Move to Jagran APP

हाइवे के साथ शहर में भी बने पिंक टॉयेलट

-महिलाओं की परेशानियों पर देना होगा विशेष ध्यानसरकार और प्रशासन करे आवश्यक पहल जागर

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 07:47 PM (IST)Updated: Fri, 19 Feb 2021 07:47 PM (IST)
हाइवे के साथ शहर में भी बने पिंक टॉयेलट
हाइवे के साथ शहर में भी बने पिंक टॉयेलट

-महिलाओं की परेशानियों पर देना होगा विशेष ध्यान,सरकार और प्रशासन करे आवश्यक पहल

loksabha election banner

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : जिस तरह से पूरे देश में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, इससे निश्चित ही विकास के नए-नए अवसर प्रदान हो रहे हैं। लंबी दूरी की अच्छी सड़कें बनने से लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में काफी सुविधा मिल रही है। हालांकि इन सबके बीच कुछ ऐसी छोटी-छोटी समस्याएं रहती हैं, जिन पर ध्यान नहीं देने से गंभीर से गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। जिनमें प्रमुख समस्या है हाइवे पर लेडिज टॉयलेट का न होना। खासकर महिलाओं को इससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। महिलाओं की इन समस्याओं के समाधान के लिए दैनिक जागरण ने अपने सामाजिक सरोकार के तहत राष्ट्रीय स्तर पर 'पिंक टॉयलेट' अभियान शुरू किया है। जिसमें महिलाओं से खासकर महिला संगठनों से बात कर यात्रा के दौरान महिलाओं को टॉयलेट संबंधी समस्याओं को जानने व इसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक ध्यान आकृष्ट कराने व इस समस्या का समाधान कराने का प्रयास किया जा रहा है।

इसी कड़ी के तहत शुक्रवार को दैनिक जागरण की ओर से सिलीगुड़ी में 'पिंक टॉयलेट' अभियान के तहत दैनिक जागरण, सिलीगुड़ी के वरिष्ठ समाचार संपादक गोपाल ओझा, महाप्रबंधक शुभाशीष जय हलदर, जागरण परिवार के अवधेश दीक्षित, स्नेहलता शर्मा, राजेश प्रसाद की उपस्थिति में कलवार सर्ववर्गीय महिला समाज, सिलीगुड़ी की पदाधिकारियों व सदस्यों के साथ कलवार पैलेस में परिचर्चा आयोजित की गई। जहां पर महिलाओं ने इस विषय पर अपनी परेशानियों को साझा किया।

दैनिक जागरण सिलीगुड़ी की ओर से पिंक टॉयलेट अभियान शुरू किया गया है,जो एक सराहनीय पहल है। हाईवे पर पिंक टॉयलेट का निर्माण होना चाहिए। यह स्त्रियों की बुनियादी जरूरत है। सफर के दौरान टॉयलेट की सुविधा ना होने की वजह से महिलाओं को शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्यादा देर तक यूरिन रोकने और पानी कम पीने की वजह से शरीर को कई खतरनाक बीमारियां आ घेरती है। मासिक चक्र के समय भी शौचालय की कमी बहुत ज्यादा खलती है। इसके साथ ही सिलीगुड़ी के सेठ श्री लाल मार्केट तथा विधान मार्केट में भी इस टॉयलेट की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए। पिंक टॉयलेट योजना में बायो टॉयलेट होना चाहिए। बायो टॉयलेट का आविष्कार रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन तथा भारतीय रेलवे द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। बायो टॉयलेट होने से पिंक टॉयलेट साफ सुथरा और बदबू रहित होगा तथा पानी की भी बचत होगी।

- भारती कुमारी, सचिव,कलवार सर्ववर्गीय महिला समाज, सिलीगुड़ी लंबी दूरी की यात्रा के दौरान हाइवे पर महिलाओं को बहुत अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। टॉयलेट तो अवश्य बनना चाहिए। परंतु सबसे मुख्य बात है कि उसकी साफ-सफाई का भी ख्याल रखा जाना आवश्यक है। सफाई की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। तभी कई प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है। माहवारी के समय भी टॉयलेट की बहुत जरूरत पड़ती है। पिंक टॉयलेट कार्य में हर संभव सहयोग हम दैनिक जागरण को देने के लिए तैयार हैं।

