सिलीगुड़ी में रैली निकाल कर केंद्र व राज्य सरकार को बताया गया गरीब विरोधी
पश्चिम बंगाल उन्नयन समिति के तत्वावधान में शहर में रैली निकालकर केंद्र व राज्य सरकार को जमकर कोसा गया। कहा गया कि दोनों सरकारें गरीब विरोधी हैं।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Sat, 24 Nov 2018 10:40 AM (IST)Updated: Sat, 24 Nov 2018 10:40 AM (IST)
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। पश्चिम बंगाल उन्नयन समिति के तत्वावधान में शहर में एक रैली निकाल कर केंद्र की मोदी व राज्य की ममता सरकार को निशाने पर लिया गया। कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दोनों गरीब विरोधी हैं।
समिति के दार्जिलिंग जिलाध्यक्ष सह नगर निगम के कमिश्नर दिलीप सिंह ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में कुल 155 बस्तियां हैं, लेकिन जब से टीएमसी सत्ता में आई है, इन बस्तियों में किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी जा रही है। ज्यादातर बस्तियां रेलवे की जमीन व नदियों के किनारे हैं। राज्य सरकार इन बस्तियों को उजाडऩे की तैयारी कर रही है। गरीब को बिजली प्रति यूनिट 6.30 रुपये उपलब्ध कराई जा रही है। रसोई गैस एक हदार रुपये प्रति सिलेंडर हो गया। इन्हीं सब समस्याओं के खिलाफ 25 नंबर को आयोजित जिला सम्मेलन में आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।
विधायक सह नगर निगम के मेयर अशोक नारायण भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार गरीबों की अनदेखी कर रही है। बेरोजगारी बढ़ रही है। वाममोर्चा के शासनकाल में मेरे द्वारा प्रतिवर्ष एक रुपये की दर से जो जहां बसा, उस जमीन के कागजात मुहैया कराना शुरू किया गया था। उसे ममता सरकार ने बंद कर दिया। 641 परिवारों को सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी जमीन का पट्टा नहीं दिया जा रहा है। माकपा नेता मुंशी नुरूल इस्लाम ने कहा कि आज जमीन नहीं होने के कारण लोगों को घर नहीं मिल पा रहे हैं। लोगों का राशनकार्ड छीन लिया गया है। प्रशासन की ओर से निर्देश दिए जा रहे हैं कि बस्ती में बसे लोगों को होल्डिंग नंबर नहीं दिए जाए। रैली बाघाजतिन पार्क के बाहर से शूरू होकर एयरव्यू तक गई। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।
समिति के दार्जिलिंग जिलाध्यक्ष सह नगर निगम के कमिश्नर दिलीप सिंह ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में कुल 155 बस्तियां हैं, लेकिन जब से टीएमसी सत्ता में आई है, इन बस्तियों में किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी जा रही है। ज्यादातर बस्तियां रेलवे की जमीन व नदियों के किनारे हैं। राज्य सरकार इन बस्तियों को उजाडऩे की तैयारी कर रही है। गरीब को बिजली प्रति यूनिट 6.30 रुपये उपलब्ध कराई जा रही है। रसोई गैस एक हदार रुपये प्रति सिलेंडर हो गया। इन्हीं सब समस्याओं के खिलाफ 25 नंबर को आयोजित जिला सम्मेलन में आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।
विधायक सह नगर निगम के मेयर अशोक नारायण भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार गरीबों की अनदेखी कर रही है। बेरोजगारी बढ़ रही है। वाममोर्चा के शासनकाल में मेरे द्वारा प्रतिवर्ष एक रुपये की दर से जो जहां बसा, उस जमीन के कागजात मुहैया कराना शुरू किया गया था। उसे ममता सरकार ने बंद कर दिया। 641 परिवारों को सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी जमीन का पट्टा नहीं दिया जा रहा है। माकपा नेता मुंशी नुरूल इस्लाम ने कहा कि आज जमीन नहीं होने के कारण लोगों को घर नहीं मिल पा रहे हैं। लोगों का राशनकार्ड छीन लिया गया है। प्रशासन की ओर से निर्देश दिए जा रहे हैं कि बस्ती में बसे लोगों को होल्डिंग नंबर नहीं दिए जाए। रैली बाघाजतिन पार्क के बाहर से शूरू होकर एयरव्यू तक गई। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें