पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव कांग्रेस अपने बल पर लड़ेगी : सौमेन मित्रा
कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। इसके प्रदेश अध्यक्ष सौमेन मित्रा ने सिलीगुड़ी में इसका एलान भी कर दिया।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 09:49 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 09:49 AM (IST)
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सौमेन मित्रा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में उनकी पार्टी अकेले लोकसभा का चुनाव लड़ेगी। तृणमूल कांग्रेस से कोई समझौता नहीं होगा। उत्तर प्रदेश की तर्ज पर बंगाल में भी सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली गई है। वे सिलीगुड़ी में केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ कानून तोड़ो आंदोलन और जेल भरो कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
रैली महानंदा निरंजन घाट से प्रारंभ होकर एसडीओ कार्यालय के सामने जनसभा के रूप में परिवर्तित हुआ था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस टीएमसी के साथ लोकसभा चुनाव में कोई समझौता क्यों नहीं करना चाहती? इसका जवाब है कि एक बार समझौता कर ममता बनर्जी को सत्ता में बैठाया। नतीजा क्या निकला। अपने स्वार्थ के लिए कांग्रेस के घर में ही डाका डाल दिया। कई विधायकों और मंत्रियों को अपनी पार्टी में मिला लिया।
जो पार्टी बदला नहीं, बदलाव चाहिए के नारों के साथ सत्ता में आई और आते ही सबसे ज्यादा बदला लेने के लिए बूथ स्तर तक के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर झूठे मामले दर्ज कराए। पुलिस का गलत इस्तेमाल कराकर कार्यकर्ताओं को डराने धमकाने का काम किया। ऐसी पार्टी से बंगाल की कांग्रेस समर्थित जनता चाहती है कि दूरी बनाए रखा जाए। इसकी जानकारी राष्ट्रीय नेतृत्व को भी दे दी गई है।
मित्रा ने कहा कि आज कुछ नेता प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। यह कितनी हास्यास्पद बात है कि जो पार्टी पूरे देश में 77 सीटों पर प्रत्याशी नहीं उतार पा रही है, उसके नेता प्रधानमंत्री पद का दावेदार हो रहे हैं। दिन में सपना देखने वालों को कुछ कहना ठीक नहीं है। कांग्रेस केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जनता के बीच जा रही है और आनेवाले दिनों में चुनाव में उतरकर अपनी ताकत का अहसास कराएगी। केंद्र सरकार की चोरी को कांग्रेस ने पकड़ा है। राफेल के मुद्दे पर सरकार जेपीसी से भाग रही है। इसे देश की जनता बर्दाश्त नहीं करने वाली। जिस प्रकार से तीन हिंदीभाषी राज्य राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में 15 वर्षों की भाजपा सरकार को पराजित किया, उसी प्रकार लोकसभा चुनाव में भी भाजपा केंद्र से उखाड़ फेंका जाएगा। देश की जनता युवा नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है।
सांसद सह कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य ने भी केंद्र और राज्य सरकार की निंदा करते हुए कहा कि दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों के बीच गुप्त समझौता है। राफेल पर सदन में टीएमसी कोई हंगामा नहीं करती। पेट्रोलियम पदार्थ में मूल्य वृद्धि को लेकर टीएमसी नेता चुप हैं। मजदूरों के खिलाफ केंद्र के रवैये को लेकर देशभर में दो दिनों का भारत बंद रहा। किसी सरकार ने कुछ नहीं कहा, परंतु बंगाल सरकार ने तालिबानी फरमान जारी कर दिया। प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस से पिटवाया गया। उत्तर बंगाल में उद्योग-धंधे की बात हो रही है, जबकि हकीकत है कि सबसे बड़ा चाय उद्योग बंद हो रहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री दीपा दासमुंशी ने कांग्रेस समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि अब बंगाल में कांग्रेस को टीएमसी निशाना बना रही है। केंद्र में मोदी सरकार एक दूसरे से लड़ाकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना चाहती है। इसे कांग्रेस बर्दाश्त नहीं करेगी। ममता की सोच पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल गांधी और सोनिया को बुलाते हैं, परंतु यहां के प्रदेश कांग्रेस को बिग्रेड के लिए निमंत्रण नहीं देते। यह उनकी सोच और कांग्रेस के प्रति उनके भाव को प्रकट करता है। सभा को शुभांकर सरकार, अलोक चक्रवर्ती, शंकर मालाकार, वीपी सिंह, अमजद अली आदि ने भी संबोधित किया। मंच पर विधायक सुनील तिर्की, पार्षद सुजय घटक, पूर्व मेयर गंगोत्री दत्त, पार्षद पिंटू घोष, सुबीन भौमिक आदि मौजूद रहे। सभा के बाद सभी कांग्रेसी समर्थक रैली के रूप में एसडीओ कार्यालय की ओर बढ़े। पुलिस की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। पहले पुलिस के घेरे को प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया। जब और आगे बढ़े तो पहले से तैयार किए गए पुलिस के घेरे को नहीं तोड़ पाए। लगभग 15 मिनट तक जोर आजमाइश होती रही। तनाव के बीच एसीपी अभिजीत साहा ने घोषणा की कि सभी ढाई हजार प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जाता है और उन्हें छोड़े जाने की घोषणा के बाद प्रदर्शनकारी लौट गए।