- प्रतिमा गुप्ता, अध्यक्ष सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हाइवे पर टॉयलेट की व्यवस्था होनी चाहिए। ऐसे स्थान पर टॉयलेट बनाया जाना चाहिए जो महिलाओं के लिए सुरक्षित हो। हमने देखा है कि टॉयलेट तो बना दिया जाता है किंतु उसकी साफ-सफाई नहीं की जाती है। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। वहां पर महिलाओं को सफाई का जिम्मा सौंपा जाए तो एक पंथ दो काज वाली कहावत चरितार्थ हो जाएगी। इससे टॉयलेट तो साफ रहेगा ही साथ में महिलाएं आत्मनिर्भर बन पाएगी।

-स्वाती प्रसाद, अध्यक्ष, अखिल भारतीय व्याहूत कलवार महासभा महिलाओं को भी चाहिए कि वे टॉयलेट को साफ-सुथरा रखें। अक्सर देखा जाता है कि महिलाएं फ्लश नहीं करती हैं। जिससे उनके बाद जो भी टॉयलेट का यूज करता है उसको इंफेक्शन का खतरा अधिक रहता है। इसलिए जब भी आप टॉयलेट जाएं पहले फ्लश करें और यूज करने के बाद भी फ्लश करें। इससे स्वस्थ समाज का निर्माण होगा और महिलाएं कई बीमारियों से बच पाएगी। हमें पूरी उम्मीद है कि दैनिक जागरण द्वारा चलाया गया अभियान जरूर सफल होगा।

- रीता गुप्ता सिर्फ हाइवे पर ही नहीं बल्कि पिकनिक स्पॉट पर भी टॉयलेट बनना चाहिए। कई बार हम यात्रा के दौरान ये सोचकर पानी नहीं पीते है कि कहीं टॉयलेट ना आ जाए। ऐसे में पानी नहीं पीने से कई बीमारियां होने का चांस अधिक रहता है। पिंक टॉयलेट का निर्माण अवश्य होना चाहिए ताकि महिलाएं निश्चित होकर सड़क मार्ग से यात्रा कर सके। यह एक गंभीर समस्या है। सभी संबंधित पक्षों को इस पर गंभीरता के साथ विचार करना चाहिए।

- रीता जायसवाल, कोषाध्यक्ष हम सोच रहे हैं कि जो सोच दैनिक जागरण लेकर आया है वो बेहद सराहनीय है। वाकई में आप सभी बधाई के पात्र हैं। हाइवे पर टॉयलेट की व्यवस्था अवश्य होनी चाहिए। कई बार यूरिन को रोकना पड़ता है। जिससे कई बीमारिया हो जाती है। इसके साथ ही ब्रेस्ट फिडिंग की भी व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि हम अपने बेबी का सुकून के साथ ब्रेस्ट फिडिंग करा सकें। इस दिशा में सभी को मिलकर पहल करनी होगी। तभी मंजिल पर पहुंच पाना संभव होगा।

- रोजी प्रसाद देखा जाता है कि रास्ते में दूर-दूर तक कोई टॉयलेट नहीं रहता है। जिससे काफी देर तक यूरिन रोककर रखना पड़ता है, जिससे धीरे-धीरे किडनी संबंधी बीमारी की समस्या उत्पन्न होने का खतरा बढ़ जाता है। दैनिक जागरण द्वारा शुरू किया गया ये अभियान काफी सराहनीय है। इस तरह की पहल अभी तक नहीं की गई है। जब पहल होगी तभी तो आखिर बात बनेगी। सरकार और संबंधित विभाग को इस पर ध्यान देना चाहिए।

-प्रीति जायसवाल हाइवे पर टॉयलेट की व्यवस्था करना एक स्वस्थ समाज का निर्माण करना है। शहर और आसपास का इलाका पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। यहां काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। महिलाओं के लिए हाइवे पर टॉयलेट अवश्य बनना चाहिए। वहीं वहां पर रहने वाली महिलाओं को साफ-सफाई का काम सौंप दिया जाए तो वे आत्मनिर्भर बन पाएंगी। यह बेहद जरूरी पहल है। अब तक किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया था।

- संगीता प्रकाश, उपाध्यक्ष

टॉयलेट नहीं होने से काफी परेशानी होती है। खासकर जो महिलाएं बड़ी उम्र की है और कई बीमारियों से ग्रसित हैं, उनकी समस्याओं का अंदाजा नहीं लगा सकते। उन्हें बाजार में या फिर हाइवे से सफर करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दैनिक जागरण ने पिंक टॉयलेट की आवश्यकता पर जो अभियान शुरू किया है, इसकी जितनी भी सराहना की जाए उतनी कम है। इस समस्या पर ध्यान देते हुए लेडिज टॉयलेट के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

- सरस्वती प्रसाद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.