अब कोरोना का टिका को बनाया साइबर क्राइम का माध्यम
-किसी के कहने पर न दे अपना आधार नंबर और ओटीपी जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी जी हा यह
-किसी के कहने पर न दे अपना आधार नंबर और ओटीपी
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : जी हा, यह हम नहीं बल्कि कहना है शहर के अधिवक्ता निहार रंजन चाकी का। उनका कहना है कि अब साइबर अपराधी बैंक खाता की डिटेल्स और एटीएम का पिन नहीं, आधार नंबर पूछ कर इसके माध्यम से कोरोना महामारी के लिए लगाए जाने वाले टिका को साइबर क्राइम का हथियार बना रहे है। इन दिनों राज्य सरकार की कई प्रकल्प के साथ टिकाकरण के लिए मैसेज आ रहे है। ऐसे में साइबर क्राइम से जुड़े लोग इसे भी अपना शिकार बनाने में लगे है। उन्होंने बताया कि इन दिनों इसके आधार पर लोगों से उनके आधार नंबर और ओटीपी मांगा जा रहा है। कहा जाता है कि टिका के साथ सरकार की ओर से उनके खाते में पैसा आएगा। फोन नंबर और बैंक खाते से लिंक कराने के नाम पर लाखों रुपये का चपत लगा रहे हैं। हाल के दिनों में साइबर अपराधियों ने ठगी का ट्रेंड बदल लिया है। लोग अब इस नए तरीके में फंस रहे हैं। ठग आपके आधार कार्ड का नंबर आपसे हासिल करते हैं। आधार नंबर से साइबर अपराधी लोगों के खाता नंबर का विवरण निकालकर आसानी से लोगों की गाढ़ी कमाई पर चपत लगा रहे हैं। हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें आधार नंबर पूछकर खाते से पैसे की निकासी की गई है। इन नए तरीके से साइबर पुलिस के होश उड़ गए। पुलिस साइबर अपराधियों को पकड़ने में भी फेल साबित हो रही है। साइबर थाने पहुंचे मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसी प्रकार मिलनमोड़ में रहने वाले अजय कुमार और संजय कुमार ने बताया कि कुछ दिनों पहले एक युवक ने फोन करके आधार नंबर मागा था। साथ ही उसके एकाउंट और मोबाइल नंबर को आधार कार्ड से अपडेट करने की बात कही थी। हैकरों ने आधार कार्ड का ओटीपी, बैंक का ओटीपी मागा, जिसे उसने बिना ज्यादा तफ्तीश किए सौंप दिया। उसके जरिए उनके एकाउंट को हैक कर दिया गया था। इसको लेकर सभी को सावधान रहना चाहिए। डीसीपी जय टुडू का कहना है कि अगर कोई आधार का नंबर मांगे या लिंक कराने की बात करें तो आप तुरंत स्थानीय थानों से संपर्क करें। इससे आप साइबर क्राइम के शिकार होने से बच सकते है।