Move to Jagran APP

लिम्बू-तामांग जनजाति के आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

लिम्बु-तामांग जनजाति को सिक्किम विधानसभा की सीटों पर आरक्षण का मुद्दा गरम होता जा रहा है।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 10:47 AM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 10:47 AM (IST)
लिम्बू-तामांग जनजाति के आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
लिम्बू-तामांग जनजाति के आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
गंगटोक [जागरण संवाददाता]। राज्य के लिम्बु-तमांग जनजाति समुदायों को विधानसभा में सीटों का आरक्षण दिलाने के लिए सिक्किम को प्राप्त विशेष संवैधानिक प्रावधान 371 (एफ) का प्रयोग किया जा सकता है। इसी आधार पर लिम्बु-तमांग वॉलेंटेरी कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। यह जानकारी कमेटी के अध्यक्ष येहांग चोंग ने पत्रकारों को दी है।
   उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में लिम्बु-तमांग को पूरी प्रक्रिया के साथ जनजाति की सूची में शामिल किया गया। लेकिन 17 वर्षों के बाद भी इसे विधानसभा में सीट का आरक्षण नहीं मिला। इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है, क्योंकि विधानसभा के सीट 32 से 40 वृद्धि कर ही लिम्बु-तमांग को पांच सीटें देने का प्रस्ताव केंद्र सरकार दिया गया। यही हमें सीट आरक्षण प्राप्त करने में बड़ी बाधा बनी हुई है, क्योंकि उक्त सीट वृद्धि की प्रक्रिया अलग व लंबी हो सकती है।
   सिक्किम को प्राप्त विशेष संवैधानिक धारा 371 (एफ) की उप धारा एफ में हमारे समुदायों भूटिया व लेप्चा की तरह जाति के आधार सीट आरक्षण कर सकते हैं। इस धारा की वजह से क्षेत्र सीमांकन, जनगणना व चुनाव की औपचारिकताओं से गुजरना नहीं पड़ेगा। इस दृष्टिकोण से विगत 2006, 2009 व 2014 के विधानसभा चुनाव संविधान का उल्लंघन हैं, क्योंकि हमें बिना सीट आरक्षण के तीन चुनावों लडऩा पड़ा। इन सभी तर्कों के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई है। इसका पंजीकरण अगले सप्ताह तक हो जाएगा।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.