दिमागी संतुलन खराब करता है शराब
-कोरोना काल में इससे बचकर ही बचा सकते है जीवन -लगातार बढ़ रहे पीने वालों की संख्या बीमा
-कोरोना काल में इससे बचकर ही बचा सकते है जीवन
-लगातार बढ़ रहे पीने वालों की संख्या, बीमार हो रहा आज का युवा
- जरुरत है सामाजिक जिम्मेदारी बढ़ाने की, युवाओं में जनजागरुकता की
अशोक झा, सिलीगुड़ी :
पूर्वोत्तर का प्रवेशद्वार सिलीगुड़ी। यहां और इससे जुड़ी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर शराब पीना और पिलाना ज्यादातर लोगों का स्टेटस बन गया है। दैनिक जागरण जो इस पूरे क्षेत्र में पढ़े जाने वाला नंबर वन समाचार पत्र है। वह हमेशा ही सामाजिक सरोकार से जुड़ी बातों को ध्यान में रखकर अपने समाचार पत्र में उसे उचित स्थान देता रहा है। आज इसी कड़ी में स्वच्छ समाज की बात की जा रही है। इसके जरुरी है कि समाज में शराब का प्रचलन बंद हो। यहां पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए,मुझे पीने का शौक नही .कई ऐसे गीत है जो शराब के लिए चाहत, इसका सेवन करने के बहाने और इस पर कई किस्म के जुमले, शायरी या गीत मशहूर हो सकते हैं। अंग्रेजी नया वर्ष आने वाला है। ऐसे में इसकी खपत भी लगातार बढ़गी। कोरोना काल में इससे होने वाले नुकसान से अंजान युवा अंजान है। युवा नशा के लत के लगातार शिकार हो रहे है। शराब को शरीर का सबसे बड़ा दुश्मन इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह एक साथ कई अंगों को नुकसान पहुंचाती है। इससे न केवल लीवर खराब होता है, बल्कि दिमाग पर भी उल्टा असर पड़ता है। यह कहना है डाक्टर समर्थ अग्रवाल का। उन्होंने 'दैनिक जागरण' से बात करते हुए बताया कि एक अध्ययन के अनुसार, शराब की एक घूंट महज 30 सेकंड में दिमाग तक अल्कोहल पहुंचाने के लिए काफी है। दिमाग में पहुंच कर यह अल्कोहल उन केमिकल्स और प्रोसेस को प्रभावित करता है। यह दिमाग से संदेश लेकर शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंचाता है। इसी के कारण दिमाग के काम करने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है और इसका संतुलन गड़बड़ा जाता है।
जरा समझे कितनी घातक है शराब
शराब का सबसे ज्यादा असर किडनी पर पड़ता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, शराब के सेवन से दिमाग उस हार्मोन को प्रभावित करता है जो किडनियों को अधिक मात्रा में यूरिन बनाने से रोकता है। यानी शराब पीने से बार-बार पेशाब के लिए जाने की जरूरत महसूस होती है। लंबे समय तक ऐसी स्थिति रहे तो किडनी खराब हो सकती है। शरीर में जाने के बाद अल्कोहल को प्रोसेस करने का काम लीवर करता है। इस तरह अल्कोहल में शामिल कई टॉक्सिन्स लिवर तक पहुंचते हैं। इनके कारण लिवर फूल जाता है, जिसे फैटी लिवर कहा जाता है और यह खराब हो सकता है। डायबिटीज का सबसे ज्यादा खतरा शराब पीने वालों को होता है। कारण-शरीर में इन्सुलिन बनाने का काम पैंक्रियाज यानी अग्नाशय का होता है और अल्कोहल इस काम में बाधा बनता है। लंबे समय तक अधिक शराब पीने से शरीर पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन नहीं बना पाता है और व्यक्ति डायबिटीज का मरीज बन जाता है। समय रहते शराब पर काबू न पाया जाए तो यह स्थिति पैंक्रियाटिक कैंसर में बदल जाती है। शराब का असर पाचन पर पड़ता है। ज्यादा शराब पीने से एसिडिटी की समस्या होती है। क्योंकि अल्कोहल से पेट की अंदरूनी दीवार पर असर पड़ता है। पेट की इन्हीं अंदरूनी दीवारों से पाचक रस निकलता है। जब यह पाचक रस और अल्कोहल मिलता है तो एसिडिटी होती है।
शराब की लत छुड़ाने के तरीके
खुद इस लत पर काबू नहीं पा सकता है। उसे परिवार, दोस्तों और समाज की मदद की जरूरत होती है। इसलिए प्यार से बात करते हुए मरीज को आत्मविश्वास दिलाया जाए कि वह शराब के बिना बेहतर जिंदगी जी सकता है। शराब की लत छोड़ने में व्यायाम और अच्छा खान-पान अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बताया कि नियमित रूप से व्यायाम किया जाए तो सालों की शराब की लत के कारण मस्तिष्क को हुए नुकसान की भरपाई की जा सकती है। व्यायाम का फायदा यह भी है कि इससे तनाव से मुक्ति में मदद मिलती है। मूड में सुधार आता है। शराब की लत कम पड़ने लगती है। जो लोग व्यायाम करते हैं, वे रात में अच्छी नींद लेते हैं। यदि शराब की लत से छुटकारा पाना है तो मॉर्निंग वॉक, रनिंग, साइक्लिंग, स्वीमिंग या एरोबिक्स को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लें। योग और एक्यूपंचकर भी शराब छुड़ाने में कारगर साबित हुए हैं। शवासन, वज्रासन, बालासन, पश्चिमोत्तानासन फायदेमंद हैं।
सही आहार जरूरी
सही आहार शराब को दूर भगा सकता है। ज्यादा शराब पीने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। वहीं विटामिन बी 12 और विटामिन सी युक्त भोजन शराब की लत कम करने में मदद करते हैं। करेला, अजवाइन और खजूर शराब के नुकसान की भऱपाई में कारगर साबित हुए हैं। खासतौर पर खजूर का काढ़ा लिवर से शराब के जहरीले पदार्थ बाहर निकालने में फायदेमंद है।
इंसेट.
नजर आएं ये लक्षण तो समझिए पड़ गई है शराब की लत
- खाना कम खाना या ठीक से नहीं खाना
- अकेले शराब पीना, शराब पीने के बहाने खोजना, शराब के लिए कोई भी नुकसान झेलने को तैयार रहना, भारी तनाव या परेशानी हो तो भी शराब पीना
, बात-बात में गुस्सा होना, चिढ़ना
,खुद का ख्याल नहीं रखना, शराब नहीं मिलने पर हाथ-पाव कापना इसके प्रमुख लक्षण है।