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नगर निगम में पक्ष और विपक्ष के बीच सिर्फ हंगामा,काम नदारद

सफरनामा -पूरे साल मेयर और मंत्री के बीच चलती रही खटपट -राज्य सरकार से आर्थिक सहयोग

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Dec 2019 07:38 PM (IST)Updated: Thu, 26 Dec 2019 07:38 PM (IST)
नगर निगम में पक्ष और विपक्ष के बीच सिर्फ हंगामा,काम नदारद
नगर निगम में पक्ष और विपक्ष के बीच सिर्फ हंगामा,काम नदारद

सफरनामा :

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-पूरे साल मेयर और मंत्री के बीच चलती रही खटपट

-राज्य सरकार से आर्थिक सहयोग नहीं मिलना सबसे बड़ा मुद्दा

-बकाया हासिल करने मेट्रो चैनल पर तक धरना

-शहर में डेंगू ने भी बरपाया कमाल,नगर निगम पर सवाल

-सफाई अभियान के तमाम दावे भी खोखले साबित हुए

शिवानंद पांडेय,

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम के लिए वर्ष 2019 पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप में ही बीत गया। जिसे नगर निगम की जनता याद नहीं रखना चाहेगी। सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र के विकास को लेकर जहां नगर निगम बोर्ड में काबिज वाम मोरचा के मेयर अशोक भट्टाचार्य विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा आर्थिक रुप से सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते रहे, वहीं विपक्ष भी सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में विकास कार्य कर पाने में मेयर को पूरी तरह से विफल करार देते रहे। विपक्ष ने उनपर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ा। जबकि पक्ष-विपक्ष के रार का खमियाजा सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र के आमलोग भोगते रहे।

सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य राज्य सरकार के पास नगर निगम का लगभग तीन सौ करोड़ रुपये बकाया रहने का आरोप लगाते रहे हैं। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार के पास नगर निगम के लगभग तीन सौ करोड़ रुपये बाकी हैं। अगर अन्य परियोजनाओं को भी शामिल कर दिया जाए, तो यह आकड़ा 12 सौ करोड़ से ज्यादा का होगा। राज्य सरकार से यह राशि नहीं मिलने से विकास कार्य प्रभावित हो रहा है। उन्होंने उत्तर बंगाल के अन्य नगर पालिकाओं जलपाईगुड़ी, धूपगुड़ी, मेखलीगंज व मिरिक नगरपालिक से भी कम राशि सिलीगुड़ी नगर निगम को देने का आरोप राज्य सरकार पर लगाया था। बकाए राशि जारी करने की मांग को लेकर मेयर इस वर्ष कोलकाता के मेट्रो चैनल के पास धरने पर भी बैठे थे। वहीं राज्य सरकार द्वारा जारी राशि नगर निगम बोर्ड के खर्च नहीं कर पाने का आरोप लगाते हुए विपक्ष मेयर पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ता था। इस मामले को लेकर मेयर अशोक भट्टाचार्य और राज्य के पर्यटन मंत्री तथा दार्जिलिंग जिला तृणमूल अध्यक्ष गौतम देव के बीच तनातनी जग जाहिर है। पूरे वर्ष दोनों वाकयुद्घ में लगे रहे। सिलीगुड़ी नगर निगम के विकास के लिए दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के तत्कालीन सांसद एसएस अहलूवालिया समेत विभिन्न राज्यसभा सांसदों द्वारा जारी सांसद निधि की राशि भी जिला प्रशासन की ओर से राज्य सरकार के इशारे पर जारी नहीं करने का आरोप मेयर लगाते रहे।

डेंगू को लेकर भी खूब हुई राजनीति

सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में इस बार डेंगू के भयंकर प्रकोप पर भी पक्ष-विपक्ष के बीच खूब राजनीति हुई। निगम क्षेत्र में डेंगू से लगभग एक हजार लोग प्रभावित हुए थे। चार से पांच मरीजों की मौत भी हुई थी। शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर सिलीगुड़ी नगर निगम में मुख्य विपक्षी दल तृणमल कांग्रेस बार-बार निशाना साधती रही।

