बिना पासपोर्ट व वीजा के बौद्ध भिक्षु के रूप में नेपाल से भारत में घुसते रूसी गिरफ्तार
भारत-नेपाल सीमा पर पानी टंकी के पास नेपाल से बौद्ध भिक्षु के रूप में भारत में प्रवेश करते एक रूसी नागरिक गिरप्तार किया गया। उसके पास पासपोर्ट व वीजा नहीं था।
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- पिछले सात वर्षो से रह रहा था नेपाल में, बौद्ध धर्म से जुड़कर कर रहा प्रचार
- कोलकाता जाने के क्रम में पानी टंकी में भारत-नेपाल सीमा पर पकड़ा गया
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 41वीं बटालियन की टीम ने नेपाल से भारतीय क्षेत्र में बिना पासपोर्ट के प्रवेश करने के आरोप में एक रूसी नागरिक को गिरफ्तार किया है। उसके पास से 60 हजार 470 भारतीय रुपये, 10 का नेपाली नोट व भारत का मानचित्र बरामद किया है।
उसका नाम सेर्गेय डेमिन उर्फ संगे डेमीन उर्फ रेगजीन (46) है। वह रूस के क्रॉसनेडर के मकान संख्या 145/एक का निवासी है।
खोरीबाड़ी थाना की पुलिस ने उसके खिलाफ खोरीबाड़ी थाना कांड संख्या 282/14 विदेशी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए बुधवार को सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश किया। कोर्ट से उसे 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया है। एसएसबी की 41वीं बटालियन के कमांडेंट राजीव राणा और खोरीबाड़ी थाना प्रभारी भूषण छेत्री ने बताया कि रूसी नागरिक मंगलवार की देर शाम पानीटंकी से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर रहा था। एसएसबी की ओर से उसे रोककर जांच की गई। उसके पास से नकद भारतीय व नेपाली रुपये पाए गए। उसने बौद्ध भिक्षुक की ड्रेस पहन रखी थी, परंतु बातचीत करने में स्पष्ट लग रहा था कि वह विदेशी मूल का नागरिक है। काफी देर तक उसके साथ पूछताछ के बाद जानकारी हो पाई कि वह रूस का नागरिक है। जब उससे पासपोर्ट और वीजा की मांग की गई तो उसने असमर्थता जताई। फिर इसकी जानकारी एसएसबी के अधिकारियों को दी गई। एसएसबी के अधिकारी वहां पहुंच उससे दोबारा गहन पूछताछ कर मामला समझने की कोशिश करते रहे।
जब आश्वस्त हो गया कि यह विदेशी नागरिक ही है और उसके पास पासपोर्ट नहीं है तो आवश्यक कार्रवाई करते हुए पानीटंकी से 25 किलोमीटर दूर खोरीबाड़ी थाना ले जाया गया। वहां देर रात कागजी कार्रवाई करते हुए उसे पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस और एसएसबी की पूछताछ में जो बातें सामने आईं, उनके अनुसार वह करीब आठ वर्ष पूर्व पासपोर्ट और वीजा के साथ नेपाल आया था। यहां एक वर्ष रहने के बाद बौद्ध भिक्षुओं की संगत में आया और बौद्ध भिक्षु बनने का संकल्प लिया।
वर्ष 2011 को उसने अपना पासपोर्ट भी जला डाला। वह अपने देश नहीं जाना चाहता। पूछताछ में उसने पुलिस और एसएसबी अधिकारियों को बताया कि वह बौद्ध धर्म से जुड़े गीत-संगीत सीखने कोलकाता जा रहा था। भारतीय नक्शा के संबंध में बताया कि इसे सिर्फ स्थान की जानकारी के लिए रखा था। वह भारतीय क्षेत्र के संबंध में ज्यादा कुछ नहीं जानता था। इस पूरे मामले की जांच पुलिस के अलावा सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों द्वारा भी प्रारंभ की गई है।