रैली महानंदा निरंजन घाट से प्रारंभ होकर एसडीओ कार्यालय के सामने जनसभा के रूप में परिवर्तित हुआ था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस टीएमसी के साथ लोकसभा चुनाव में कोई समझौता क्यों नहीं करना चाहती? इसका जवाब है कि एक बार समझौता कर ममता बनर्जी को सत्ता में बैठाया। नतीजा क्या निकला। अपने स्वार्थ के लिए कांग्रेस के घर में ही डाका डाल दिया। कई विधायकों और मंत्रियों को अपनी पार्टी में मिला लिया।
जो पार्टी बदला नहीं, बदलाव चाहिए के नारों के साथ सत्ता में आई और आते ही सबसे ज्यादा बदला लेने के लिए बूथ स्तर तक के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर झूठे मामले दर्ज कराए। पुलिस का गलत इस्तेमाल कराकर कार्यकर्ताओं को डराने धमकाने का काम किया। ऐसी पार्टी से बंगाल की कांग्रेस समर्थित जनता चाहती है कि दूरी बनाए रखा जाए। इसकी जानकारी राष्ट्रीय नेतृत्व को भी दे दी गई है।
मित्रा ने कहा कि आज कुछ नेता प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। यह कितनी हास्यास्पद बात है कि जो पार्टी पूरे देश में 77 सीटों पर प्रत्याशी नहीं उतार पा रही है, उसके नेता प्रधानमंत्री पद का दावेदार हो रहे हैं। दिन में सपना देखने वालों को कुछ कहना ठीक नहीं है। कांग्रेस केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जनता के बीच जा रही है और आनेवाले दिनों में चुनाव में उतरकर अपनी ताकत का अहसास कराएगी। केंद्र सरकार की चोरी को कांग्रेस ने पकड़ा है। राफेल के मुद्दे पर सरकार जेपीसी से भाग रही है। इसे देश की जनता बर्दाश्त नहीं करने वाली। जिस प्रकार से तीन हिंदीभाषी राज्य राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में 15 वर्षों की भाजपा सरकार को पराजित किया, उसी प्रकार लोकसभा चुनाव में भी भाजपा केंद्र से उखाड़ फेंका जाएगा। देश की जनता युवा नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है।
सांसद सह कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य ने भी केंद्र और राज्य सरकार की निंदा करते हुए कहा कि दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों के बीच गुप्त समझौता है। राफेल पर सदन में टीएमसी कोई हंगामा नहीं करती। पेट्रोलियम पदार्थ में मूल्य वृद्धि को लेकर टीएमसी नेता चुप हैं। मजदूरों के खिलाफ केंद्र के रवैये को लेकर देशभर में दो दिनों का भारत बंद रहा। किसी सरकार ने कुछ नहीं कहा, परंतु बंगाल सरकार ने तालिबानी फरमान जारी कर दिया। प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस से पिटवाया गया। उत्तर बंगाल में उद्योग-धंधे की बात हो रही है, जबकि हकीकत है कि सबसे बड़ा चाय उद्योग बंद हो रहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री दीपा दासमुंशी ने कांग्रेस समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि अब बंगाल में कांग्रेस को टीएमसी निशाना बना रही है। केंद्र में मोदी सरकार एक दूसरे से लड़ाकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना चाहती है। इसे कांग्रेस बर्दाश्त नहीं करेगी। ममता की सोच पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल गांधी और सोनिया को बुलाते हैं, परंतु यहां के प्रदेश कांग्रेस को बिग्रेड के लिए निमंत्रण नहीं देते। यह उनकी सोच और कांग्रेस के प्रति उनके भाव को प्रकट करता है। सभा को शुभांकर सरकार, अलोक चक्रवर्ती, शंकर मालाकार, वीपी सिंह, अमजद अली आदि ने भी संबोधित किया। मंच पर विधायक सुनील तिर्की, पार्षद सुजय घटक, पूर्व मेयर गंगोत्री दत्त, पार्षद पिंटू घोष, सुबीन भौमिक आदि मौजूद रहे। सभा के बाद सभी कांग्रेसी समर्थक रैली के रूप में एसडीओ कार्यालय की ओर बढ़े। पुलिस की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। पहले पुलिस के घेरे को प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया। जब और आगे बढ़े तो पहले से तैयार किए गए पुलिस के घेरे को नहीं तोड़ पाए। लगभग 15 मिनट तक जोर आजमाइश होती रही। तनाव के बीच एसीपी अभिजीत साहा ने घोषणा की कि सभी ढाई हजार प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जाता है और उन्हें छोड़े जाने की घोषणा के बाद प्रदर्शनकारी लौट गए।
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