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महिला टॉयलेट बनाने की मांग ने पकड़ा जोर

- पिंक टॉयलेट अभियान से लगातार जुड़ रही है महिलाएं,दैनिक जागरण के पहले की सबने की सराहना जागरण संव

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Feb 2021 08:35 PM (IST)Updated: Wed, 17 Feb 2021 08:35 PM (IST)
महिला टॉयलेट बनाने की मांग ने पकड़ा जोर
महिला टॉयलेट बनाने की मांग ने पकड़ा जोर

- पिंक टॉयलेट अभियान से लगातार जुड़ रही है महिलाएं,दैनिक जागरण के पहले की सबने की सराहना

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जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : जिस तरह से पूरे देश में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, इससे निश्चित ही विकास के नए-नए अवसर पैदा हो रहे हैं। लंबी दूरी की अच्छी सड़कें बनने से लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में काफी सुविधा हो रही है। हालाकि इन सबके बीच कुछ ऐसी छोटी-छोटी समस्याएं रहती हैं जिन पर ध्यान नहीं देने से समस्या गंभीर हो जाती है। जिनमें प्रमुख समस्या है हाइवे पर महिला टॉयलेट का न होना। जिसके कारण महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। महिलाओं की इन समस्याओं के समाधान के लिए दैनिक जागरण ने अपने सामाजिक सरोकार के तहत राष्ट्रीय स्तर पर ' पिंक टॉयलेट' अभियान शुरू किया है। जिसमें महिलाओं और खासकर महिला संगठनों से बात कर टॉयलेट संबंधी समस्याओं को जानने की कोशिश हो रही है। उसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक इस गंभीर समस्या के प्रति ध्यान आकृष्ट कराने व इसके समाधान की कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी के तहत मंगलवार को दैनिक जागरण की ओर से सिलीगुड़ी में पिंक टॉयलेट ' अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के तहत दैनिक जागरण, सिलीगुड़ी के वरिष्ठ समाचार संपादक गोपाल ओझा, महाप्रबंधक शुभाशीष जय हलदर, जागरण परिवार के अवधेश दीक्षित, स्नेहलता शर्मा, राजेश प्रसाद की उपस्थिति में साहू महिला परिषद की पदाधिकारियों व सदस्यों के साथ परिचर्चा आयोजित की गई। जिनमें महिलाओं ने खुलकर अपनी बातें रखी।

लंबी दूरी की यात्रा के दौरान हाइवे पर महिलाओं को बहुत अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। टॉयलेट तो अवश्य बनना चाहिए। परंतु सबसे मुख्य बात है कि उसकी साफ-सफाई का भी ख्याल रखा जाना आवश्यक है। सफाई की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। तभी इस प्रकार की परेशानियों से बचा जा सकता है। इस कार्य में हम हर संभव सहयोग दैनिक जागरण को देने के लिए तैयार है।

-मंजू प्रसाद, अध्यक्ष सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हाइवे पर टॉयलेट की व्यवस्था होनी चाहिए। ऐसे स्थान पर टॉयलेट बनाया जाना चाहिए जो महिलाओं के लिए सुरक्षित हों। जहा पर टॉयलेट बनने से महिलाएं सुरक्षित रूप से अपनी परेशानी को दूर कर सकें। साथ ही निश्िचत होकर यात्रा हो पाए। सरकार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए। दैनिक जागरण ने जो पहल की है,वह सराहनीय है।

-बबीता कुमार, सहसचिव महिलाओं को भी चाहिए कि वे टॉयलेट को साफ-सुथरा रखें। अक्सर देखा जाता है कि महिलाएं फ्लश नहीं करती हैं। जिससे उनके बाद जो भी टॉयलेट का यूज करता है उसको इंफेक्शन का खतरा अधिक रहता है। इसलिए फ्लश अवश्य करें। सबको सचेत रहने की आवश्यकता है। तभी यह अभियान सफल होगा - निर्मला प्रसाद हम सोच रहे हैं कि जो सोच दैनिक जागरण लेकर आया है वो बेहद सराहनीय है। अफसोस है कि हम सब महिला होकर भी ऐसा नहीं सोच पाए। वाकई में आप सब बधाई के पात्र हैं। हाइवे पर टॉयलेट की व्यवस्था अवश्य होनी चाहिए। कई बार यूरिन को रोकना पड़ता है। जिससे कई बीमारिया शरीर में आ घेरती है।

-रेखा गुप्ता देखा जाता है कि रास्ते में दूर-दूर तक कोई टॉयलेट नहीं रहता है। जिससे काफी देर तक यूरिन रोककर रखना पड़ता है। जिससे धीरे-धीरे किडनी संबंधी बीमारी की समस्या उत्पन्न होने का खतरा बढ़ जाता है। दैनिक जागरण द्वारा शुरू किया गया ये अभियान काफी सराहनीय है। इस अभियान की सफलता की कामना है। - सरिता साहू हम एक ऐसे राज्य में निवास करते हैं जहा की मुख्यमंत्री स्वयं एक महिला हैं। एक महिला होने के नाते वे हमारी बात अवश्य समझेगी। दैनिक जागरण की इस पहल का हम तहे दिल से स्वागत करते हैं। हाइवे पर महिला टॉयलेट अवश्य बनना चाहिए। सरकार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए। -रेणु प्रसाद

मुख्यमंत्री ममता दीदी को हमारी पुकार अवश्य सुननी होगी। हम सब महिलाओं को आवाज उठाने की आवश्यकता है,तभी हाइवे पर टॉयलेट बन पाएगा। जिससे महिलाएं सड़क मार्ग पर पर निश्चित होकर सफर कर पाएंगी। यात्रा के दौरान उनको कोई परेशानी नहीं होगी। हर क्षेत्र से यह मांग उठनी चाहिए। - विभा गुप्ता हाइवे पर टॉयलेट की व्यवस्था करना एक नारी के मान-सम्मान को दर्शाता है। स्वस्थ समाज का निर्माण करना है। शहर और आसपास का इलाका पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। ऐसे में हाइवे पर टॉयलेट अवश्य बनाने की पहल करनी चाहिए। वहा पर रहने वाली महिलाओं को साफ-सफाई का काम सौंप दिया जाए तो वे आत्मनिर्भर बन पाएगी।

-लोपामुद्रा गुप्ता कहीं यात्रा के दौरान खासकर जो महिलाएं शुगर की मरीज हैं उन्हें तो और दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दैनिक जागरण ने हाइवे पर पिंक टॉयलेट की आवश्यकता का जो अभियान शुरू किया है, इसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है। इस समस्या पर ध्यान देते हुए महिला टॉयलेट के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

-तारा गुप्ता दाíजलिंग, कालिंपोंग व सिक्किम को केंद्रीत कर हर दिन हजारों पर्यटक सिलीगुड़ी आते हैं। काफी संख्या में पर्यटक अपने निजी वाहन से भी आते हैं। जबकि सिलीगुड़ी से दाíजलिंग, कालिंपोंग व सिक्किम के बीच कहीं भी महिलाओं के लिए टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। इन स्थानों पर टॉयलेट की व्यवस्था होनी चाहिए।

- गुड़िया गुप्ता महिलाएं जब बाजार में निकलती हैं तो घर वापस आने में काफी समय लग जाता है। हाइवे की तो बात ही छोड़िए शहर की मुख्य सड़कों पर भी टॉयलेट की व्यवस्था नही है। हम सब महिलाएं इसके लिए आवाज उठाएंगी। तभी इस अभियान को मूर्त रूप दिया जा सकेगा। इस अभियान को एक आंदोलन का रूप देना होगा।

-इंदु गुप्ता


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