हाउजिंग फॉर ऑल परियोजना पर अनियमितता का आरोप

सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में जरूरतमंदो के लिए शुरू हाउजिंग फॉर ऑल परियोजना में बड़े पैमाने पर अनियमितता का आरोप विपक्ष ने लगाया था। उन्होंने कहा था कि इस परियोजना के लिए राज्य सरकार द्वारा साढ़े चार करोड़ रुपये दिए गए। जबकि इस परियोजना में व्यापक स्तर पर घोटाला हुआ है। लाभान्वितों की दी गई सूची से बाहर के लोगों को पैसे लेकर शामिल किया गया है।

वहीं मेयर अशोक भट्टाचार्य ने एक बार फिर कहा था कि इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार से 6 करोड़ 28 लाख रुपये प्राप्त हुए थे। इस परियोजना के तहत दो हजार घर बनाया जाना था। निगम के सभी पार्षदों से बातचीत कर उनसे सूची मांगी गई थी। कुछ नाम ऐसे भी सामने आए, जो दो हजार की सूची से बाहर के थे। मेयर ने इस मामले की जांच करने के लिए कमेटी भी गठित की थी।

हवा-हवाई रहा प्लास्टिक कैरीबैग पर प्रतिबंध

सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न बाजारों में प्लास्टिक कैरीबैग के धड़ल्ले से जारी उपयोग इस बात की पाले खोलने के लिए काफी है है कि प्लास्टिक कैरीबैग पर प्रतिबंध का कोई असर नहीं हुआ है। नौ साल पहले सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र को प्लास्टिक कैरीबैग मुक्त शहर घोषित गया था। जबकि यह सिर्फ घोषणा भर ही रह गया। वर्ष 2010 में ही विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सिलीगुड़ी को प्लास्टिक कैरीबैग मुक्त शहर घोषित किया था। इसे रोकने के लिए कुछ दिन अभियान भी चलाए गए। साल में एक या दो दिन कुछ हिस्सों में अभियान चलाकर बंद कर दिया जाता है। सिलीगुड़ी नगर निगम की तत्कालीन कांग्रेसी बोर्ड की ओर से प्लास्टिक कैरीबैग का उपयोग करने वालों पर दंड का भी प्रावधान किया गया था। इसके तहत प्लास्टिक कैरीबैग का उपयोग करने वाले दुकानदारों पर पांच सौ रुपये व ग्राहकों पर 50 रुपये के जुर्माने लगाए जाने का प्रावधान किया गया। जबकि सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन का प्लास्टिक कैरीबैग मुक्त शहर की घोषणा सिर्फ घोषणा भर ही रह गई। इसका उपयोग वर्तमान समय में धड़ल्ले से हो रहा है। वाम मोरचा संचालित सिलीगुड़ी नगर निगम बोर्ड सिर्फ इसी साल नहीं बल्कि अपने पूरे कार्यकाल में लोगों को नागरिक परिसेवा मुहैया कराने में पूरी तरह से विफल है। सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। डेंगू का कहर किसी से छुपा नहीं है। मेयर नगर निगम के क्षेत्र में कम, घूमने में ज्यादा समय देते रहे हैं।

- रंजन सरकार, विपक्ष के नेता, सिलीगुड़ी नगर निगम राज्य सरकार के तमाम असहयोग के बाद भी लोगों को नागरिक परिसेवा मुहैया कराने में पूरा ध्यान दिया गया है। सैकड़ों करोड़ रुपया राज्य सरकार के पास बकाया है। बार-बार पत्र लिखने व विभागीय मंत्री से मिलने के बाद भी राशि जारी नहीं की गई। सिलीगुड़ी नगर निगम के साथ भेद-भाव किया गया। इसके बाद भी हर संभव विकास कार्य किया गया है। डेंगू रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम किया गया। निगम क्षेत्र में रास्तों की मरम्मत व सफाई पर ध्यान दिया गया।

अशोक भट्टाचार्य, मेयर,सिलीगुड़ी नगर निगम


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