सिलीगुड़ी, स्नेहलता शर्मा। शाम के वक्‍त कुछ तीखा और चटपटा खाने का दिल करें तो चले आइए ससुर जी के ठेले पर। इस समय कुछ मीठा और तीखा और स्वादिष्ट खाने को मिल जाए तो मन को बेहद सुकून मिलता है। ऐसे में यदि चटपटा बर्गर और मोमो मिल जाए तो फिर कहना ही क्या। इसके लिए आपको सेवक रोड पर जाना होगा। यहां ससुर जी यानि राजू का ठेला काफी प्रसिद्ध है,जो प्रतिदिन ग्राहकों की सेवा में हाजिर रहता है। दरअसल ठेले के मालिक ने इसका नाम अपने ससुर जी राजू के नाम पर रख दिया है। ठंड हो या बारिश या फिर गर्मी राजू का ठेला आपको हर मौसम में मिलेगा।

इस ठेले की विशेषता यह है कि यहां आप मोमो के साथ बर्गर का भी मजा ले सकते हैं। यहां एक बर्गर की कीमत तीस रुपये है। वहीं एक प्लेट मोमो की कीमत चालीस रुपये है। तीखा-मीठा स्वाद लिए बर्गर को एक बार नहीं बार-बार खाने का मन करता है। वहीं मोमो का जलवा भी कुछ कम नहीं है। इस ठेले को चलाने वाले शिवकुमार गुप्ता का कहना है कि वे बीस वर्षो से इस कार्य को करते आ रहे हैं। ये ठेला उनके ससुर राजू चलाते थे। वर्ष 2013 में उनकी मृत्यु हो गई। उसके उपरांत वे ही इस ठेले को चला रहे हैं। उन्हीं से मोमो, बर्गर, पावभाजी, भेल सहित अन्य कई चटपटे व्यंजन बनाना सीखा था। ठेले का नाम ससुर जी पर शिवकुमार गुप्ता ने कहा कि ससुर जी ही उनके गुरु हैं। इसलिए ठेले का नाम भी ससुर जी के नाम पर रख दिया। वे कहते थे कि हमेशा ग्राहकों को फ्रेश व्यंजन देना। बासी का उपयोग कभी मत करना। इससे स्वाद तो खराब होता ही है साथ में सेहत को भी नुकसान पहुंचता है।

आज भी मोमो और बर्गर बनाते समय हमेशा ताजी सब्जियों का प्रयोग करते हैं, ताकि ग्राहकों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो। ताजी सब्जियों के प्रयोग से स्वाद तो बढ़ता ही है साथ में अपने दिल को भी बेहद सुकून मिलता है। ग्राहकों का विश्वास ही है कि आज भी उनके ससुर के नाम से चलने वाले ठेले पर ग्राहकों की भीड़ रहती है। वे भी पूरी शिद्दत के साथ अपने कार्य को करते हैं।

Edited By: Sumita Jaiswal