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कलकत्ता उच्च न्यायालय की जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच को लेकर की जा रही राजनीति

कलकत्ता हाईकोर्ट की जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच शुरू करने को लेकर राजनीति की जा रही है। इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने है। दोनों पार्टियां इसे भुनाना चाहती हैं।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 12:03 PM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 12:03 PM (IST)
कलकत्ता उच्च न्यायालय की जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच को लेकर की जा रही राजनीति
कलकत्ता उच्च न्यायालय की जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच को लेकर की जा रही राजनीति
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। कलकत्ता उच्च न्यायालय की सर्किट बेंच के जलपाईगुड़ी में न शुरू होने से राजनीति गरम हो गई है। इसे गत 17 अगस्त से ही शुरू होना था। भवन बनकर उद्घाटन की बाट जोट रहा है।तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार बताते हुए इसे लोकसभा चुनाव के पूर्व 19 जनवरी को होने बाले कोलकोता ब्रिगेड समावेश में मुद्दा बनाना चाहती है। भाजपा इसका श्रेय खुद लेना चाहती है।
बंगाल में भाजपा नेता सह चुनाव प्रभारी मुकुल रॉय का कहना है कि बंगाल में जनता के हित में जो भी काम करने में राज्य सरकार विफल रही है, उसे भाजपा केंद्र की मदद से या जनता को सड़क पर लाकर हर हाल में पूरा करेगी। टीएमसी की ओर से मंत्री गौतम देव, रवींद्र घोष और सौरभ चक्रवर्ती का कहना है कि बंगाल की जनता भाजपा के बहकावे में नहीं आने वाली है। मुख्यमंत्री ने उत्तर बंगाल के लोगों के लिए जो भी वायदे किए, पूरा किया है। आगे भी किया जाएगा।
मालूम हो की इस सर्किट बेंच के शुरू होने से उत्तर बंगाल के लोगों को रिट दायर करने कोलकाता नहीं जाना होगा। मालदह के लोगों को जलपाईगुड़ी जाना काफी कठिन था, इसलिए इसे इसके दायरे से बाहर रखा गया है। इसमे उत्तर बंगाल के पुराने पांच जिलाें को ही शामिल किया गया है। राजनीतिक गलियारे में यह बात सामने आ रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिलीगुड़ी में 16 दिसंबर को आयोजित जनसभा में जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच का मुद्दा उठा सकते हैं। 

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