसोसिएशन बंगाल सर्किल की 35 वीं वार्षिक आम सभा सिलीगुड़ी में सेवक रोड स्थित उत्तर बंग मारवाड़ी पैलेस में आयोजित की गई। इसमें एसोसिएशन के सदस्यों ने केंद्र सरकार की वर्तमान बैंकिंग नीति का जमकर विरोध किया। केंद्र की नीतियों के विरोध में आगामी 21 दिसंबर को बैंक बंद रखने का निर्णय लिया गया।
वक्ताओं ने राष्ट्रीयकृत बैंकों का हो रहे विलय का विरोध करते हुए इसे तत्काल प्रभाव से रोकने की मांग की है। उनका कहना था कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्रों में विनिवेश, बैंकों का विलय व पूंजीवादी विचारधारा को खुश करने के लिए श्रम कानून में बदलाव कर रही है। यह बदलाव देश हित व कामगारों के लिए खतरा है। सरकार के इस जनविरोधी नीति खिलाफ जोरदार आंदोलन करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन द्वारा स्टॉफ मर्जर, सेव पब्लिक सेक्टर, सेव इंडिया स्लोगन के साथ केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया जा रहा है।
इस मौके पर ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बंगाल सर्किल के महासचिव सौम्य दत्त ने संवाददाताओं से कहा कि जिस तरह से राष्ट्रीयकृत बैंकों का विलय किया जा रहा है, इससे अनेक बैंक बंद हो जाएंगे। कृषि क्षेत्र से लेकर आम आदमी तक प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का तर्क है कि कमजोर बैंकों का ही विलय किया जा रहा है। हकीकत यह है कि अगर दो कमजोर बैंकों का विलय एक मजबूत बैंक में होगा तो मजबूत बैंक भी कमजोर हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा जारी नई-नई योजनाओं को पूरा करने में बैंक के अधिकारी व कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बैंकिंग सेक्टर में अधिकारियों की काफी कमी पर भी चिंता व्यक्त की। वर्तमान में स्थिति यह है कि जहां पांच अधिकारियों की जरूरत है, वहां मात्र एक से दो अधिकारी हैं। बैंकों में अधिकारियों की कमी से व काम के दबाव से अधिकारी बैंक की नौकरी छोडऩे के लिए मजबूर हो रहे हैं।
दत्ता ने कहा कि सरकार की इस जनविरोधी नीति के खिलाफ 21 दिसंबर को आल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन की ओर से पूरे देश में बैंकों की हड़ताल आहूत की गई है। जबकि बैंकिंग सेक्टर के अन्य संगठनों द्वारा 26 दिसंबर को पूरे देश में हड़ताल की जाएगी है। इस मौके पर भारतीय स्टेट बैंक (बिजनेस व ऑपरेशन), सिलीगुड़ी जोन के उप महाप्रबंधक सतीस रॉव, एसबीआइ ऑफिसर्स एसोसिएशन बंगाल सर्किल के अध्यक्ष सबुज मिस्त्री, एसबीआइ ऑफिसर्स एसोसिएशन बंगाल सर्किल के उप महासचिव शुभोज्योति चट्टोपाध्याय व एसबीआइ ऑफिसर्स एसोसिएशन, सिलीगुड़ी जोनल कमेटी के चीफ रीजनल सेकरेट्री उत्पल दत्ता समेत अन्य लोग उपस्थित थे।  

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